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भारतवर्ष को विश्व-गुरु और हिन्दू-राष्ट्र बनाने का गारण्टीशुदा नुस्खा 

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          पुष्पा गुप्ता 

चार साल पहले मैंने यह पोस्ट लिखकर सभी सच्चे हिन्दू वीरों को भारत को विश्वगुरु बनाने का अचूक नुस्खा बताया था। लेकिन हिन्दू वीरों — माँ भारती के सच्चे सपूतों ने कोई साँस-डकार ही नहीं लिया। 

    मैं यह दिव्यज्ञान यहाँ फिर दे रही हूँ। अब पता लग ही जायेगा कि सच में इस देश में माँ भारती के चरणों में प्राणोत्सर्ग के लिए तत्पर कुछ सच्चे सनातनी शूरवीर हैं भी, या सभी बस नरकट की पिपिहरी ही हैं। 

*सच्चे हिन्दू वीरों का आह्वान :*

      हे  भक्तो ! हे भारत-व्याकुल धर्मप्राण बालको ! मेरी बात सुनो ! तुमलोगों को अँधेरे में यूँ ही भटकते और दीवारों से थूथन टकराते देखकर मुझे तो दया आने लगी है ! संघ के नागपुर हेडक्वार्टर के  और  मोदीजी के सारे नुस्खे तो तुमलोगों ने देख और आजमा ही लिए ! भारतवर्ष की और हिन्दू संस्कृति की प्रगति हो ही नहीं पा रही है ! जिसे विश्वगुरु होना है वह कटोरा लिए, दांत चियारे गोमांस और शूकर- मांस भक्षी यवनों और म्लेच्छों के दरवाज़े अभी भी गिडगिडा रहा है !

      मैं तुम्हे आदर्श हिन्दू राष्ट्र बनाने का, भारतवर्ष को विश्वगुरु बनाने का, नुस्खा बता रही हूँ ! इसपर अमल करो ! सौ प्रतिशत सफलता की गारण्टी है ! पहले बाहर अपना झंडा गाड़ो, फिर देश के भीतर के शत्रुओं से तो कभी भी निपट सकते हो !

(1) पहली बात, जिस कैलाश पर्वत पर भगवान शिव पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और अपने समस्त गणों के साथ बिराजते हैं, वह कैलाश पर्वत और पवित्र मान सरोवर चीन के कब्जे में हैं ! यह हिन्दू गौरव पर कलंक का सबसे बड़ा धब्बा है ! अतः देश के करोड़ों भक्तों को देवाधिदेव महादेव के आवास को चीनी कब्जे से मुक्त कराने के लिए कूच कर देना होगा !

     इस पवित्र प्रयोजन के लिए, अगर तुम हिमालय में पांडवों की तरह गलकर मर गए, या शत्रु   के हाथों वीरगति को प्राप्त हो गए, तो तुम्हें गोलोक, ब्रह्मलोक, स्वर्गलोक आदि में कहीं न कहीं स्थान तो प्राप्त हो ही जाएगा, मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है ! 

    अतः पहला काम है कैलाश-मानसरोवर को मुक्त करके हिन्दू राष्ट्र के गौरव को बहाल करना ! हमें कूच की तैयारी करनी चाहिए ! इसमें थोड़ा समय लग सकता है ! तबतक हमें इतना ज़रूर करना चाहिए कि चीन से कोई व्यापारिक सम्बन्ध न रखें ! जो सरकार चीनी कंपनी से सरदार पटेल की मूर्ति बनवाती है और चीनी कंपनियों को बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स के  ठेके देती है और चीनी सामानों से भारतीय बाज़ारों को पाट देती है (यहाँ तक कि सरस्वती, गणेश, लक्ष्मी आदि की मूर्तियाँ भी चीन से ही आ रही हैं जिन्हें गाय, सूअर,कुत्ता, सांप, चमगादड़ आदि खाने वाले लोगों के अपवित्र हाथ बनाते हैं ), वह सरकार चाहे अयोध्या में गगनचुम्बी मंदिर क्यों न बनवा दे, वह हिन्दू-हितैषी भला कैसे हो सकती है ? 

