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ड्रग्स तस्करी में महिला तस्करों का भी दखल…

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पूरे देश में महिला तस्करों ने फैला रखा है अपना जाल

इंदौर। युवाओं को मादक पदाथों के नशे की लत लगाकर उनका जीवन बर्बाद करने में केवल पुरूष तस्कर ही नहीं, बल्कि कोमल हाथ यानि महिला तस्कर भी शामिल हैं। इन महिला तस्करों ने इंदौर और उसके आसपास सहित पूरे देश में अपना जाल फैला रखा है। पूर्व में इंदौर पुलिस द्वारा की गई अनेक कार्रवाई में इस बात का खुलासा हो चुका है, जिसमें महिला तस्करों को जब पकड़ा उनसे पूछताछ की तो पता चला कि इन महिला तस्करों की लिंक दिल्ली, मुंबई, राजस्थान और देश के अन्य राज्यों तक जुड़ी हुई है। दरअसल मादक पदार्थों की तस्करी में महिलाओं की सक्रियता पिछले कुछ समय में बढ़ी है। देखा गया है कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान रहता है, इसकी आड़ में ये तस्कर महिलाएं दूसरे प्रदेशों से गांजा, चरस और अफीम जैसे मादक पदार्थ लाकर इंदौर सहित आसपास के क्षेत्रों में सप्लाई कर रही हैं। मादक पदार्थ तस्करी में महिलाओं की बढ़ती संख्या का एक बड़ा कारण जांच के दौरान महिलाओं के प्रति पुलिस का नरम रुख और उनका पहनावा होता है, जिसमें मादक पदार्थों को आसानी से छुपाया जा सकता है। वहीं कई महिला तस्कर पकड़े जाने के बाद जेल से रिहा होकर दोबारा तस्करी के धंधे में लग जाती हैं।

तस्कर गिरोह करते हैं महिलाओं को टारगेट

नशे के तस्करों में 10 प्रतिशत महिलाएं

बीते दिनों इंदौर पुलिस ने शहर को नशामुक्त करने के लिए तस्करों और ड्रग्स सप्लायरों की धरपकड़ के साथ ही नशा करने वालों पर भी कार्रवाई का अभियान चलाया तो पता चला कि पुरुष तस्कर चिह्नित हुए तो महिलाओं ने काम संभाल लिया। बीते वर्ष 2023 में तस्करों में 10 प्रतिशत महिलाएं पकड़ी गई हैं। शातिर महिलाएं अंतःवस्त्रों और चप्पलों में ड्रग्स लेकर आ रही हैं। क्राइम ब्रांच ने 100 से ज्यादा महिलाओं का डाटा भी तैयार किया है। लगभग 300 तस्करों को गिरफ्तार किया, जिसमें 10 प्रतिशत महिलाएं निकली बानी हर दसवें केस में महिला तस्कर पाई गईं। महिलाएं बच्चों की आड़ में तस्करी करने लगी हैं। कुछ महिलाएं तो अंतःवस्त्र, बुर्के और चप्पलों में स्मैक और ब्राउन शुगर लेकर आ रही थीं।

अवैध कारोबार में महिलाओं की भूमिका बीते कुछ वर्षों में बढ़ी है। इसका एक प्रमुख कारण गरीबी और उनकी समाज से दूरी है। मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले गिरोह के सदस्य उन्हें ज्यादा पैसे का लालच देते हैं। ऐसे में परिवार की गरीबी मिटाने महिलाएं भी तस्करी में लिप्त हो जाती हैं। लेकिन कानून की जद में आने के बाद ऐसी महिलाओं को सिर्फ पछतावा ही हाथ लगता है।

यह तीन कारण भी हैं

• महिलाओं पर पुलिस को जल्दी संदेह नहीं होता।

• महिलाएं ड्रग्स को अपने कपड़ों में आसानी से छिपा लेती है।

• तस्करों के लिए महिलाएं सॉफ्ट टारगेट होती है।

इसलिए करते हैं गिरोह में शामिल

ड्रग्स तस्करों का महिलाओं को शामिल करने के पीछे अपराध से बचने का तरीका है। महिलाओं को पुलिस भी सम्मान से देखती है, कहीं न कहीं इसी वजह से तस्कर उन्हें इस कारोबार में शामिल करते हैं। महिलाओं के लिए ड्रग्स छिपाना आसान होता है। वे ट्रेन में सफर करती हैं तो चेकिंग के दौरान उनकी ज्यादा तलाशी नहीं ली जाती। इसी का फायदा तस्कर उठाते हैं।

पुलिस को चौंका रहा बढ़ता हस्तक्षेप

मादक पदार्थों की सप्लाई में महिलाओं का हस्तक्षेप बढ़ना पुलिस को भी चौंका रहा है। पुलिस पहले पुरुष तस्करों पर नजर रखती थी, लेकिन जब महिलाएं गिरफ्तार हुई तो विशेष दस्ता गठित किया गया। नगरीय सीमा में सक्रिय महिला तस्करों का डाटा एकत्र करवाकर उन पर नजर रखना शुरू की।

पूरे देश में फैला रखा है अपना जाल

इन महिलाओं पर की गई कार्रवाई

• बीते वर्ष क्राइम ब्रांच ने बाणगंगा क्षेत्र स्थित एमआर-4 से सुनीता यादव (सर्वहारा नगर) व गीता मलिक स्कीम- 78 को पकड़ा था। आरोपी महिलाएं चार सितंबर को 100 ग्राम ब्राउन शुगर लेकर आई थीं। महिलाएं चप्पलों में ड्रग्स लेकर आई थीं।

क्राइम ब्रांच ने 13 अक्टूबर 2023 को चांदनी तिरू कौशल को गिरफ्तार किया। चांदनी से पुलिस ने 60 ग्राम ब्राउन शुगर जब्ती की और विजय नगर थाना में केस दर्ज करवाया।

• छत्रीपुरा थाने की पुलिस ने 23 अक्टूबर 2023 को ताहिरा शाह (चंदन नगर) को गंगवाल बस स्टैंड से ड्रग्स के साथ पकड़ा। ताहिरा पुरुष तस्कर के साथ

थी। वह बुर्के में ड्रग्स लेकर आई थी। • चंदन नगर थाने की पुलिस ने ही 10 नवंबर 2023 को तकीपुरा निवासी सुनीता को न्यू ग्रीन पार्क कालोनी से गांजा और रानु उर्फ रानी (राज नगर) को स्कीम-71 में स्मेक के साथ पकड़ा। महिलाओं ने बताया वे लबे समय से मादक पदाथों की सप्लाई कर रही है।

यहां भी पकड़ाई महिलाएं

गत दिनों चलाए गए पुलिस के अभियान में बाणगंगा, खजराना, नंदन नगर नि महिलाओं को पकड़ा। वहीं द्वारकापुरी पुलिस ने संगीता नामक महिला को गिरफ्तार कर गांजे की खेप जब्त की। उसे एक नशेड़ी की सूचना पर पकड़ा गया। उसने बताया कि वह संगीता से गांजा लेकर आया था। इसके अलावा पुलिस को 10 ऐसी महिलाओं के नाम पता चले हैं, जो किराए पर ड्रग्स लेने राजस्थान जाती हैं। उनकी भी पुलिस तलाश कर रही है।

काजल जैन ने इंदौर में बैठकर पूरे देश में फैलाया जाल

21 दिसंबर 2020 को विजयनगर पुलिस ने काजल जैन को गिरफ्तार किया था। काजल, इग्स के आदी युवाओं के बीच द्वास आटी के रूप मशहूर थीं। जब वह पकड़ी गई तो उसके नेटवर्क का खुलासा हुआ। काजल ने इंदौर में बैठकर इस का कारोबार पूरे देश में फैला रखा था। वह दिन में प्रॉपर्टी ब्रोकर का काम करती थी और रात में इम्स साप्लाई का। उसने अपने बेटे यश को भी इसमें शामिल किया हुआ था। यश के जरिए काजल ने मुंबई-गोवा और दिल्ली में अपना नेटवर्क तैयार किया था। वह हाई प्रोफाइल युवक-युवतियी की पार्टियों के साथ होटलों में भी ड्रग्स की सप्लाई करती की। पुलिस को पता बला था कि उसके तार नाइजीरिया, मुई और दिल्ली के इग तस्करों से जुड़े हैं। पुलिस ने काजल की

गिरफ्तार करने के तीन साल बाद 2023 में उसके बेटे यश को दिल्ली से गिरफ्तार किया।

से बड़ा ड्रग्स रैकेट चला सबसे रही थी महजबीन

इंदौर पुलिस ने 4 जुलाई 2021 को देश के सबसे बड़े रस रैकेट का खुलासा किया था। इसके तार महाराष्ट्र, आंध प्रदेश, गुजरात, तैलंगाना, राजस्थान और मध्यप्रदेश से जुड़े थे। 70 करोड़ के इस एमडीएमए ड्रग्स रैकेट में पुलिस ने मुंबई की महजबीन शेख नाम की महिला को गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक महजबीन रैकेट में युवाओं को जोड़ने का काम करती थी। उन्हें पहले नशे की लत लगाती फिर

ने अलग-अलग समय पर इसके आरोपियों को गिरफ्तार किया था। महजबीन के बारे में पुलिस को पता चला था कि वह इंदौर से ड्रग्स लेकर मुंबई में रेव और फिल्मी पार्टियों में सप्लाई करती थी।

पहले लगाती लत, फिर बन जाती पेडलर

इसके पहले पुलिस ने जब महंगी ड्रग्स पर शिकंजा कसा तो इस बात का खुलासा हुआ था कि नशे के सौदागर युवाओं को नशे की लत लगाने के लिए युवतियों का उपयोग करते हैं। उन्हें पनों और क्लचों में फ्री एंट्री दिलवाते हैं, जहां से युवतियां युवाओं को अपने हुस्न के जाल में फांसकर पहले तो उन्हें फ्री में मादक पदार्थ उपलब्ध कराती हैं और जब वे नशे के आदी हो जाते हैं तो बाद में यही युवतियां पेडलकर बनकर उन्हें महंगा नशा बेचती है, जो यह तस्करों से लगती है।

शिकायत मिलते ही कार्रवाई

दरअसल युवाओं और आमजनों को नशे से दूर करने के लिए पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चला रही है। इसी क्रम में पुलिस ने पिछले दिनों नया सवेरा एक नई शुरूआत हेल्प डेस्क शुरू की थी। इस डेस्क पर आपरेशन ईगल क्लेव का संचालन किया जा रहा है। इस डेस्क पर शिकायतें मिलने के बाद पुलिस तत्काल कार्रवाई कर रही है। मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों को पकड़ने पर उनसे पूछताछ करते हुए लिंक निकाली जा रही है, जिससे पूरी लिंक को ही खत्म कर दिया जाए।

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