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ट्रेन में नहीं ले जा पाएंगे ईंधन, तेल, पेंट, आतिशबाजी, विस्फोटक पदार्थ, ज्वलनशील तरल पदार्थ

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3 हजार किमी लंबे अप-डाउन ट्रेक पर होगी फेंसिंग

इटारसी•त्यौहारी सीजन में यात्रियों की बढ़ती भीड़ के चलते रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सुरक्षा और रेल संरक्षा को प्राथमिकता दी है। भोपाल मंडल में रेलवे सुरक्षा बल (रेल सुरक्षा बल) द्वारा सख्त निगरानी की जा रही है। यात्रियों के सामान की नियमित जांच की जा रही है।

सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। प्रतिबंधित वस्तुओं का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही यात्रियों को इन नियमों के बारे में जागरूक करने के लिए स्टेशन और ट्रेनों में घोषणाएं भी की जा रही हैं।

ट्रेन में न ले जाएं ये चीजें

रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे रेलवे परिसर और ट्रेनों में किसी भी प्रकार की खतरनाक, ज्वलनशील एवं विस्फोटक सामग्री न ले जाएं। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा और आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक है। जिन ज्वलनशील वस्तुओं को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें ईंधन, तेल, पेंट, आतिशबाजी, विस्फोटक पदार्थ, ज्वलनशील तरल पदार्थ जैसे केरोसिन या रसायन, संपीड़ित गैस सिलेंडर और अन्य खतरनाक वस्तुएं शामिल हैं।

जुर्माना और सजा का प्रावधान

इन वस्तुओं को ले जाना न केवल जोखिम भरा है, बल्कि रेलवे अधिनियम की धारा 164 के तहत दंडनीय अपराध भी है। अगर कोई व्यक्ति ऐसी खतरनाक सामग्री लेकर आता है, तो उसे तीन साल तक की कैद, एक हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इसके अलावा, इस कारण होने वाली किसी भी प्रकार की हानि, चोट या क्षति के लिए भी वही जिम्मेदार होगा।

मध्यप्रदेश में 3 हजार किमी लंबे अप-डाउन ट्रेक पर होगी फेंसिंग

देशभर की तरह मध्यप्रदेश में भी ट्रेन एक्सीडेंट के लिए साजिशों की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं हैं। ट्रेनों पर पत्थर फेेंके जा रहे हैं, रेलवे ट्रेक पर लोहे के सरिए रखकर ट्रेन पलटाने की कोशिश की जा रही है। ऐसी घटनाओं को देखते हुए रेलवे अधिकारी कई जतन कर रहे हैं। इसके अंतर्गत रेलवे ने बड़ा कदम उठाते हुए ट्रेक की फेंसिंग कराने और बाउंड्री वॉल बनाने का फैसला भी लिया है। रेलवे ट्रेक की सुरक्षा के लिए पश्चिम मध्य रेलवे ने ये कवायद शुरु भी कर दी है

मध्यप्रदेश में हाल ही में खंडवा, जबलपुर, खरगोन आदि जगहों पर रेलवे ट्रैक पर लोहे की छड़, विस्फोटक या अन्य संदिग्ध चीजें रखकर एक्सीडेंट कराने की कोशिश के कई मामले सामने आए हैं। देशभर में ऐसे केस हो रहे हैं जिससे रेलवे अधिकारी चिंतित हो उठे हैं। ट्रेनों और पटरियों की सुरक्षा के रेलवे ट्रेक के दोनों ओर बाउंड्री वॉल बनाने या फेंसिंग लगाने की बात फिर उठी है।

पश्चिम मध्य रेलवे ने रेलवे ट्रेक की सुरक्षा के लिए बाउंड्री वॉल और फेंसिंग लगाने का काम जल्द शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत जबलपुर रेल मंडल, भोपाल रेल मंडल और कोटा रेल मंडल में रेलवे ट्रेक को अप और डाउन दोनों ओर से बाउंड्री वॉल बनाकर और फेंसिंग लगाकर सुरक्षित किया जाएगा।

पश्चिम मध्य रेलवे करीब 3 हजार किमी लंबे रेल मार्ग को बाउंड्री वॉल और फेंसिंग से सु​रक्षित करेगा। पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल में यह कवायद शुरु भी हो गई है। यहां करीब 500 किमी लंबे रेलवे ट्रेक के दोनों ओर फेंसिंग लगाई जाएगी और बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी। रेलवे का इंजीनियरिंग विभाग इसके लिए सक्रिय हो चुका है।

पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर रेल मंडल के अंतर्गत 100 से ज्यादा रेलवे स्टेशन आते हैं। इन सभी रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ बाउंड्री वॉल बनाई जाएगी। इसके अलावा अप डाउन ट्रेक के दोनों तरफ फेंसिंग लगाई जाएगी। जबलपुर से इटारसी, मानिकपुर, बीना, सिंगरौली, सतना-रीवा तक के ट्रेक की सुरक्षा के लिए यह कवायद की जा रही है।

रेलवे के इस प्रस्ताव को हरी झंडी देने के साथ ही बजट भी आवंटित कर दिया गया है। अब इंजीनियरिंग विभाग बाउंड्री वॉल और फेंसिंग के लिए रेलवे की जमीन चिन्हांकित कर रहा है।

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