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ब्लड शुगर लेवल नेचुरली कंट्रोल करने वाले 6 पत्ते 

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        डॉ. प्रिया 

यहाँ मैं जिन पत्तों के बारे में आपको बता रही हूँ, आयुर्वेद में इनको इनके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। तो क्यों न हर छोटी छोटी बात पर दवाई लेने की आदत को छोड़, इन्हे ट्राई किया जाए।

     हम सभी जामुन और आम की गुणवत्ता की बात हमेशा से करते हैं, पर कहीं न कहीं इसके पत्तों की गुणवत्ता को नज़रअंदाज कर देते हैं। असल में कई ऐसे पत्ते हैं, जो आपकी सेहत के लिए कमाल कर सकते हैं। आपके आस पास पेड़ पर लगे पत्ते ऑक्सीजन रिलीज करने के साथ साथ पोषक तत्व भी प्रदान कर सकते हैं, वहीं आपको कई शारीरिक समस्यायों से भी प्रोटेक्ट करते हैं। 

     आयुर्वेद में इन पत्तों को इनके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। तो क्यों न हर छोटी छोटी बात पर दवाई लेने की आदत को छोड़ इन्हे ट्राई किया जाए। आयु शक्ति की को-फाउंडर और आयुर्वेद प्रैक्टिशनर स्मिता नरम ने कुछ प्रकार के पत्तों की गुणवत्ता बताई है। तो चलिए जानते हैं ये किस तरह फायदेमंद होते हैं।

*1. आम के पत्ते :*

आम के पत्ते विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन बी जैसे विटामिनों से भरपूर होते हैं। इसमें स्टेरॉयड, एल्कलॉइड, राइबोफ्लेविन, थायमिन, फेनोलिक, बीटा-कैरोटीन, फ्लेवोनोइड्स आदि जैसे अन्य कंपाउंड होते हैं। आम के पत्ते टेरपेनोइड्स और पॉलीफेनॉल्स से भरपूर होते हैं, जो एक प्रकार के प्लांट कंपाउंड हैं, और बीमारी से बचाते हैं वहीं आपके शरीर में सूजन से लड़ते हैं।

     आम के पत्ते डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं। इन पत्तों में एंथोसायनिडिन नामक टैनिन होते हैं, जो डायबिटीज के शुरुआती इलाज में आपकी मदद कर सकते हैं। आम के पत्तों में हाइपोटेंसिव गुण होते हैं जिसका मतलब है कि यह ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है। वहीं पत्ते ब्लड वेसल्स को मजबूत और स्वस्थ बनाते हैं। आम के पत्ते वैरिकाज़ नसों के लिए एक प्रभावी उपाय है।

*2. मेथी के पत्ते :*

मेथी के पत्ते फाइटोन्यूट्रिएंट्स और कई एंटीऑक्सीडेंट जैसे विटामिन सी, विटामिन ए और बीटा कैरोटीन का भंडार है, जो आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। वहीं इन पत्तों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है और ये बेहतर ग्लूकोज नियंत्रण में आपकी सहायता करते हैं। ये पत्ते कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत हैं, इनके सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने में भी मदद मिलती है।

*3. जामुन के पत्ते :*

जामुन के पत्तों में बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं, जिनमें एल्कलॉइड शामिल है, जो ब्लड शुगर लेवल को कम करने में कारगर होते हैं। वहीं ये इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं, इस प्रकार यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद कारगर माने जाते हैं। वहीं जिन्हे डायबिटीज का खतरा है, उन्हें वहीं नियंत्रित किया जा सकता है। इसके कसैले गुण इसे दस्त और अपच जैसी सामान्य पाचन संबंधी समस्याओं को ट्रीट करने में मदद कर सकते हैं।

     जामुन के पत्तों को वेट मैनेजमेंट में एक प्राकृतिक सहायक माना जाता है। ये भूख को नियंत्रित करने और खाने की लालसा को कम करने में आपकी मदद कर सकते हैं, जिससे एक हेल्दी वेट मेंटेन करना आसान हो जाता है। आप जामुन के पत्ते की चाय या जामुन के पत्ते को पाउडर के तौर पर अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

*4. अजवाइन के पत्ते :*

अजवाइन की पत्तियां सर्दी-जुकाम से जुड़े लक्षणों जैसे नाक बंद और खांसी को ठीक करने में बेहद प्रभावी रूप से कार्य करती हैं। अगर आपको अपच, एसिडिटी या पेट फूलने की वजह से पेट दर्द हो रहा है, तो पानी के साथ अजवाइन की कुछ पत्तियां चबाएं। यह कारणों पर काम करेगा और पेट दर्द से राहत देगा।

   इतना ही नहीं अजवाइन की पत्तियों में एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं और भोजन के बाद इन्हें चबाना माउथ फ्रेशनर का काम करता है। अजवाइन की पत्तियां आपके शरीर में हार्मोनल संतुलन बनाए रखती हैं और आपकी त्वचा पर मुंहासे और फुंसियों को कम करने में मदद करती हैं। वहीं यह वेट लॉस में भी बेहद कारगर होती हैं। आप इसे चबाने के अलावा इसके फायदों का लुफ्त उठाने के लिए इसे चाय के रूप में ले सकते हैं।

*5. केले के पत्ते :*

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार केले के पत्ते पॉलीफेनॉल्स का एक अच्छा स्रोत होते हैं, जो कैंसर सेल्स के खिलाफ़ काम करते हैं। ताज़े केले के पत्ते का रस सोरायसिस (त्वचा पर खुजली, पपड़ीदार चकत्ते) से पीड़ित लोगों को राहत प्रदान करता है। सुबह के समय केले के पत्ते का रस पीने से खांसी और जुकाम कम हो सकता है। वहीं केले के पत्तों का रस गर्मी या सनस्ट्रोक के लक्षणों को भी दूर कर सकता है।

*6. नीम के पत्ते :*

नीम में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, और नीम के बायोएक्टिव कंपाउंड शरीर को विभिन्न बीमारियों और त्वचा संक्रमणों से बचाव में मदद करते हैं। नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट में मस्तिष्क की सुरक्षा करने वाले गुण हो सकते हैं। यह विटामिन सी (एस्कॉर्बिक एसिड) के स्तर को बढ़ाकर मस्तिष्क को लाभ पहुंचा सकता है और लिपिड पेरोक्सीडेशन प्रक्रिया में आपकी मदद कर सकता है।

       नीम के पत्तों में शक्तिशाली एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में आपकी मदद करते हैं। नियमित रूप से नीम की एक निश्चित मात्रा का सेवन पाचन संबंधी समस्यायों के खतरे को कम कर देता है। वहीं बॉडी टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और इससे तमाम तरह के संक्रमणों का खतरा कम हो जाता है।

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