अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

राहुल गांधी को  सिख, इस्लाम और हिंदू धर्माचार्यों ने दी पढ़ने की नसीहत

Share

राहुल गांधी ने हिंदू धर्म और भगवान शिव की अभयमुद्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान शिव, गुरू नानक, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने पूरी दुनिया को अभयमुद्रा का संकेत दिया। बकौल राहुल गांधी अभयमुद्रा का अर्थ है डरो मत और डराओ मत। अपने भाषण के साथ राहुल ने लोकसभा में भगवान शिव की तस्वीर भी दिखाई। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से घोर आपत्ति दर्ज कराई गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी राहुल को तस्वीरें न दिखाने को कहा। हस्तक्षेप और टोका-टोकी से भरे अपने भाषण के दौरान कांग्रेस सासंद ने यह भी कहा कि अभयमुद्रा से पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया गया है कि डरना और डराना मना है। उन्होंने इस्लाम का जिक्र करते हुए कहा, कुरान में भी इस बात का साफ उल्लेख है कि डराना मना है, लेकिन सत्ताधारी दल के लोग डराने के साथ-साथ हिंसा भी फैलाते हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी दलों के प्रतिनिधि के रूप में सरकार पर तीखे हमले किए। राहुल ने अपने भाषण के दौरान भगवान शिव की अभयमुद्रा का जिक्र कर उनकी तस्वीर भी दिखाई। सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं ने इस पर तीखा विरोध किया। राहुल के लगभग 1.42 घंटे (व्यवधानों और हस्तक्षेप सहित) चले भाषण के अंशों पर खुद पीएम मोदी को भी जवाब देना पड़ा। राहुल ने अपने संबोधन में अलग-अलग धर्मों का जिक्र कर अहिंसा से भाजपा का मुकाबला करने की बात कही। लोकसभा में विपक्षी दल के नेताओं के विरोध का सामना कर चुके राहुल को अब धर्माचार्यों ने पढ़ने की नसीहत दी है।

पूरे समाज को बदनाम और अपमानित करने का आरोप
राहुल गांधी के भाषण पर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा, हिंदू सभी में भगवान को देखते हैं, हिंदू अहिंसक और उदार हैं। हिंदू कहते हैं कि पूरा विश्व उनका परिवार है और उन्हें हमेशा सभी के कल्याण, खुशी और सम्मान के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। हिंदुओं को हिंसक कहना या यह कहना कि वे नफरत फैलाते हैं, सही नहीं है। ऐसी बातें कहकर आप पूरे समाज को बदनाम और अपमानित कर रहे हैं। हिंदू समाज बहुत उदार है और यह ऐसा समाज है जो सभी को शामिल करता है और सभी का सम्मान करता है।

समाज आहत है, संत समाज में गुस्सा
उन्होंने कहा, राहुल गांधी बार-बार कहते हैं कि हिंदू हिंसक हैं और हिंदू नफरत पैदा करते हैं… मैं उनके इन शब्दों की निंदा करता हूं। उन्हें ये शब्द वापस लेने चाहिए। पूरा समाज आहत है और संत समाज में गुस्सा है… उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।’

इस्लाम में अभयमुद्रा का जिक्र नहीं, अपना बयान सही करें राहुल
ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के चेयरमैन सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा, आज संसद में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा है कि इस्लाम में अभयमुद्रा भी है। इस्लाम में मूर्ति पूजा का कोई जिक्र नहीं है, न ही किसी तरह की मुद्रा है। मैं इसका खंडन करता हूं, इस्लाम में अभयमुद्रा का कोई जिक्र नहीं है। मेरा मानना है कि राहुल गांधी को अपना बयान सही करना चाहिए।

किसी भी धर्म के बारे में पूरी जानकारी के बिना नहीं बोलना चाहिए
बिहार में गुरुद्वारा पटना साहिब के अध्यक्ष जगजोत सिंह ने कहा, आज का दिन बहुत दुखद है। जिस तरह से विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन के सामने धर्मों को लेकर तथ्य पेश किए, मेरे हिसाब से उन्हें सही जानकारी नहीं है। उन्होंने सदन में अधूरी जानकारी, गलत जानकारी पेश की। चाहे वह सिख धर्म हो, हिंदू धर्म हो या कोई और धर्म हो, जब तक किसी भी धर्म के बारे में पूरी जानकारी न हो नहीं बोलना चाहिए। पूरी जानकारी लेकर ही बोलना चाहिए।

