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फर्टिलिटी की केपेसिटी भी डेवलप करता है ध्यान 

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    डॉ. विकास मानव 

मेडिटेशन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, दोनों के लिए फायदेमंद है। एक निश्चित समय तक ध्यान करने से शरीर हार्मोन जारी करता है। यह रिप्रोडक्टिव हेल्थ में भी मदद करता है। इन हार्मोनों में से एक कोर्टिसोल है, जो तनाव पैदा करने के लिए दोषी माना जाता है।

      ध्यान करने से कोर्टिसोल के स्तर को कम किया जा सकता है।मेडिटेशन व्यापक रूप से हार्मोन जारी करता है, जो प्रजनन यात्रा, गर्भावस्था और जन्म के दौरान मदद करता है। सबसे अच्छी बात यह है कि ध्यान फर्टिलिटी बढ़ाने में भी मदद करता है।

*कैसे काम करता है ध्यान?*

    मेडिटेशन डीएचईए हार्मोन (DHEA) के उत्पादन को बढ़ावा दे सकता है। जो लोग ध्यान का अभ्यास करते हैं, उनमें डीएचईए हार्मोन की दर उन लोगों की तुलना में 43% अधिक होती है, जो ध्यान का अभ्यास नहीं करते हैं।

      यह हार्मोन पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता के लिए आवश्यक है, क्योंकि यह एक हेल्दी ओव्यूलेशन चक्र को बनाए रखने में मदद करता है। यह अंडों की जीवन शक्ति को भी बढ़ाता है।

     ध्यान डीएचईए हार्मोन अंडे सहित कोशिकाओं की लोंगेविटी को भी बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इससे कोशिकाओं को होने वाली क्षति को भी कम करता है। लंबी अवधि तक ध्यान करने पर एग और स्पर्म की गुणवत्ता पर असर पड़ता है। इस तरह गर्भधारण की संभावना पर भी असर पड़ता है।

*ध्यान करने से लव हार्मोन ऑक्सीटोसिन की रिलीजिंग*

 oxitocin जन्म, बच्चे के साथ जुड़ाव और मिल्क प्रोडक्शन में मदद करता है। ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन के साथ मिलकर अच्छे मूड को बढ़ाता है।

       प्रजनन क्षमता या फर्टिलिटी पर ध्यान और माइंडफुलनेस के प्रभावों पर कई अध्ययन हुए हैं। अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि मेडिटेशन से न सिर्फ फर्टिलिटी बढ़ाने में मदद मिली, बल्कि आईवीएफ के बाद गर्भवती होने वाली महिलाओं में तनाव, एंग्जाइटी, प्रसव आत्मविश्वास और प्रसव पीड़ा में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।

      इंटिमेट हेल्थ जर्नल की स्टडी बताती है कि योग दोनों पार्टनर को इनफर्टिलिटी से उबरने में मदद कर सकता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों की शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिति में सुधार करके हेल्पिंग रिप्रोडक्टिव ट्रांसफॉर्मेशन सक्सेस रेट को बढाता है।

*ओवरऑल हेल्थ में सुधार :* 

योग के कारण दर्द में कमी, अवसाद, एंग्जाइटी और तनाव में कमी हो सकती है। वेजाइनल प्रसव और फीटस हेल्थ में भी सुधार हो सकता है। जर्नल ऑफ एंडोमेट्रियोसिस एंड पेल्विक पेन डिसऑर्डर में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 12 सप्ताह तक लगातार मेडिटेशन से आईवीएफ की प्रतीक्षा कर रही इनफर्टिलिटी की शिकार महिलाओं की ओवरऑल हेल्थ में भी सुधार हुआ।

    कार्यक्रम में माइंडफुलनेस मेडिटेशन, रिलैक्स टेक्नीक और ध्यान के कई सत्र शामिल थे।

*फर्टिलिटी और मेडिटेशन का क्या है कनेक्शन :*

पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई अध्ययन हुए हैं, जिनमें ध्यान के लाभ पाए गए हैं। यह जरूरी नहीं है कि यह प्रजनन क्षमता से सीधा जुड़ा हुआ हो। तनाव कम करने, हार्मोन को संतुलित करने और समग्र मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने से प्रजनन परिणामों में मदद मिल सकती है।

