रीता चौधरी
हम मांसाहार के समर्थक नहीं हैं. हम खुद वेजिटेरियन हैं. लेकिन चिकित्सा विज्ञान जिस सच को प्रत्यक्ष करता है, उसे एक सिरे से खारिच भी नहीं किया जा सकता है. धर्म का भी सूत्र है : जीव-जीवस्य भोजनम्. विशुद्ध रूप से शाकाहारी कोई नहीं हो सकता. बिना जीवों के भक्षण के कोई इंसान जिंदा ही नहीं रह सकता. जैनमुनि लोग 100% कोशिश करते हैं, लेकिन स्वास से कभी न कभी जीवाणु उनमें प्रवेश करते ही हैं. भोजन – पानी के जरिये भी तमाम जीव पेट में जाते हैं. शूक्ष्मदर्शी से देखो तो सही.
सी फ़ूड पर किये गये विभिन्न शोध बताते हैं कि हर मौसम में सैल्मन जैसे सी फ़ूड खाए जा सकते हैं। सिर्फ उन्हें सही तरीके से पकाया जाना चाहिए और पोर्शन साइज भी नियंत्रित होना चाहिए।
अच्छी तरह साफ़ सैल्मन को हल्दी, नमक, काली मिर्च, लहसुन के पेस्ट और 1 टी स्पून तेल के साथ मिला लें। इसे पैन या ओवन में पका लें।
*(1). भरपूर पोषक तत्वों का खजाना :*
न्यूट्रीएंट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, सैल्मन एक अलग प्रकार की मछली है, जिसके बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ हैं। 100 ग्राम सैल्मन में प्रोटीन की जरूरी दैनिक खपत का 41% मौजूद रहता है।
इसके अलावा विटामिन बी3, विटामिन बी5, विटामिन बी 6, विटामिन बी12, विटामिन डी, विटामिन ई और सेलेनियम की जरूरी दैनिक खपत का कम से कम 20% होता है। यह पोटैशियम का भी बढ़िया स्रोत है।
*(2). हाइड्रेट बॉडी मेकर :*
बोलन यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज में हुए शोध के अनुसार, पानी से भरपूर होने के कारण ज्यादातर मछलियां गर्मी में शरीर को हाइड्रेट रखती हैं।
सैल्मन में ऐसा करने की क्षमता अन्य मछलियों की तुलना में ज्यादा होती हैं। यह शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा रख सकता है।
*(3). नर्वस सिस्टम केयर :*
सैल्मन मछली में डीएचए (DHA) और ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 Fatty Acid in Salmon) होते हैं। गर्मी में ये मानव मस्तिष्क के विकास के लिए बढ़िया होते हैं।
यह 3-10 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों में सकारात्मक रूप से काम करता है। यह स्वस्थ तंत्रिका तंत्र के विकास में मदद करता है।
*(4). तनाव और अवसाद निवारक :*
हार्वर्ड हेल्थ में प्रकाशित शोध के अनुसार, बहुत अधिक काम करने के कारण आप थकान और तनाव का अनुभव कर सकती हैं। यदि ऐसा है, तो वीक एंड पर सैल्मन फिश का सेवन करें।
इससे थकान के कारण हुए डिप्रेशन और स्ट्रेस का खतरा कम हो जाता है। गर्मी में सैल्मन मछली खाने के प्रमुख कारणों में से यह एक हो सकता है।
*(5). जोड़ों और अर्थराइटिस दर्दनिवारक :*
सैल्मन मछली जोड़ों के दर्द और पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस (Sea food for Osteoarthritis) के लिए बढ़िया है।
ये मानव शरीर को बायोएक्टिव पेप्टाइड्स की आपूर्ति करते हैं, जो जोड़ों और उपास्थि में कोलेजन संश्लेषण को बढ़ाने Sea Food increase Collagen Synthesis in joints and Cartilage), स्थिर करने और विनियमित करने में मदद करते हैं। यह ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
*(6). कार्डियोवास्कुलर डिजीज से बचाव :*
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के अनुसार, सैल्मन का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। डीएचए और ओमेगा-3 फैट्स के अलावा, इसमें ईपीए के गुण भी होते हैं। इससे दिल को सुचारू रूप से काम करने में मदद मिलती है। यह सूजन को कम करता है और रक्त के थक्के जमने की संभावना से बचाता है।
यह धमनियों (Salmon for Artery) को चौड़ा करता है। यदि मछली को हफ्ते में दो बार खाया जा सकता है, तो दिल के दौरे और दिल की अन्य बीमारियों से सुरक्षित रहा जा सकता है। यह सामन मछली खाने के सबसे स्वीकृत स्वास्थ्य लाभों में से एक है।
*(7). विटामिन डी का समृद्ध स्रोत :*
सैल्मन विटामिन डी के सबसे समृद्ध स्रोतों में से एक है। यह शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। इस विटामिन की कमी से कैंसर, स्क्लेरोसिस, आर्थराइटिस जैसी
भयंकर बीमारियां हो सकती हैं। विटामिन डी की पूर्ति के लिए अपने आहार में सैल्मन मछली को शामिल करनी चाहिए।
*(8). अनिद्रा निवारक :*
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के अनुसार, सैल्मन में मौजूद पोषक तत्व सोने में मदद कर सकते हैं।
यह मत्स्य भोजन मस्तिष्क को शांत करता है। यह हमें आराम दिलाने में मदद करता है।