1984 दंगा पीड़ितों से माफी मांगें राहुल
जगजोत सिंह ने कहा, यह बहुत अच्छी बात है कि उन्होंने हिंसा के बारे में बात की लेकिन उन्हें शायद 1984 में सिखों के साथ हुई हिंसा के बारे में पता नहीं है। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि दिल्ली में ही बहुत से पीड़ित परिवार रह रहे हैं। राहुल गांधी को एक बार उनके पास जाकर माफी मांगनी चाहिए।

संसद में क्या बोले राहुल जिस पर बरपा है हंगामा
इससे पहले राहुल गांधी ने हिंदू धर्म और भगवान शिव की अभयमुद्रा का जिक्र करते हुए कहा कि भगवान शिव, गुरू नानक, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने पूरी दुनिया को अभयमुद्रा का संकेत दिया। बकौल राहुल गांधी अभयमुद्रा का अर्थ है डरो मत और डराओ मत। अपने भाषण के साथ राहुल ने लोकसभा में भगवान शिव की तस्वीर भी दिखाई। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से घोर आपत्ति दर्ज कराई गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी राहुल को तस्वीरें न दिखाने को कहा। हस्तक्षेप और टोका-टोकी से भरे अपने भाषण के दौरान कांग्रेस सासंद ने यह भी कहा कि अभयमुद्रा से पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया गया है कि डरना और डराना मना है। उन्होंने इस्लाम का जिक्र करते हुए कहा, कुरान में भी इस बात का साफ उल्लेख है कि डराना मना है, लेकिन सत्ताधारी दल के लोग डराने के साथ-साथ हिंसा भी फैलाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी और शाह ने जताई कड़ी आपत्ति
राहुल के भाषण के बीच में हस्तक्षेप कर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ये विषय बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहा गया है, जो गलत है। इस पर राहुल ने कहा, ‘हिंदू का मतलब केवल भाजपा, आरएसएस और पीएम मोदी नहीं है।’ गृह मंत्री शाह ने भी राहुल से माफी मांगने की मांग की।

18वीं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के संवैधानिक पद पर चुने गए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज संभवत: अपने संसदीय जीवन का सबसे लंबा भाषण दिया। लगभग एक घंटे 42 मिनट के संबोधन के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को आड़े हाथ लिया। उन्होंने हिंसा और नफरत फैलाने के आरोप लगाते हुए भाजपा नेताओं पर जमकर जुबानी हमले किए। राहुल के भाषण के अंशों पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपत्ति दर्ज कराई। उनके अलावा सत्ताधारी गठबंधन की तरफ से गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू और सूचना प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद और संसद के बाहर भी आपत्ति दर्ज कराई। राहुल ने भगवान शिव की अभयमुद्रा का भी जिक्र किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा, अभयमुद्रा का हिंदू धर्म समेत अन्य धर्मों में भी बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि इसका संकेत भय से मुक्ति और सुरक्षा की भावना है। बकौल राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न भी इसी अभयमुद्रा की तरह है। भाजपा पर आक्रामक लहजे में हमला करते हुए राहुल ने कहा, जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, 24 घंटे हिंसा-हिंसा और असत्य-असत्य कहते रहते हैं। ऐसे लोग हिंदू नहीं हो सकते। सत्ता पक्ष की तरफ इशारा करते हुए राहुल ने कहा, ‘आप हिंदू नहीं हो… हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़ा रहना चाहिए… इससे डरना नहीं चाहिए।’ अहिंसा हमारा धर्म है। ये देश अहिंसा का है। सत्ता पक्ष की तरफ से टोके जाने पर राहुल ने कहा, ये इसलिए शोर मचा रहे हैं क्योंकि तीर सीधा दिल में लगा है। हमने भाजपा का मुकाबला अहिंसा के साथ किया है।

हिंदू धर्म और भगवान शिव की अभयमुद्रा का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भगवान शिव, गुरू नानक, ईसा मसीह, भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने पूरी दुनिया को अभयमुद्रा का संकेत दिया। बकौल राहुल गांधी अभयमुद्रा का अर्थ है डरो मत और डराओ मत। अपने भाषण के साथ राहुल ने लोकसभा में भगवान शिव की तस्वीर भी दिखाई। इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से घोर आपत्ति दर्ज कराई गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी राहुल को तस्वीरें न दिखाने को कहा। हस्तक्षेप और टोका-टोकी से भरे अपने भाषण के दौरान कांग्रेस सासंद ने यह भी कहा कि अभयमुद्रा से पूरी दुनिया को साफ संदेश दिया गया है कि डरना और डराना मना है। उन्होंने इस्लाम का जिक्र करते हुए कहा, कुरान में भी इस बात का साफ उल्लेख है कि डराना मना है, लेकिन सत्ताधारी दल के लोग डराने के साथ-साथ हिंसा भी फैलाते हैं।

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें