यादव अहीर समाज ने अपने आराध्य कुलदेवता भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर गुरुवार सुबह बड़ा गणपति चौराहे से शोभायात्रा निकाली। सुसज्जित रथ पर राधाकृष्ण की आरती कर शोभायात्रा की शुरुआत की गई। बरसते पानी के बीच भी श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। भजन-कीर्तन पर थिरकते युवा और नृत्य करती महिलाओं ने पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था। शोभायात्रा में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र पर आधारित मनोहारी झांकियां और अखाड़े आकर्षण का केंद्र बने हुए थे। मथुरा और वृंदावन के कलाकार भजनों पर नृत्य करते चल रहे थे। बैंडबाजे, भजन, गरबा मंडलियां और महिलाओं के अखाड़े ने भी समां बांधा। शोभायात्रा में हनुमान बने कलाकार भी आकर्षण का केंद्र थे।
खजूरी बाजार स्थित यशोदा माता मंदिर पूरे देश में अलग ही पहचान रखता है। संतान की इच्छा पूर्ण होने की मान्यता के चलते भी इसकी ख्याति दूर-दूर तक है। जन्माष्टमी पर्व पर गुरुवार को भी यहां अलसुबह से महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। इनमें से अधिकांश महिलाएं संतान की इच्छा से परंपरा के अनुसार माता यशोदा की गोद भरने के लिए यहां पहुंच रही हैं।
राधा-कृष्ण की आरती के बाद शोभायात्रा का शुभारंभ
शोभायात्रा के शुभारंभ अवसर पर विधायक संजय शुक्ला, शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीतिसंह चड्ढा, भाजपा के नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ,नगर निगम में प्रतिपक्ष की उपनेता विनितिका दीपू यादव, रमेश उस्ताद, आरडी यादव, पुरुषोत्तम यादव, अशोक यादव, राकेश यादव और ओंकार यादव ने आरती की। मार्ग में करीब सौ स्वागत मंचों से जुलूस पर पुष्प वर्षा कर भगवान श्रीकृष्ण के रथ और समाजजन का स्वागत किया गया।
यादव समाज के 20 से अधिक संगठन हुए शामिल
यादव अहीर समाज केन्द्रीय समिति के संरक्षक दीपू यादव ने बताया कि बड़ा गणपति चौराहा से यात्रा जिंसी, बड़वाली चौकी, नगर निगम, चिकमंगलूर चौराहा होते हुए चिमनबाग श्रम शिविर पर समापन हुआ। शोभायात्रा प्रभारी दीपक यादव, सुधीर यादव, मोहित हेमंत यादव, प्रदीप यादव आदि ने जुलूस के दौरान यातायात व्यवस्था संभाली। शोभायात्रा में यादव समाज के 20 से अधिक संगठनों की मौजूदगी में शोभायात्रा के साथ ऐतिहासिक स्वरूप में जन्माष्टमी पर्व मनाया गया। गोपियों की वेशभूषा में मातृशक्ति व राधाकृष्ण के स्वरूप में बच्चे भी शामिल हुए। शोभायात्रा में शामिल होने वाली झांकियां, अखाड़े, बैंड आदि ने शोभायात्रा के स्वरूप को भव्यता प्रदान की। हरिनारायण यादव, सभापति मुन्नालाल यादव, प्रवेश यादव, रामसमुझ यादव, दीपू यादव, पत्रकार दीपक यादव, पत्रकार मनीष यादव, प्रदीप यादव, दीपेश यादव, अंकित यादव, रणजीत यादव, राधा यादव, सुषमा यादव, चंदा यादव सहित हजारों समाज बंधु शोभायात्रा के सहभागी बने।
शोभायात्रा में शामिल भगवान श्रीकृष्ण का रथ।
सवा दो सौ साल से चली आ रही परंपरा और संतान का मनोरथ पूर्ण होने की मान्यता के चलते गुरुवार को जन्माष्टमी पर सैकड़ों विवाहित महिलाएं गोद भराई की परम्परा निभाने पहुंची हैं। मान्यता के मुताबिक जिन महिलाओं के बच्चे नहीं हैं, वे इस संतान की इच्छा से यशोदा माता मंदिर आती है। मंदिर के पुजारी महेंद्र दीक्षित ने बताया कि जिनके विवाह को 3 साल से ज्यादा हो जाते हैं और उनकी गोद खाली हो वे मनोरथ करती है। इसमें एक लोटा शुद्ध जल, एक धोबा चावल, पानीयुक्त नारियल, ब्लाउज पीस, यथाशक्ति देव द्रव्य और प्रसाद माताजी को अर्पित कर विधि-विधान से मंत्रों के साथ गोद भरी जाती है। इसी तरह मनोकामना पूर्ण होने पर आने वाली जन्माष्टमी पर बच्चे की धोक दिलाने और भेंट चढ़ाने की परंपरा है।
गोद भराई के लिए विदेश से भी आईं महिलाएं
दो महिला विदेश से भी गोद भराई के लिए आई हैं। उनके परिजनों ने पांच माह पहले से माता को अर्जी लगाई और उन्होंने यहां गोद भराई की। इस मंदिर के प्रति महिलाओं की आस्था दिनों दिन बढ़ रही है। अंखडधाम की रहने वाली 44 वर्षीय महिला पुष्पा ने बताया कि उनके परिवार में आठ संतान माता यशोदा का वरदान हैं। हम इस मंदिर को अपना सर्वस्व मानते हैं।
8 सितंबर को नंद उत्सव, छप्पन भोग दर्शन
यशोदा माता मंदिर के बाहर कई व्यापारियों द्वारा प्रसाद वितरण किया जा रहा है। पं. मनीष दीक्षित ने बताया कि 8 सितंबर को भी सुबह 9 से 12 बजे तक संतान प्राप्ति के लिए यशोदा माता की गोद भराई होगी। गुरुवार के साथ ही 8 सितंबर को भी मंदिर में भव्य आयोजन होंगे।