      नियमित रूप से 10 मिनट ध्यान फायदा पहुंचा सकता है। ध्यान के अलावा प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रखने के लिए स्वस्थ जीवनशैली का चुनाव करना चाहिए। इसके लिए धूम्रपान न करें।

     तम्बाकू प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। गर्भधारण करने का प्रयास करते समय शराब को सीमित करें या उससे बचें।

भारी मात्रा में शराब पीने से ओवुलेशन संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है। 

    कैफीन का भी सेवन सीमित रूप में करें। बहुत कठिन या बहुत देर तक व्यायाम न करें। विषाक्त पदार्थों से बचें।

*ध्यान के साथ खानपान में शामिल करें ये सरंजाम :*

   अनहेल्दी लाइफस्टाइल ने महिला एवं पुरुष दोनों के लिए फर्टिलिटी को काफी चैलेंजिंग बना दिया है, जिसकी वजह से कपल्स को कंसीव करने के लिए काफी ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ता है। मेल हो या फीमेल कंसीव करने में दोनों की बराबर की भागीदारी होती है, और यदि कोई एक भी अपनी सेहत के प्रति लापरवाह है, तो प्रेगनेंसी प्लान करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए दोनों कपल्स को शुरुआत से ही फर्टिलिटी पर ध्यान देना चाहिए।

       यदि आप बेबी प्लान करना चाहती हैं, तो हमारे पास फर्टिलिटी बूस्ट करने का एक अच्छा विकल्प है। ऐसे कुछ खास फर्टिलिटी बूस्टिंग फूड्स हैं, जिसे दोनों कपल्स को अपने नियम में डाइट में शामिल करना चाहिए। इनके सेवन से बेबी प्लानिंग करते हुए आपको कंसीव करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती।

    ये हैं फर्टिलिटी इंप्रूव करने के लिए कुछ खास सुपरफूड्स :

*1. खजूर :*

खजूर कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए जरूरी है, और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। वहीं यह इनफर्टिलिटी संबंधी समस्याओं में महिला एवं पुरुष दोनों के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। यह एक स्वस्थ तंत्रिका टॉनिक (nervine tonic) देता है और पुरुष एवं महिला दोनों के शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। इसका नियमित सेवन पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्याओं में कारगर होता है, वहीं महिलाओं की फर्टिलिटी को मजबूत करता है जिससे कि कंसीव करना आसान हो जाता है।

*2. इलायची :*

इलायची एक अद्भुत मसाला है जो पित्त और वात दोष को संतुलित करती है, इसमें कई महत्वपूर्ण विटामिन जैसे राइबोफ्लेविन और नियासिन, एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याओं में कारगर होते हैं। यदि आप कंसीव करने का सोच रही हैं, तो इलायची को मसाले के तौर पर इस्तेमाल करने के साथ ही आप इसकी चाय को अपनी नियमित डाइट का हिस्सा बना सकती हैं। साथ ही साथ इसे नियमित रूप से चबाया जा सकता है, जिससे कि यह माउथ फ्रेशनर के तौर पर काम करती है और सांसों की बदबू को भी दूर करती है।

*3. शुद्ध घी :*

आयुर्वेद की माने तो गाय का घी मनुष्य के लिए एक पवित्र, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य लाभ देने वाला पदार्थ है। गाय का घी उन कपल्स के लिए वरदान साबित हो सकता है जो इनफर्टिलिटी का शिकार हैं। गाय के घी को स्वस्थ तरीके से अपने डाइट में शामिल कर आप अपनी फर्टिलिटी को इंप्रूव कर सकती हैं। साथ ही साथ इससे आपको कंसीव करने में बेहद आसानी होगी।

      इसका सेवन केवल महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी करना है। घी में मौजूद महत्वपूर्ण विटामिन और मिनरल्स फर्टिलिटी के साथ ही सेहत संबंधी कई अन्य समस्याओं में भी बेहद कारगर होते हैं।

