सुब्रतो चटर्जी
चौपाया बनने के दिन हैं
पूंछ उठा कर मादा गिनने के दिन गए
अच्छा है कि मादा के अपमान से बाहर निकल कर
अपने पशु बन जाने की प्रक्रिया पर रश्क करो
अब तो तुम्हारे चेहरे पर
थूकने का भी जी नहीं चाहता है मी लॉर्ड
भला जानवरों पर भी कोई थूकता है क्या
डार्विन को पाठ्यक्रम से हटाने के पीछे की असली वजह
आपके फ़ैसलों में दिख रहा है मी लॉर्ड
आपको देखने के बाद भी कोई कैसे यक़ीन करे
विकासवाद के सिद्धांत पर
यह एक देश है
जहां समय का पहिया
लगातार पीछे घूम रहा है
इस भिखारियों के महा स्वर्ग में
मेरे हलक से अब पानी नहीं उतरता है
फिर भी
मुझे हमदर्दी हरेक उस मादा सुअर से है
जो जनतीं हैं असंख्य बच्चे
मुंबई लोकल के हरेक स्टेशन पर
और फिर से गर्भ धारण कर
आगे बढ़ जाती है दो मिनट में
आप भी तो इनकी ही पैदाईश हैं मी लॉर्ड !
- सुब्रतो चटर्जी
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