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क्या बदलेगी सियासी तस्वीर?कांग्रेस के विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मुद्दे

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राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में किसानों के साथ धान की कटाई में हाथ बटाया और किसानों के लिए किए जाने वाले अपनी सरकार के काम की पूरी फेहरिस्त सामने रखी। इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने ओल्ड पेंशन स्कीम के मुद्दे पर अपना पक्ष खुलकर जनता के सामने रखा। दो मुद्दों के अलावा कांग्रेस पार्टी ने अग्निवीर और सेना के सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर जिस तरह से अपना पक्ष रखा है, वह आने वाले लोकसभा के चुनावों का पूरा सियासी रोड मैप और मुद्दों की कहानी बयां कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि विधानसभा में जिन मुद्दों के साथ कांग्रेस पार्टी अलग-अलग राज्यों में जा रही है, उन सबको लोकसभा के चुनाव में मजबूती के साथ जनता के बीच रखा जाएगा। 

कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि उनकी पार्टी कई मुद्दों को लेकर स्पष्ट रूप से जनता के बीच में अपनी बात रख चुकी है। उसमें प्रमुख मुद्दा पुरानी पेंशन की बहाली, किसानों को दी जाने वाली एमएसपी में बढ़ोतरी और इसके अलावा हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जिन मुद्दों के आधार पर वापसी हुई है उन सबको अलग-अलग राज्यों में लागू किया जाना है। इसी कड़ी में अपने कांग्रेस मॉडल को आगे बढ़ाते हुए राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के एक गांव में किसानों और मजदूरों से मुलाकात कर धान की कटाई में उनका हाथ बटाया और बातचीत की। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि अगर किसान खुशहाल रहेगा तो भारत देश भी खुशहाली के रास्ते आगे बढ़ेगा। 

राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए किए जाने वाले अपने सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि जैसे यहां पर किसानों की बेहतरी के लिए काम किया जा रहे हैं ठीक उसी तरह सभी राज्यों में उनकी सरकार आने पर किसानो को सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। छत्तीसगढ़ में मीडिया प्रभारी और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश सिंह कहते हैं कि उनकी पार्टी लगातार इस बात के लिए जोर देती आ रही है कि केंद्र सरकार की योजनाओं से न किसानों का भला हो रहा है और न ही आम लोगों का। लेकिन कांग्रेस पार्टी जिन राज्यों में जनता से सीधे जुड़े मुद्दों के साथ न सिर्फ उनसे मिल रही है, बल्कि उनके लिए योजनाएं चल रही है वह कांग्रेस का मॉडल है। सियासी जानकारों का भी कहना है कि कांग्रेस अब उसी मॉडल के आधार पर अपनी नई सियासी राह तैयार कर रही है।

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर बीते कुछ दिनों में कांग्रेस की ओर से जारी किए गए बयानों और सोशल मीडिया पर आ रही प्रक्रियाओं को देखा जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि इन विधानसभा चुनावों से लेकर लोकसभा चुनावों का सियासी एजेंडा क्या रहने वाला है। राजनीतिक विश्लेषक राहुल अंजनी कहते हैं कि कांग्रेस ने जो सबसे बड़े मुद्दे इन दोनों जनता के बीच में बने हुए हैं उनको आगे रखना शुरू किया है। उसमें किसानों के मुद्दे सबसे महत्वपूर्ण है। उसके बाद ओल्ड पेंशन स्कीम के मामले में कांग्रेस ने जिस तरीके से हिमाचल प्रदेश कर्नाटक में जनता का बड़ा समर्थन पाया है उसको भी आगे रख रही है। 

अंजनी कहते हैं कि इसके अलावा कांग्रेस ने जिस तरह से दो दिन पहले अग्निवीर और सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों को मिलने वाली सुविधाओं की तुलना कर उसकी जानकारी साझा की वह भी इस विधानसभा से लेकर अगले लोकसभा के चुनावी मुद्दे के तौर पर ही सामने आई है।

राजनीतिक विश्लेषक ओम प्रकाश मिश्रा कहते हैं कि कांग्रेस ने जिस तरह से हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु के चुनाव में स्थानीय मुद्दों को आगे रखा और सरकार बनाई, मुद्दों को न सिर्फ विधानसभा बल्कि लोकसभा के चुनाव में भी सबसे आगे रखा जाएगा। मिश्रा कहते हैं कि यही वजह है कि राहुल गांधी से लेकर प्रियंका गांधी लगातार अपनी गारंटी वाली योजनाओं का जिक्र हर सियासी रैलियों और जनता से सीधे मुलाकात के दौरान कर रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा तर्क यही है कि जनता को इस बात का भरोसा हो सके कि आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में किस तरह कांग्रेस उन्हीं मुद्दों के साथ उनके साथ खड़ी है जिन पर उन्होंने अलग-अलग राज्यों में सरकारें बनाई हैं।

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