`*संजय बेचैन*`
सत्ता और संगठन में तालमेल के साथ.साथ कमलदल के कार्यकर्ताओं को सरकार में एडजस्ट करने की कबायद शुरू हो चुकी है। प्रदेश स्तर पर भारतीय जनता पार्टी की एक बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्षों को यह कहा गया है, कि वे जिले में सभी नेताओं से समन्वय स्थापित कर अलग.अलग समितियां में नियुक्तियों के लिए कार्यकर्ताओं के नाम तय करके प्रदेश संगठन को भेजें। जिलों की कोर कमेटियों का भी पुनर्गठन किए जाने के संकेत दिए गए हैं। चुनाव में काम करने वाले कार्यकर्ताओं की यह शिकायत रहती है कि चुनाव बाद उन्हें सत्ता और संगठन द्वारा कोई वजन नहीं दिया जाता। संगठन इस बार इस मामले में देरी करने के पक्ष में नहीं है। सो विभिन्न विभागों की विभिन्न स्तर पर बनने वाली समितियां में जहां.जहां अशासकीय सदस्यों की नियुक्ति करने का प्रावधान है उनमें पार्टी कार्यकर्ताओं को स्थान दिए जाने पर गंभीरतापूर्वक विचार चल रहा है। पार्टी के सीनियर नेता प्रशासन से संपर्क करेंगे जिला अध्यक्षों को भी यह जिम्मेदारी सौंप गई है ताकि हर स्तर पर नियुक्ति की प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जा सके। अशासकीय सदस्यों को निगम, नगर पालिका से लेकर नगर परिषदों में एल्डरमैन की नियुक्ति भी इसी दौर में होनी है। विभिन्न महाविद्यालयों में जन भागीदारी अध्यक्षों की तैनाती भी राजनीतिक आधार पर की जानी है। इस पूरी कसरत के बीच शिवपुरी जिले में सिंधिया समर्थकों और भारतीय जनता पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं के बीच पदों का बंटवारा होना है समितियां और निकायों में भी इसी के अनुरूप प्रतिनिधि तय होने हैं। ऐसे में देखना खासा दिलचस्प होगा कि किसकी कितनी भागीदारी किन.किन पदों पर पांचो विधानसभा क्षेत्र में होनी है। कुल मिलाकर आने वाले कुछ दिन जिला अध्यक्ष के इर्द.गिर्द खासा मजमा जुटना तय है।