     शर्म से डूब मरने की बात तो यह है कि हमारे कुल दवाओं के आयात का 70 प्रतिशत चीन से आता है क्योंकि वह सस्ता पड़ता है ! क्या शिव के आवास पर कब्ज़ा जमाये बैठे नास्तिकों से सस्ती दवाएं खरीदकर खाने से मर जाना श्रेयस्कर नहीं है ? लानत है ऐसे हिन्दू वीरों की धर्म-निष्ठा पर और राष्ट्र-निष्ठा पर ! ऐसे हिन्दुओं को तो लज्जावश सामूहिक आत्महत्या कर लेनी चाहिए ! 

     आपलोगों को यह भी नहीं पता कि जिन तमाम अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों के मोबाइल, टी.वी., लैपटॉप और तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आप इस्तेमाल करते हैं, वे उन कंपनियों के चीनी वर्कशॉपों में बनते हैं ! आप जिस पेटीएम का इस्तेमाल करते हैं, उसके मालिकाने का बड़ा हिस्सा चीन के पास है और आने वाले दिनों में वह कई बड़ी भारतीय कंपनियों का मालिकाना हड़पने वाला है और दर्ज़नों बड़ी चीनी कम्पनियाँ भारत के बाज़ार में अगले वर्ष तक आ जायेंगी ! 

      तो हे गोबरगनेश मूढमति भक्तो ! मोदीजी से पूछने का तो बनता है न कि हिन्दू आस्था के एक केंद्र शिव आवास पर क़ब्ज़ा जमाये शत्रु के साथ इस बर्ताव से क्या हिन्दू गौरव का मान-मर्दन नहीं हो रहा है ?

(2) हमारा देश धन-धान्य-संपन्न है ! फिर हमारे गौरवशाली हिन्दू राष्ट्र के करीब एक करोड़ लोग खाड़ी के इस्लामी देशों में जाकर अगर काम करते हैं, तो क्या यह सिक्कों की खातिर धर्म बेचना नहीं हो गया ? विडम्बना यह है कि इन आप्रवासियों में मुसलमानों से ज्यादा हिन्दू हैं, जबकि हिन्दू राष्ट्र के अलमबरदार संघ और विश्व हिन्दू परिषद् मानते हैं कि इस देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने में सबसे बड़ी बाधा यहाँ के 20-22 करोड़ मुसलमान हैं ! 

      फिर हम इस्लामी देशों में जाकर म्लेच्छों-यवनों की गुलामी क्यों करें ? निकलवा लें शेख लोग अपने कुँओं से तेल पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि देशों के मुसलमान मज़दूरों से ! जब हम यह शपथ ले सकते हैं कि ‘आधी रोटी खायेंगे मोदीजी को लायेंगे’, तो फिर देश और धर्म के गौरव की खातिर यह शपथ क्यों नहीं ले सकते कि ‘भूखों मर जायेंगे, पर खाड़ी देशों के मुसलमानों की गुलामी करने नहीं जायेंगे !’ 

      अब इसके बाद बारी आती है इन मुसलमानी देशों से तेल-गैस आदि न खरीदने की ! तो, भारतवर्षोन्नति के लिए हमें वह भी करना होगा ! देश में जितना तेल है, कोयला है, पनबिजली है, उसीसे काम चलाना होगा और सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा आदि का विकास करना होगा ! इसमें बरसों लगेंगे ! तबतक हमें एकबार फिर घोड़ागाड़ियों, बैलगाड़ियों, रथों, गधागाड़ियों, घोड़ों, पालकियों,खच्चरों और गधों के ज़माने में लौटना होगा ! 

      अगर हम यह बलिदान दे सके तो निश्चय ही हिन्दू राष्ट्र स्थापित होगा, हम पुनः विश्वगुरु बन जायेंगे और पुष्पक विमान, ब्रह्मास्त्रों-आग्नेयास्त्रों, वारुनास्त्रों आदि-आदि का स्वर्णिम अतीत वापस लौट आयेगा !

(3)हिन्दू राष्ट्र के अवतरण में मुसलमानों के बाद सबसे बड़ी बाधा ईसाई हैं ! इनके द्वारा धर्मांतरण और क्रिसमस, वैलेंटाईन डे, लव मैरिज आदि-आदि के प्रचार से हमारे धर्म को होने वाली हानि से हमारे हिन्दू वीरों का खून अक्सर खौलता रहता है ! लेकिन लज्जा से धरती में गड़ जाने की बात यह है कि हमारे देश के 30 लाख लोग अमेरिका में और उत्तरी और दक्षिणी अमेरिकी देशों में कुल 61 लाख लोग नौकरी करते हैं ! 