*4. लौंग :*

लौंग उन मसालों में से एक है जो आयुर्वेदिक फर्टिलिटी फॉर्मूलेशन में चिकित्सीय तरीकों से उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं को ट्रीट करने के लिए लौंग को एक बेहद प्रभावशाली सुपरफूड माना जाता है। उच्चतम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए इस मसाले या जड़ी बूटी को पाक तरीके में शामिल किया जाता है। यदि आप कंसीव करने का सोच रही हैं तो इसे अपनी और अपने पार्टनर की डाइट का हिस्सा जरूर बताएं।

*5. गन्ना :*

गन्ने को आयुर्वेद में इक्षु कहा जाता है, इसमें कामोत्तेजक, शारीरिक शक्ति और स्पर्म की गुणवत्ता में सुधार करने के गुण होते हैं। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल फर्टिलिटी संबंधी समस्याओं को ट्रीट करने के लिए किया जाता है। वहीं यह सेक्शुअल पॉवर को बूस्ट करता है, जिससे कि कपल्स एक हेल्दी और प्लेजरेबल सेक्स लाइफ एंजॉय कर पाते हैं।

*6. काली किशमिश :* 

काली किशमिश को त्रिदोष संतुलन के लिए सबसे अच्छा फल कहा जाता है। इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के गुणवत्ता पाई जाती है, जो इन्हें बेहद खास बनाती हैं। यह एक स्वस्थ शरीर का निर्माण करती है, साथ ही साथ सेक्शुअल पॉवर को भी बूस्ट करती है। इतना ही नहीं इसका प्रभाव मेल और फीमेल फर्टिलिटी पर भी देखने को मिलता है, इसलिए जो कपल्स इनफर्टिलिटी की समस्या से परेशान हैं उन्हें अपनी डाइट में काली किशमिश को जरूर शामिल करना चाहिए। आप इन्हें भिगोकर ले सकती हैं, साथ ही इनके पानी को पीने से भी फायदे मिलेंगे।

*7. जायफल :*

जायफल एक मजबूत जड़ी बूटी है जो खाद्य पदार्थों में मसाले के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। यह खाने में फ्लेवर ऐड करती है। एक स्वस्थ प्रजनन क्षमता के लिए जलफल का इस्तेमाल पुरुष और महिलाओं दोनों द्वारा किया जा सकता है। इसमें उच्च शक्ति होती है जो स्पर्म क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों में सुधार करती है, और महिलाओं मैं समग्र फर्टिलिटी स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है।

*8. गुलाब :*

गुलाब प्रभावी और खास जड़ी-बूटियों में से एक है, आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल अलग-अलग रूप से अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याओं को ट्रीट करने के लिए किया जाता है। यह पुरुष और महिला दोनों के प्रजनन क्षमता में सुधार करती है। यह शरीर में ऑक्सीटोसिन के रिलीज को बढ़ा देती है, जो एक लव प्रेम हार्मोन है। यह तनाव से राहत देता है, मन में शांति पैदा करता है और शारीरिक और मानसिक रूप से रिश्तों के लिए स्वस्थ बंधन बनाने में मदद करता है।

*9. अनार :*

मीठा अनार स्पर्म की क्वालिटी में सुधार करता है, क्योंकि आयुर्वेद कहता है कि सुक्राला का मतलब है कि यह स्पर्म की गुणवत्ता बढ़ाता है और महिलाओं के लिए, यह एक स्वस्थ हार्मोनल चक्र को बढ़ावा देता है। महिलाओं में यदि हार्मोन संतुलित रहते हैं, तो उनकी फर्टिलिटी को बनाए रखना अधिक आसान हो जाता है। वहीं पुरुषों में स्पर्म की गुणवत्ता कंसीव करने के दौरान बेहद महत्व रखती है। आप गुलाब की पंखुड़ियां को सुखाकर पाउडर बनाकर अपनी डाइट में ऐड कर सकती हैं, वहीं गुलाब की ताजी पंखुड़ियां की चाय या इनका रस भी बेहद कारगर रहेगा।

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