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प्राणायाम से कंट्रोल करें ब्लड प्रेशर 

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     डॉ. श्रेया पाण्डेय 

योग और ध्यान पूरे शरीर को स्वस्थ रखते हैं। प्राणायाम में हम अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसमें धीमी गहरी सांस ली जाती है। इस से मन को आराम मिलता है और अस्थमा के लिए स्ट्रेस स्टिमुली कम हो सकती है.

     इसके परिणामस्वरूप अस्थमा के दौरे कम हो सकते हैं। प्राणायाम एयरवेज के स्राव को साफ कर सकता है। फेफड़ों की एक्टिविटी बढ़ाने में मदद कर सकता है। यह सांस लेने के दौरान श्वसन मांसपेशियों की कार्यप्रणाली को बढ़ा सकता है, जिससे उन्हें मजबूती मिलती है। 

*कैसे हाई बीपी पर काम करता है प्राणायाम?*

प्राणायाम शरीर को रिलैक्स करता है। इस अवस्था में पैरासिंपैथेटिक एक्टिविटी (Parasympathetic activity) सिंपैथेटिक एक्टिविटी (sympathetic activity) पर हावी हो जाती है।

     हल्के हाई बीपी वाले रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर के बेहतर नियंत्रण में प्राणायाम को शामिल करना उपयोगी हो सकता है। ध्यान दें कि मरीज को डॉक्टर द्वारा दी जा रही दवा हर हाल में लेनी है।

ये हैं 3 प्राणायाम जो हाई बीपी में मदद करते हैं :

  *1. अनुलोम-विलोम :*

अनुलोम-विलोम प्राणायाम या सांस लेने की एक्सरसाइज तकनीक है, जिसमें सांस लेते समय नाक के एक छेड़ को पकड़ना होता है। फिर सांस छोड़ने के लिए दूसरे नासिका छिद्र पर स्विच करना होता है.

     इसे कई बार दोहराना होता है। अनुलोम-विलोम तनाव, चिंता दूर करने और फोकस को बेहतर बनाने में मदद करता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि अनुलोम-विलोम हृदय की कार्यप्रणाली, ब्लड प्रेशर और हृदय गति को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

*कैसे करें?*

दाहिने हाथ का उपयोग करते हुए मिड्ल और इंडेक्स फिंगर को हथेली की ओर मोड़ें।

अंगूठे को दाहिनी नाक पर और रिंग फिंगर को बायीं नाक पर रखें।

दाहिनी नाक को अंगूठे से बंद करें और बायीं नाक से धीरे-धीरे और गहरी सांस लें, जब तक कि फेफड़े भर न जाएं। सांस पर ध्यान दें।

*2. भ्रामरी :*

भ्रामरी प्राणायाम मधुमक्खी या मधुमाखी की आवाज से प्रेरित है। इस आसन को करने से आप ब्रह्मांड की सभी सकारात्मक शक्तियों से जुड़ती हैं। इस आसन को करने के लिए पालथी मारकर बैठना जरूरी है। 

    आंखें बंद कर सकती हैं। दोनों इंडेक्स फिंगर को भौंहों के ऊपर और दूसरी उंगलियों को आंखों पर रख सकती हैं। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए यह आसन सबसे अधिक मददगार है।

  *कैसे करें?*

धीमी आवाज के साथ नाक से सांस लें। साथ सांस लें।

 फिर मधुमक्खी की गुनगुनाहट की ध्वनि के साथ गहरी सांस छोड़ें। 

   भ्रामरी प्राणायाम सांस छोड़ने की गुंजन मादा मधुमक्खी की ध्वनि है।

*3. भस्त्रिका :*

कई अध्ययनों में भस्त्रिका प्राणायाम को सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों तरह के ब्लड प्रेशर को कम करने में प्रभावी पाया गया है। हाई बीपी में लाभ पाने के लिए इसका अभ्यास धीमी गति से करना चाहिए। 

    भस्त्रिका प्राणायाम शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रदान करने में मदद करता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में भी मदद करता है।

   भस्त्रिका में सांस को तेजी से बाहर छोड़ा जाता है और उसी गति से अंदर लिया जाता है। यह शरीर से अशुद्धियों को बाहर निकालने में मदद करता है।

*कैसे करें?*

गहरी सांस लें, हाथों को ऊपर उठाएं और मुट्ठियां खोलें।

 जोर से सांस छोड़ें और बाहों को इस तरह नीचे लाएं कि वे आपके कंधों के करीब हों। अपनी मुट्ठियों को कस लें।

अतिरिक्त सांसों के लिए इस प्रक्रिया को 3 बार को दोहराएं।

हथेलियों को जांघों पर रखें और आराम करें।

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