     यूरोपीय देशों में 15 लाख लोग नौकरी करते हैं, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित ओसीनिया के देशों में 11 लाख लोग नौकरी करते हैं ! कुल मिलाकर तीन करोड़ से ऊपर भारतीय ईसाई और इस्लामी देशों में जाकर विधर्मियों की गुलामी करते हैं ! अगर धर्म और राष्ट्र के गौरव के लिए मर-मिटने का जज़्बा है तो इन करोड़ों हिन्दुओं को विधर्मियों की गुलामी छोड़कर स्वदेश वापस आकर राष्ट्र-सेवा करने के लिए कहना होगा !

      जो न लौटें, उनका पासपोर्ट ज़ब्त कर लेना होगा, उनकी नागरिकता छीन लेनी होगी ! हमारा देश धन-धान्य संपन्न है ! सभी हिन्दू वीर आधी रोटी खाकर जी लेंगे और एक दिन इसे सतयुग-त्रेता की तरह समृद्ध बना ही देंगे ! इसके बाद ज़रूरी काम यह है कि हम सभी म्लेच्छ और यवन और नास्तिक देशों के सामान न खरीदें, उनकी कंपनियों को पावन भारत-भूमि पर कदम न रखने दें ! 

     अगर हम उनके साथ व्यापार करें भी तो जितने का माल बेंचें, उतने का ही माल खरीदें ! एकदम बराबरी का सौदा ! उनका हाथ कहीं भी ऊपर नहीं होना चाहिए ! 

   यार भक्तो! 

    अब तो लगता है कि बुद्धि तुमलोगों के घुटनों में भी नहीं रहती ! निरे गदहे हो गदहे ! बुरा मत मानना ! तुम्हे हिन्दू राष्ट्र बनाने के नाम पर कभी अयोध्या तो कभी 370, तो कभी तीन तलाक, तो कभी नागरिकता रजिस्टर आदि चूफिया चक्करों में उलझा दिया जाता है और मोदीजी कभी गोमांस भक्षी ट्रम्प को तो कभी सर्व-कुभक्षी शी जिन-पिंग को झूला झुलाते हैं ! पटेल की मूर्ति चीनी कंपनी बनाती है !

      भगवान शिव के आवास पर चीन का कब्ज़ा है, ट्रम्प बात-बात में भारतीयों को गरियाता है और अमेरिका में कार्यरत भारतीयों को भारत भेज देने की धमकी देता है, एक करोड़ भारतीय इस्लामी देशों में गुलामी करते हैं और तुमलोगों को चरका पढ़ा दिया जाता है कि बेटा लगे रहो, हिन्दू राष्ट्र बन रहा है ! 

     हिन्दू वीरो !

 हिन्दू राष्ट्र का निर्माण, भारत को विश्वगुरु बनाने का प्रोजेक्ट, कोई बच्चों का खेल नहीं है ! हिन्दू-राष्ट्र बनाने की गोली देकर कुछ ठग सिर्फ़ अम्बानी-अदानी की सेवा कर रहे हैं ! भाजपा के जो 600 बहुमंजिले दफ्तर बने हैं, वहाँ हिन्दू राष्ट्र बन रहा है, या ‘अन्तीलिया’ (अम्बानी का घर) में हिन्दू राष्ट्र बन रहा है ? 

      तुमलोगों का तो पोपट हो रहा है मूर्खो ! सच में अगर हिन्दू राष्ट्र बनाना हो और भारत को विश्वगुरु बनाना हो तो कैलाश-मान सरोवर की मुक्ति के लिए कूच की तैयारी करो, तीन करोड़ से अधिक भारतीयों को विधर्मियों के देशों में चाकरी करने से रोको और वापस बुलाओ, सभी म्लेच्छ और यवन देशों से व्यापार बंद कर दो, उनकी कंपनियों को पवित्र भारत-भूमि से भगा दो ! 

      बड़े लक्ष्य के लिए बड़े बलिदान देने होते हैं ! बस ऐं-वें ही हाफ पैंट पहनकर लाठी भांजने से, कुछ छोटे-मोटे दंगे कर लेने से, कुछ नारे लगा लेने से कुछ नहीं होने का ! विश्वगुरु बनने के लिए समस्त भूमंडल पर उथल-पुथल मचाना होगा ! इतना साहस न हो तो चुपाय मारो, और घर में घुस के बैठ जाओ ! काहे का हिन्दू वीर ! पूरे पों-पों हो, पों-पों !!

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