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भारत को नशे में डुबाने की ये तैयारी किसकी?

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सुसंस्कृति परिहारजब से तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता संभाली है एक सवाल तेजी से उभर कर सामने आया है कि उनके पास इतनी भारी संपदा का स्रोत क्या है?जब यह बात ज़ाहिर हुई कि ड्रग के बड़े कारोबारी हैं तालिबान। तो बात समझ में आई कि अफगानिस्तान की बरबादी की वज़ह यही है।जब देश की युवा पीढ़ी नशे की शिकार हो जाए तो उस देश का भविष्य वहीं होता है जो आज अफगानिस्तान में नज़र आ रहा है जिससे वहां के लोग बड़ी संख्या में पलायन हेतु बेचैन है। इसके शिकार  कश्मीर के युवा भी बड़ी तादाद में हुए हैं।यह भास्कर के एक सर्वे में भी ज्ञात हुआ है।जो चिंताजनक है। स्वाभाविक है मानसिक तौर पर परेशान बेरोजगारी से जूझते लोगों को नशे में राहत नज़र आती है और वे फिर  नशे से जहां एक बार जुड़ते हैं तो जैसे भी मिले उसकी पूर्ति हेतु जायज़ नाजायज काम करते हैं। जिससे सामाजिक ताना-बाना छिन्न भिन्न तो होता ही है युवाओं की चेतना शुन्यता का फायदा कारपोरेट और राजनैतिक दल उठाना शुरू कर देते हैं।
पिछले दिनों गुजरात के मुंद्रा पोर्ट पर जिस तरह तकरीबन 21हज़ार करोड़ रुपए की 3000किलोग्राम हैरोइन बरामद हुई वह भारत के लिए एक गंभीर चुनौती है।ये इस बात का खुलासा है कि हमारे यहां वे कौन लोग हैं जो गुजरात के अडानी पोर्ट पर और सरकार की आंख में धूल झोंककर भारत के युवाओं को नशे में डुबाने की पूरी तैयारी कर चुके है।टेल्कम पाउडर के नाम अफगानिस्तान के कंधार से जहां अब तालीबान का शासन है इस तरह की खेप का आना और मीडिया से तकरीबन समाचार का गायब रहना किसी बड़े रहस्य की ओर इंगित करता है। यकीनन इससे पहले भी टेलकम पाउडर की खेपें आई होंगी ।रक्षा की जाए ,उस जां बाज कस्टम अधिकारी की जिसने इस रहस्य को उजागर किया।पकड़े जाने के बाद की जो प्रक्रिया है उसके मुताबिक अब तक इस पोर्ट के मुखिया गौतम अडानी से पूछताछ नहीं हुई है ।वे कौन लोग हैं जिन्होंने गुजरात का और वो भी अडानी का पोर्ट ही  आखिर क्यों चुना ?  आपको याद होगा कोलकाता में जब रिया चक्रवर्ती के पास दो पुड़िया ड्रग मिली थी तब पूरे देश में मीडिया ने तूफान मचा दिया था। हंगामा खड़ा हो गया था।आज की चुप्पी अपने आप कुछ कहती ज़रुर है ।
भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (PIB) द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘चार अफगान नागरिकों, एक उज़्बेक और तीन भारतीयों सहित कुल आठ लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए भारतीय नागरिकों में आयात निर्यात कोड (IEC) का धारक शामिल है जिसका उपयोग माल आयात करने के लिए किया गया था. उसे चेन्नई से गिरफ्तार किया गया है। जिनमें पति-पत्नी शामिल हैं।ये आंध्र की आशी कंपनी बताई जा रही है

 समझ नहीं आता कि गीतकार जावेद अख्तर जब सिर्फ किसी घटना को तालिबानी हरकत लिखते हैं तो उन्हें कटघरे में खड़ा किया जाता है लेकिन इस मिली भगत पर जो हैरोइन की 3000किलो की खेप तालिबानियों से मंगाता हुआ  पकड़ा जाता है तो उनके ख़िलाफ़  कहीं कोई विरोध के स्वर सुनाई भी नहीं देते ।विपक्ष पर भी मुर्दनी छाई हुई है।इस मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी आगे आकर सरकार की नीतियों का खुलासा करना चाहिए और दोषियों को कटघरे में पहुंचाने जबरदस्त विरोध करना चाहिए।ये सवाल देश के युवाओं को नशे में डुबाने का है।ये सवाल तालिबान जैसी क्रूर ताकतों को मज़बूत करने का है।ये सवाल भारत पर एक जहरीले हमले जैसा है।इस गंभीर विषय पर  सुप्रीम कोर्ट को  अपनी तरफ से भी पहल कर ,इसे संज्ञान में लेकर आरोपियों पर त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए।इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस कारोबार में पोर्ट मालिक और सरकार की भी अप्रत्यक्ष भूमिका हो और ऐसे कई खेपें इससे पहले आती रहीं हों।मामले को रफा-दफा ना किया जाए इस पर भी सु को को निगरानी रखनी होगी।यह मामला सामान्य नहीं बल्कि भारत के समग्र विनाश की नींव खोदने जैसा है। 

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