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इलेक्टोरल बॉन्ड ने, रिश्वत जैसे काले काम को भी सफ़ेद बना दिया…

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डॉ. द्रोण कुमार शर्मा

नोटबंदी, जीएसटी, रफ़ाल, पुलवामा-बालाकोट जैसे महान कार्य क्या कम थे कि आपको ये इलेक्टोरल बॉन्ड जैसा महान कार्य भी करना पड़ा।

सरकार जी, आप महान है। आप महान हैं क्योंकि आपने हमारे देश को अपना महान नेतृत्व प्रदान किया है। देश की जनता आप की महानता से कृतार्थ है क्योंकि आपने देश को अपना महान नेतृत्व प्रदान करने का उनका अनुरोध स्वीकार किया है। 

बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपीसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड के डाटा से दवा बनाने वाली कंपनियों से जुड़ा एक बेहद गंभीर तथ्य सामने आया है। कई दवा बनाने वाली कंपनियां कई बार दवा टेस्ट में फेल हुईं, उन्होंने करोड़ों के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इनमें से ज़्यादातर सत्तापक्ष की BJP के पास गए। क्या चुनावी चंदे के बदले में देश की जनता की ज़िंदगी के साथ खेला जा रहा है?

सरकार जी, आपने महानता के नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। आपके द्वारा पहले के कीर्तिमान कम थे कि आपको नित नये कीर्तिमान स्थापित करने पड़ रहे हैं। हमें पता है कि आप जब भी अगला कदम रखते हैं तो वह ऐतिहासिक होता है, एक नया कीर्तिमान होता है। देश की धरती पर सरकार जी का अगला कदम।

सरकार जी, अभी कुछ दिन पहले ही आपके द्वारा किये गए एक नये महान कार्य का पता चला है। पहले किये गए महान कार्य क्या कम थे कि आपको एक और नया महान काम करना पड़ा। नोटबंदी, जीएसटी, रफ़ाल, पुलवामा-बालाकोट जैसे महान कार्य क्या कम थे कि आपको ये इलेक्टोरल बॉन्ड जैसा महान कार्य भी करना पड़ा। 

मैं जानता हूँ कि यह इलेक्टोरल बॉन्ड बहुत ही महान चीज है। इतनी महान चीज की कल्पना हम आप जैसे महान से ही कर सकते थे। सच कहा जाये तो इतनी महान चीज किसी की भी कल्पना से बाहर ही थी। सच में, इतना अच्छा, इतना महान, इतना पारदर्शी सिस्टम हमारे देश ने पिछले सत्तर साल में कभी नहीं देखा था। और हमारे देश क्या, शायद विश्व के किसी भी देश ने कभी नहीं देखा। लेकिन दुश्मनों ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत कर इसे भी बंद करवा दिया। ये कहां का इंसाफ़ हुआ!

अब देखो, इस महान सिस्टम ने, सरकार जी के इस महान सिस्टम ने, इस महान इलेक्टोरल बॉन्ड ने, रिश्वत जैसे काले काम को भी सफ़ेद बना दिया था। पहले रिश्वत लोग डर कर देते थे, कि कहीं लेने वाला ही नाराज न हो जाये। यह डर हटा तो चोरी छुपे देने लगे कि कहीं इस लेन-देन का किसी को पता न चल जाये। कहीं चाय की दुकान पर या मेज के नीचे से देते थे। फिर यह डर भी हट गया तो खुले आम दफ़्तर में ही देने लगे। पर देते कैश ही थे। कैश मतलब ब्लैक मनी। 

पर सरकार जी तो ब्लैक मनी के पीछे पड़े हैं। तो सरकार जी ने ब्लैक मनी को ख़तम करने के लिए नया तरीका निकला। इलेक्टोरल बॉन्ड का तरीका। देश में पहली बार, सत्तर साल में पहली बार, विश्व में भी पहली बार, हमारे सरकार जी द्वारा निकला गया तरीका एक अद्भुत तरीका। काले धन की समाप्ति का नोटबंदी के बाद एक और नायब तरीका। इलेक्टोरल बॉन्ड का तरीका। इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदो, काम के पहले खरीदो या फिर बाद में खरीदो। और फिर सरकार जी की पार्टी के चुनावी फंड में दे आओ। दे कर आओ और रसीद पाओ। मतलब रिश्वत की भी रसीद पाओ। काम हो जायेगा। यह गारंटी है, सरकार जी की गारंटी है। चंदा दो, धंदा लो, सरकार जी की नई गारंटी है।

काम नहीं करना है, कोई ठेका नहीं पाना है फिर भी चुनावी चंदा देने का मन है तो सरकार जी को बताओ, ईडी या आईटी की रेड पड़वा देंगें। अजी सब सरकार जी के पास ही है। रेड के पहले चंदा दे दो या रेड के बाद दे दो, बात एक ही है। बस इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदो और चंदा दो। 

कंपनी का प्रॉफिट छुपाना है। इनकम टैक्स बचाना है। देश के विकास में भागीदार नहीं बनना है। तो ठीक है, पार्टी के विकास में भागीदार बनो। सरकार जी की पार्टी के विकास में भागीदार बनो। दो करोड़ का प्रॉफिट दिखाओ और दो सौ करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीद पार्टी के ऑफिस में दे आओ। कुछ क्रोनी कैपिटलिस्ट का पैसा भी पार्टी के काम आ जायेगा, देश के काम आ जायेगा। यह सरकार जी का प्लान है, क्रोनी कैपिटलिस्ट का पैसा भी देश के, पार्टी के काम लाने का। इस को शक की निगाह से मत देखो कि दो करोड़ के लाभ वाली कंपनी दो सौ करोड़ का इलेक्टोरल बॉन्ड कैसे खरीद सकती है। 

दवाई की कंपनी चलाते हो। दवाई में दवाई कम डाली है, दवाई जाँच में फेल हो गई है तो पर पार्टी के विकास में भागीदार बनो। इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदो और पार्टी को दो। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने भी वैक्सीन की रिसर्च पर इतना खर्च नहीं किया होगा जितना इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने पर किया। बताइये, यह सब कैसे होता? कोई इलेक्टोरल बॉन्ड कैसे खरीदता? अगर सरकार जी इलेक्टोरल बॉन्ड की स्कीम निकलते ही नहीं तो।

इस इलेक्टोरल बॉन्ड के इतने लाभ है कि गिनाये न गिने। सरकार जी की इस महान स्कीम गुण बताना संभव ही नहीं हैं। नित नये गुण पता चल रहे हैं। इस इलेक्टोरल बॉन्ड की स्कीम के लाभ तो नोटबंदी की स्कीम से भी अधिक हैं। पर हमारे सरकार जी नेकी कर दरिया में डाल देते हैं। जैसे वे अब नोटबंदी के बारे में कभी नहीं बोलते हैं, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम के बारे में भी कभी नहीं बोलेंगे। देख लेना, कभी भी नहीं बोलेंगे। और बोलेंगे तो झूठ ही बोलेंगे। यह मेरी गारेंटी है।

(इस व्यंग्य स्तंभ के लेखक पेशे से चिकित्सक हैं।)

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