(डॉ. प्रिया से मिली जानकारी पर आधारित लेख)
आरती शर्मा
मासिक चक्र विकार शरीर को जला देता है. इंटर्नल पार्ट को सड़ा देता है. संतानसुख की संभावना छीन लेता है. स्त्री को सेक्स में कोई आनंद नहीं लेने देता है. यह जानलेवा भी बन सकता है.
पीरियड्स हर महीने आते हैं, पर ये जरूरी नहीं की हर महीने आपके पीरियड्स का समय, ब्लीडिंग की मात्रा और दर्द एक सामान्य हो। इनमें उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
कभी कभार के बदलाव सामान्य होते हैं तो कई बार ये गंभीर हो सकते हैं। अक्सर महिलाएं पीरियड्स में होने वाले बदलाव को नजरअंदाज कर देती हैं, जो आगे चलकर कई गंभीर परेशानियों का कारण बन सकता है।
आपके पीरियड्स के लक्षणों में बदलाव आना सर्वाइकल कैंसर, इनफर्टिलिटी, एंडोमेट्रियोसिस, संक्रमण जैसी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। इसलिए इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
इन 6 संकेतों को भूलकर भी न करें नजरंदाज :
*1. एक महीने या इससे अधिक समय के लिए पीरियड्स मिस होना :*
यदि तय तिथि से लेकर लगातार एक महीने तक या इससे भी अधिक समय तक आपको पीरियड्स नहीं आया है या पीरियड्स मिस हो गया है, तो आपको डॉक्टर से मिलकर सलाह लेने की आवश्यकता है।
कई बार खानपान में बदलाव, वातावरण में बदलाव और हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड्स डिले हो सकता है, लेकिन एक महीने से अधिक इंतजार नहीं करें। यह किसी गंभीर रोग का संकेत होता है।
*2. पीरियड्स के बीच में कॉन्स्टेंट स्पॉटिंग होना :*
पीरियड्स के बीच, मेनोपॉज के बाद या सेक्स के बाद यदि ब्लीडिंग और स्पॉटिंग हो रही है, तो इसे नजरंदाज न करें। पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होना खतरनाक हो सकता है।
ये संकेत कई गंभीर समस्याएं जैसे कि सर्वाइकल कैंसर, फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं, इन्फेक्शन आदि को दर्शाते हैं।
*3. एक महीने में दो बार पीरियड्स आना:*
आपके पीरियड्स आमतौर पर हर 28 दिन में होते हैं, लेकिन सामान्य मासिक धर्म चक्र 21 दिन से 35 दिन तक हो सकता है। इससे अधिक बार पीरियड आना सामान्य बात नहीं है।
यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो ये आपकी फर्टिलिटी के लिए बड़ी चिंता की बात है। अपने पीरियड्स को ट्रैक करना बहुत जरूरी है।
*4. हैवी ब्लीडिंग होना :*
यदि आपका पीरियड फ्लो (रक्तस्राव) सामान्य से बहुत अधिक या हल्का है, तो इसकी जांच करवाएं। यदि आपको पीरियड्स का फ्लो ज्यादा होता है या बहुत लाइट पीरियड्स होता है तो यह चिंता का कारण बन सकता है।
ये संकेत उचित नहीं हैं, इसपर ध्यान दें और समय रहते डॉक्टर से मिलकर इस विषय पर सलाह लें।
*5. सात दिन से ज्यादा पीरियड्स होना :*
यदि आपकी पीरियड्स की अवधि 7 दिनों से अधिक समय तक चलती है, तो यह एक खतरे का संकेत है। सामान्य पीरियड्स चक्र 5-7 दिनों के बीच होता है।
ये सामान्य नहीं है, और दर्शाता है की आपके रिप्रोडक्टिव हेल्थ को ट्रीटमेंट की आवश्यकता है। इसे कभी भी हल्के में न लें। यदि एक बार ऐसा होता है, तो ये हार्मोनल बदलाव आदि के कारण हो सकता है।
परंतु यदि आपके साथ बार-बार ऐसा हो रहा है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
*6. अत्यधिक दर्द का अनुभव :*
पीरियड्स में समान दर्द होना नॉर्मल है और ऐसा सभी महिलाओं में होता है। परंतु यदि आपको बहुत तेज दर्द हो रहा है, या आप इसे सहन नहीं कर पा रही हैं, तो यह किसी परेशानी का संकेत हो सकता है।
डॉक्टर के अनुसार आपको इस स्थिति में अपने अनुसार किसी भी दवाई और होम रेमेडीज पर डिपेंडेंट नहीं रहना चाहिए। ऐसा किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से हो सकता है, जिसके प्रति ध्यान देना और जिसका ट्रीटमेंट जरूरी है। इसलिए अपनी नजदीकी गाइनेकोलॉजिस्ट से मिलें और सलाह लें।
*नोट :* पीरियड्स में नजर आने वाले बदलाव के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कईयों से सेक्स, प्रेग्नेंसी रोधी मेडिसिन, आवोर्शन, इंटीमेंट एरिया की हाईजिन, सेक्सुअल अतृप्ति, अत्यधिक तनाव, शारीरिक स्थिरता, मेडिकल कंडीशन जैसे की एंडोमेट्रोसिस, पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज, सर्वाइकल कैंसर आदि।
इसके अलावा कई ऐसी अन्य अंडरलाइन मेडिकल कंडीशंस हैं, जिनके लक्षण के तौर पर पीरियड्स में बदलाव नजर आ सकते हैं।
यदि आपको भी ऐसा कोई लक्षण नजर आ रहा है, तो इसे नजर अंदाज किए बिना डॉक्टर से मिलकर इलाज लें। लाभ नहीं मिले तो हमारी निःशुल्क सेवा लें. (चेतना-स्टेमिना विकास मिशन).
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