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क्या अखिलेश यादव के जेल में नेताओं से मिलने का असर निकाय चुनाव पर पड़ेगा?

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समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव इन दिनों अपने नेताओं से मिलने जेल के दौरे कर रहे हैं। पहले सपा विधायक इरफान सोलंकी से मिलने कानपुर जेल गए तो वहीं सोमवार को सपा के पूर्व विधायक दीपनारायण यादव से मुलाकात करने झांसी जेल पहुंचे थे। अब इसको लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने निशाना साधा है। वहीं कोर्ट के निर्णय के बाद निकाय चुनाव का रास्ता भी साफ हो गया है। क्या अखिलेश यादव के जेल में नेताओं से मिलने का असर निकाय चुनाव पर पड़ेगा। इसको लेकर उत्तर प्रदेश राजनीति पर अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा ।

‘मैनपुरी जीत से बढ़ा अखिलेश का आत्मविश्वास’

वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह ने कहा कि मैनपुरी इलेक्शन के बाद समाजवादी पार्टी व उनके मुखिया अखिलेश यादव को एक नई एनर्जी मिल गई है। उन्होंने कहा मैनपुरी में सभी जातियों का सपा को समर्थन मिला है, इसलिये अखिलेश को लगता है कि उन्हें और ज्यादा सक्रिय होना चाहिए। क्योंकि जनता विपक्ष की ओर देख रही है।

ट्वीटर की राजनीति से बाहर आने की कोशिश

दरअसल पहले अखिलेश पर आरोप भी लगते थे कि वो सिर्फ ट्वीट करते हैं इस छवि से अखिलेश बाहर निकल रहे हैं। यही वजह है कि सपा को खड़ा करने के लिये जगह जगह जा रहे है अब चाहे इरफान सोलंकी हो या अन्य नेता सभी से मिलने जा रहे है, क्योंकि किसी को ये ना लगे कि अखिलेश यादव उनके साथ नहीं खड़े हैं।

पिता के कदमों पर आगे बढ़ने की कवायद

राजकुमार सिंह आगे बताते हैं कि सपा का बहुत बचते बचाते काम करने का तरीका नहीं है, मुलायम सिंह यादव भी जिसके साथ खड़े होते थे उसके साथ खड़े रहते थे। अब चाहे वो जेल में हो या बाहर हो। यही नेताजी की लोकप्रियता का कारण भी था। यही सपा कार्यकर्ता अपने नेता से एक्सपेक्ट भी करते हैं।

सिक्के का एक पहलू ये भी

वरिष्ठ पत्रकार नवल कांत सिन्हा का कहना है कि समाजवादी पार्टी ये स्टेब्लिस करना चाह रही है कि उनके नेताओं के खिलाफ सरकार द्वेष की भावना से काम कर रही है, यानी कि जो भी नेता सरकार का विरोध कर रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसी को स्टेब्लिस करने के लिये सपा मुखिया अखिलेश यादव मिलने जा रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि दूसरी ओर बीजेपी इसे भुनाने में जुटी है कि सपा दबंगो व अपराधियों की पार्टी है सपा ऐसे लोगों की मदद करती है इसलिये अखिलेश जेल मिलने भी जा रहे हैं। वही वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि सबसे अलग-अलग वोटर होते हैं लेकिन जनता इसको किस तरह से ले रही है ये महत्वपूर्ण है।


निकाय चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?

वरिष्ठ पत्रकार राज कुमार सिंह व नवल कांत सिन्हा ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। राजकुमार सिंह का मानना है कि इसका असर निकाय चुनाव में भी दिखाई पड़ेगा, क्योंकि जब नेता एक्टिव होता है तो कार्यकर्ताओं का अपने आप आत्मविश्वास, ताकत और भरोसा बढ़ता है। उन्होंने कहा अखिलेश यादव जितना उत्तर प्रदेश में घूमेंगे, जितना कार्यकर्ताओं से मिलेंगे उनके वहां जाएंगे। तो उससे उनका कार्यकर्ता मोटिवेट होगा जिसका असर चुनाव में भी सीधा सीधा असर दिखाई देगा।

वहीं नवल कांत सिन्हा ने कहा कि सभी दल अच्छा रिजल्ट देने की कोशिश कर रहे है। हालांकि इसमें बीजेपी का अच्छा परफॉर्मेंस रहा है लेकिन फिर भी सपा अगर बीजेपी से कुछ सीटें जीत लेती है तो 2024 के चुनाव में एक मैसेज चला जायेगा कि सपा के लिये यूपी में माहौल बन रहा है। सपा को आने वाले चुनाव में फायदा भी मिल सकता है इसी स्ट्रेटजी पर वो काम भी कर रही है।

जेल टूर पर बीजेपी ने किया पलटवार

वहीं सपा मुखिया अखिलेश यादव के झांसी दौरे पर पलटवार करते हुए यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि उनके सामने संकट है। उनकी पार्टी के विधायक और जनप्रतिनिधियों का इतिहास उसी प्रकार का है। लेकिन सरकार पूरी ईमानदारी के साथ कानून का पालन करवाने के लिये संकल्पित है। उन्होंने कहा वो जिस प्रकार का मैसेज देना चाहते हैं उस मैसेज का इतिहास समाजवादी पार्टी का रहा है। सपा सरकार के समय जिस प्रकार से अराजकता, पूरे प्रदेश को दंगा प्रदेश बनाने और आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने का तत्कालीन सरकार काम करती थी। उन्होंने कहा कि सपा का समर्थन किन लोगो के साथ हैं वो पूरा प्रदेश व देश जानता है।

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