अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

यत् ब्रह्माण्डे तत् पिण्डे

Share

       नगमा कुमारी अंसारी 

जो ब्रह्माण्ड में है वही पिण्ड अर्थात शरीर में है।  छोटा सा अणु हो या विशाल ज्ञात, अज्ञात ब्रह्माण्ड, सब का विज्ञान एक ही है।

      पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश इन पंच तत्वों से बना हमारा शरीर। इसके अलावा मन, बुद्धि और अहंकार, कुल आठ तत्व।

      इसके अलावा पूरे ब्रह्माण्ड की सजीव निर्जीव वस्तुयें, ये सब बनी है तीन तत्वों से, उन तीन तत्वों की परमाणु संरचना से ये ज्ञात अज्ञात ब्रह्माण्ड भी उन तत्वों से बना है। 

      हर सजीव निर्जीव वस्तु में हर समय, हर पल नटराज नृत्य हो रहा है। पृथ्वी हो या ज्ञात नौ ग्रह, या आकाश गंगा या अज्ञात ब्रह्माण्ड। 

     सब इन तीन तत्वों से बना है इन तत्वों की फ़्रीक्वन्सी, कम्पन और ऊर्जा, कारण है ब्रह्माण्ड के गतिशील होने का। 

      इनको गति मिलती है शक्ति से, ये शक्ति आती है ब्रह्माण्ड से, ये आलोकिक शक्ति होती है, ये शक्ति तीन तत्वों की गति का संतुलन बनाए रखती हैं। 

     उस नटराज नृत्य का संतुलन जिस से जीवन चलता है, ये नृत्य हर समय सजीव और निर्जीव वस्तु में होता है, इनका संतुलन और इनकी गति मिलती है शक्ति से। 

     त्रीदेव वो तत्व हैं त्रीदेवी वो शक्ति है। शक्ति का काम ऊर्जा देना संतुलन करना। 

     सरस्वती प्रकाश की देवी, ये बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं। क्वासर को सरस्वती देवी माना गया है, यहाँ से एक शक्ति या तरंग मिलती है जो ब्रह्माण्डे तत् पिण्डे को संचालित करती है। 

     क्वासर को ये शक्ति  काली से मिलती है. काली ब्लैक होल को माना गया है। ब्लैक होल से क्वासर शक्ति ग्रहण करता है वहाँ से ये ब्रह्माण्डे तत् पिण्डे तक पहुँचती है। 

    लाखों सूरज लाखों चाँद सितारे लाखों ब्रह्माण्ड इन ही शक्तियों से चलते हैं। तो हम तुम तो मामूली मनुष्य है।    

      हमारा संचालन भी इन ही शक्तियों से होता है। ये शक्ति हम को बुद्धि ज्ञान धन सम्पदा और ऊर्जा देती हैं। 

     इन शक्तियों की पूजा ही नवरात्रि कहलाती है। नव मतलब नौ (9), 9 एक ब्रह्माण्डिय संख्या है 3 6 भी ब्रह्माण्डिय संख्या है. इसलिए हम 9 दिन के नवरात्रे मनाते हैं।

       छोटा सा मनुष्य जीवन, सुख शांति से बीत जाए, ऊर्जा का संचार रहे, ज्ञान का प्रकाश रहे, इसलिए शक्ति की उपासना होती है।

ReplyReply to allForwardAdd reaction

Add comment

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें