स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि रविवार को होने वाली NEET पोस्ट-ग्रेजुएट (NEET-PG) परीक्षा को “एहतियाती उपाय” के तौर पर स्थगित कर दिया गया है और जल्द ही नई तारीख की घोषणा की जाएगी. आखिरी समय में लिए गए इस फैसले के प्रति छात्रों में गुस्सा और खीझ है, खासकर तब जबकि प्रतियोगी परीक्षाओं NEET-UG और NET के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.यह घोषणा रविवार को सुबह 9 बजे होने वाली परीक्षा से करीब 12 घंटे से भी कम समय पहले शनिवार को रात 10 बजे की गई.
पिछले कुछ हफ़्तों में NEET UG 2024 के नतीजे कथित पेपर लीक, UGC NET को रद्द करने और शुक्रवार को CSIR UGC NET 2024 को स्थगित करने की घोषणा के बाद विवादों में घिरे रहे हैं, ये सभी परीक्षाएं राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाती हैं. केंद्र ने शनिवार रात NTA प्रमुख सुबोध कुमार सिंह को भी हटा दिया और उन्हें “अनिवार्य प्रतीक्षा” पर रख दिया.
NEET-PG की तारीखों में पहले ही कई बदलाव हो चुके हैं. इसे मूल रूप से 3 मार्च को आयोजित किया जाना था, लेकिन जनवरी में, नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन इन मेडिकल साइंसेज (NBEMS) – परीक्षा आयोजित करने के लिए जिम्मेदार परीक्षण एजेंसी – ने इसे 8 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया. कुछ दिनों बाद, तारीख को आगे बढ़ाकर 23 जून कर दिया गया. अब, परीक्षा से एक दिन पहले इसे फिर से स्थगित कर दिया गया है.
NEET-PG देने के लिए तैयार दिल्ली की रितु गुलिता ने शनिवार को दिप्रिंट से कहा: “मैं सोने ही वाली थी. मैं 10 महीने से तैयारी कर रही हूं. मैं घर पर बैठकर पढ़ाई कर रही थी. सरकार को हमारी परवाह नहीं है. मुझे थोड़ी राहत महसूस हो रही थी कि कल यह थका देने वाला चक्र खत्म हो जाएगा, लेकिन अब मुझे नहीं पता कि मुझे कब तक संघर्ष करना होगा.
उन्होंने आगे कहा: “इस सरकार ने युवाओं को निराश किया है. यह एक रोलरकोस्टर है. कभी वे परीक्षा को स्थगित कर देते हैं, तो कभी इसे आगे बढ़ा देते हैं. वे कोई भी परीक्षा सही तरीके से आयोजित नहीं कर सकते. चिकित्सा क्षेत्र देश के लिए महत्वपूर्ण है, और अगर पेपर लीक होते हैं, तो हमें मुन्ना भाई जैसे डॉक्टर मिलेंगे और कुछ नहीं.”
नीट-पीजी एमडी, एमएस और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एकमात्र पात्रता और प्रवेश परीक्षा है. कई डॉक्टर परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी नौकरी से छुट्टी लेते हैं, जबकि अन्य अस्पताल में अपनी लंबी शिफ्ट के दौरान पढ़ाई करते हैं.
26 वर्षीय मनीत कुमार ने दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में अपनी नौकरी छोड़कर पिछले सात महीनों से 14 घंटे पढ़ाई की. उन्होंने यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की.
उन्होंने पूछा, “मैं अपने गुस्से को शब्दों में बयां नहीं कर सकता. क्या सरकार जानती है कि यह कितना निराशाजनक है? आप एक परीक्षा की तारीख कितनी बार बदलते हैं? सरकार एक परीक्षा सफलतापूर्वक कैसे नहीं आयोजित कर सकती?”
राहुल गिरि आखिरी समय में रिवीज़न करने के बाद बिस्तर पर गए ही थे कि उन्हें परीक्षा स्थगित होने की खबर मिली. उन्होंने इसकी पुष्टि करने के लिए हर न्यूज़ चैनल चेक किया.
गिरि ने शनिवार देर रात कहा, “मैंने सुबह 4.30 बजे सोकर उठने की योजना बनाई थी. मेरे दोस्त अभी भी पूछ रहे हैं कि हमें सेंटर जाना है या नहीं. कुछ छात्र परीक्षा देने के लिए दूसरे राज्यों में हैं. उन्होंने पैसे खर्च किए हैं. यह काफी कठिन परीक्षा है. मनचाही सीट पाने की इस यात्रा में हमेशा अनिश्चितता बनी रहती है,”उन्होंने कहा, “पिछले 15-20 दिन सबसे बुरे थे, और अब हमें फिर से उस दौर से गुजरना होगा,”
इस साल NEET-PG के लिए करीब 3 लाख उम्मीदवारों को शामिल होना था, जबकि इस साल इसके लिए 2.09 लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया था.”घोषणा के तुरंत बाद, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने एक्स पर एक पोस्ट किया. “इससे पहले, धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि कोई पेपर लीक की घटना नहीं हुई है. हालांकि, अब सभी परीक्षाएं स्थगित हो रही हैं. जहां भी भाजपा सत्ता में रही है, चाहे केंद्र में हो या राज्य में, पेपर लीक हो रहे हैं. यह एक गंभीर मुद्दा है, और वे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.”
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अविरल माथुर ने कहा: “हम इसकी कड़ी आलोचना करते हैं. सरकार को जल्द से जल्द परीक्षा की तिथि घोषित करनी चाहिए और कम से कम छात्रों और उनके परिवारों से माफ़ी मांगनी चाहिए. परीक्षा से एक दिन पहले परीक्षा स्थगित करना बहुत बड़ी समस्या है. परीक्षा से पहले उम्मीदवारों का मिज़ाज बहुत अलग होता है. हम इसके पीछे की वजह जानना चाहते हैं.”
इस बीच, एनएसयूआई के अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा: “आखिरी समय में परीक्षा स्थगित करने का क्या मतलब है? उम्मीदवार शिक्षा प्रणाली के साथ जो हो रहा है, उससे नाराज़ होने के साथ-साथ चिंतित भी हैं.”