विज्ञापन के चक्कर में अपनी मूल पत्रकारिता को भी दफ्न
बता दें दैनिक भास्कर की वर्किंग कभी बेहद आक्रामक हुआ करती थी. लेकिन समय रहते अखबार अब खबरों से भी समझौता करने लगा है. पंजाब ज्वैलर्स के मामले में भी यही हुआ. इनपुट है कि इस सराफा फर्म ने पिछले महीने भास्कर को विज्ञापन दिया था, जिसे लेकर क्लाइंट का ध्यान रखते हुए भास्कर ने रेड की खबर गोल कर दी.
ये है पूरा मामला?
एमजी रोड इंदौर स्थित पंजाब ज्वैलर्स पर नाप-तौल विभाग की टीम ने शनिवार को रेड मारी थी. जांच के बाद यहां अधिकारियों ने मानक विहीन और बिना मार्का की वजन मशीन का उपयोग करने को लेकर मामला दर्ज किया था. रेड में शामिल टीम को दुकान के बांट भी मानक के अनुसार नहीं मिले. कुल मिलाकर ज्वैलर्स तौल में ग्राहकों के साथ ठगी करता पाया गया.
भास्कर को कब मिला था विज्ञापन?
स्थानीय लोगों में भास्कर की पत्रकारिता को लेकर सवाल घर कर गया है कि उसने ज्वैलर्स पर छापे की खबर क्यों नहीं छापी. लेकिन जानकार मानते हैं कि इसके पीछे वजह सिर्फ दैनिक भास्कर में ज्वैलर्स का प्रकाशित भारी भरकम विज्ञापन है. इसे लेकर लोगों में चर्चा है कि विज्ञापन के चक्कर में भास्कर अपनी मूल पत्रकारिता को भी दफ्न करता जा रहा है.