अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

कौन है बृजभूषण सिंह

Share

भारत के महान लोकतंत्र में इन दिनों दो पक्ष आमने सामने हैं । एक तरफ हैं वे पहलवान जिन्होंने भारत के लिए ओलंपिक मेडल जीते हैं,  और दूसरी तरफ 38 अपराधिक मुकदमे झेल चुके बाहुबली बृजभूषण सिंह । ओलंपिक पदक जीतना कितना मुश्किल है यह बताने की आवश्यकता नहीं इसलिए आपके लिए यह जानना जरूरी है कि बृजभूषण सिंह कौन है ?

पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाहुबली बृजभूषण सिंह 6 बार सांसद रह चुके हैं । 5 बार भाजपा से और एक बार समाजवादी पार्टी से ।

1974 से 2007 तक उन पर चोरी, डकैती, हत्या और अपहरण के 38 मुकदमे दर्ज होने के बावजूद उन्हें एक में भी सजा नहीं मिली है. उन पर एक बार गुंडा एक्ट और तीन बार असामाजिक गतिविधियों रोकथाम  कानून के अंतर्गत केस फाइल हुआ ,मगर वे अधिकांश मुकदमों में बरी हो चुके हैं।

लल्लनटॉप को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलेआम खुद कबूला है- “लोग कुछ भी कहें पर मैंने जिंदगी में एक हत्या की है “.उनके मुताबिक यह एक पंचायत में हुआ था जब दोनों ओर से फायरिंग हो रही थी । इस फायरिंग रंजित सिंह नाम का व्यक्ति मारा गया था । बृजभूषण सिंह पर पंडित सिंह  पर जानलेवा हमले का भी आरोप है । पंडित सिंह बृजभूषण सिंह के बहुत करीबी थे और धंधे में पार्टनर भी थे। पंडित सिंह इस जानलेवा हमले लंबे समय तक अस्पताल में रहे और मौत के मुंह से वापस आए । मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन फिर समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह ने पंडित सिंह और बृजभूषण सिंह के परिवारों में समझौता करा दिया । अदालत में गवाही देने कोई नहीं आया । यहां तक कि खुद पंडित सिंह,  जिन पर यह हमला हुआ था ,वे खुद भी नहीं आए और बृजभूषण सिंह फिर  एक बार बाइज्जत बरी हो गए।

बृजभूषण सिंह पर लगे तमाम आरोपों में एक आरोप ऐसा था जिसने खुद अटल बिहारी वाजपेई ने उन्हें फोन किया था । भाजपा विधायक घनश्याम शुक्ला की अप्रैल 2004 में हत्या हो गई थी । उस समय अटल बिहारी वाजपेई ने खुद बृजभूषण को फोन किया और कहा – “मरवा दिया…?” .घनश्याम शुक्ला ने 2000 के चुनाव में बृजभूषण की उम्मीदवारी छीनी थी। शुक्ला की पत्नी ने आरोप लगाए , सीबीआई की जांच हुई और क्लोजर रिपोर्ट लगा दी गई।

 बृजभूषण सिंह पर कार सेवा में बाबरी मस्जिद ढहाने का भी आरोप था । सीबीआई ने उस केस की जांच की मगर बाद में वे बरी हो गए ।

1990 में उन पर टाडा कानून के अंतर्गत भी आरोप लगे । उस समय टाडा सबसे सख्त कानून था । बृजभूषण पर दाऊद इब्राहिम के शूटर्स सुभाष ठाकुर, जयेंद्र ठाकुर,  और परेश देसाई को पनाह देने का आरोप था जो जेजे हॉस्पिटल के शूटआउट के आरोपी थे । जब ब्रजभूषण टाडा के आरोप में जेल में बंद थे तो उनकी पत्नी केतकी सिंह ने 1996 में गोंडा से चुनाव लड़ा और वे जीत गईं ।

इन तमाम आरोपों की वजह से भाजपा के भीतर और बाहर उन्हें पार्टी से निकालने के लिए बहुत दबाव था मगर उन्हें एक ऐसी बात के लिए निकाला गया जिसका संबंध उनकी अपराधिक पृष्ठभूमि से नहीं था । मामला यूं हुआ कि न्यूक्लियर डील के समय हो रहे विश्वासमत पर उन्होंने पार्टी लाइन के विरुद्ध जाकर यूपीए के पक्ष में वोट कर दिया,  इसलिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया ,और वे समाजवादी पार्टी में चले गए ।

 फिलहाल बृजभूषण सिंह कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष हैं । उन्होंने 2021 में एक पहलवान को स्टेज पर झापड़ मार दिया था ।वे कहते हैं – इन पहलवानों को कंट्रोल करने के लिए एक मजबूत आदमी चाहिए और मुझसे मजबूत कौन होगा ? 

फिलहाल में उन पर कई महिला पहलवानों ने सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए हैं और जिनमें एक नाबालिग भी है ।

एक तरफ वे खिलाड़ी हैं जिन्होंने भारत का झंडा दुनिया में ऊंचा किया , दूसरी तरफ बृजभूषण सिंह हैं ।फिलहाल सरकार बृजभूषण के साथ खड़ी दिखाई दे रही है। इसके पीछे क्या वे सात संसदीय क्षेत्र हैं , जहां उनका प्रभाव है , या कोई और वजह जिसकी वजह से प्रधान मंत्र, और गृह मंत्री उनसे डर रहे हैं , कहा नहीं जा सकता ।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें