संसद के विशेष सत्र के दौरान बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने BSP सांसद दानिश अली को ‘ओए …, ओए उग्रवादी, ऐ उग्रवादी बीच में मत बोलना, ये आतंकवादी-उग्रवादी है, ये मुल्ला आतंकवादी है… इसकी बात नोट करते रहना अभी बाहर देखूंगा इस मुल्ले को’ कहा। श्रीमान रमेश जी दक्षिण दिल्ली से सांसद हैं। लेकिन इन्होनें जिस तरह के सड़क छाप शब्दों का इस्तेमाल उन्होंने सदन के पटल पर किया और उसे सुनकर बवाल मच गया है। सभी विपक्षी दलों ने एकसुर में बिधूड़ी के इस सड़क छाप बयान पर आपत्ति दर्ज करायी है। वहीं एक बात बहुत से लोगों को अखर रही है कि जिस वक्त बिधूड़ी इस तरह का बयान दे रहे थे पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन मुस्कुरा रहे थे। भाजपा के नेताओं ने तो अबतक उस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। लेकिन इस मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने कहा हमें खेद है। दानिश अली ने इनकी सदस्यता रद्द करने की मांग की है। अब इस पूरी घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांगा जा रहा है।
कौन हैं बीजेपी के रमेश बिधूड़ी
दानिश अली को सदन में आतंकवादी कहने वाले रमेश बिधूड़ी का जन्म दिल्ली में हुआ और उनके पास बीकॉम, एलएलबी की डिग्री है। बिधूड़ी ने अपने प्रोफेशन में एडवोकेट, बिजनस, फार्मर और सोशल वर्कर लिखा है। 2003 से 2014 तक रमेश विधायक रहे। फिर मोदी लहर के कारण 2014 और 2019 में लोकसभा पहुंचे। रमेश अपने राजनीतिक जीवन में शहरी विकास, OBC कल्याण, श्रम और रोजगार से संबंधित कई समितियों में शामिल रहे हैं। बुजुर्गों लोगों के लिए बीजेपी सांसद रमेश समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कराते रहते हैं। विवादित बयानों के कारण अक्सर रमेश चर्चा में रहते हैं। कुछ समय पहले वो उनके एक बयान पर खूब हंगामा मचा था जिसमें उन्होंने कहा था “जहां भी मुसलमान अल्पसंख्यक होते हैं वहां मानवाधिकारों की बात होती है और जहां ये बहुमत में आ जाते हैं वहां खूनखराबा शुरू हो जाता।”
जानिए कौन हैं दानिश अली?
केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। सत्र के दौरान 21 सितंबर गुरुवार को भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में बसपा सांसद दानिश अली की तरफ इशारा करते हुए उन्हें आतंकवादी बता दिया। इस पर खूब हो हल्ला मचा। बता दें कि जिस दानिश अली को लेकर विपक्ष इतना हो हल्ला मचा रहा है उन दानिश अली का भी विवादों से गहरा नाता रहा है।
कभी प्रधानमंत्री को लेकर अमर्यादित भाषा का उपयोग करना हो या भारत माता की जय के नारे का विरोध करना या टीपू सुल्तान के मकबरे पर जाकर उन्हें स्वतंत्रता सेनानी बताना हो। लेकिन इससे पहले ये जान लेते है कि भाजपा सांसद ने दानिश को क्या कहा?
भाजपा सांसद ने बताया आतंकवादी
गुरुवार को जब राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही थी, तब लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर बहस जारी थी। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद रमेश बिधूड़ी ने बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सांसद दानिश अली को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया। बहस के दौरान रोकने पर बिधूड़ी ने दानिश अली को उग्रवादी और आतंकवादी तक कह दिया। हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसके लिए सदन में खेद जताया।
कौन हैं दानिश अली?
43 साल के दानिश अली मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ के रहने वाले हैं। दानिश अली ने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत जनता दल (सेक्युलर) से की थी। उन्हें पार्टी का जनरल सेकेट्री तक बनाया गया था। वह धीरे-धीरे पार्टी का अहम चेहरा बनकर सामने आए। उन्होंने कर्नाटक में चुनाव के बाद कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) को मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2019 में बसपा में हुए शामिल
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के आशीर्वाद से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ज्वाइन की थी। इसके बाद पार्टी ने उन्हें अमरोहा से लोकसभा का टिकट दिया और वह प्रचंड मोदी लहर में सपा-बसपा के गठबंधन के सहारे चुनाव जीतने में कामयाब हो गए थे। इसके बाद पार्टी ने उन्हें लोकसभा में बसपा के संसद दल का नेता भी बनाया। हालांकि करीब डेढ़ से दो साल पार्टी ने उन्हें उनके पद से हटा दिया।
विवादों से रहा पुराना नाता
बता दें कि दानिश अली का विवादों से पुराना नाता रहा हैं। उन्होंने कई मौकों पर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अपमानजनक शब्द कहे। इसके अलावा अमरोहा रेलवे स्टेशन पर अमृत भारत स्टेशन योजना के वर्चुअली इनॉगरेशन प्रोग्राम में हंगामा हो गया। कार्यक्रम के दौरान भाजपाइयों ने भारत माता की जय के नारे लगाए तो मंच पर मौजूद बसपा सांसद कुंवर दानिश अली भड़क गए।
बसपा सांसद ने कहा- यह कोई पार्टी विशेष का कार्यक्रम नहीं है। यह केंद्र का कार्यक्रम है। यहां ऐसे नारे क्यों लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही फरवरी के महीने में दानिश टीपू सुल्तान के कब्र पर गए। इसके बाद उन्होंने कब्र की फोटो को ट्वीट कर खुद को टीपू का वंशज बताने के साथ ही उन्हें स्वतंत्रता सेनानी बताया था।