कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप केस मामले में ममता बनर्जी बुरी तरह फंसती नज़र आ रही है।अब टीएमसी के राज्यसभा सांसद ने सरकार के ख़िलाफ़ हल्ला बोलते हुए इस्तीफ़ा दे दिया है।ममता बनर्जी पर सवाल खड़े किए हैं।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के मुद्दे परममता बनर्जी घर से बाहर तक बुरी तरह फंस चुकी है। एक तरफ़ सुप्रीम कोर्ट ममता बनर्जी को जमकर फटकार लगा रहा है तो दूसरी तरफ़ टीएमसी के नेताओं ने ही ममता की कुर्सी हिला डाली है। क्योंकि एक तरफ़ आरजीकर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों और पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका की सीबीआई और ईडी जांच कर रही हैं। जिसमें तमाम चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। जो ममता बनर्जी की जान के लिए जंजाल बन रहे हैं। दूसरी तरफ़ ममता बनर्जी की नीतियों से परेशान होकर उनके नेताओं ने साथ छोड़ना शुरू कर दिया है। बड़ी ख़बर ये आ रही है कि
TMC के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने इस्तीफ़ा दे दिया है।
अब जैसे ही जवाहर सरकार ने ममता बनर्जी को इस्तीफ़ा भेजते हुए राजनीति छोड़ने का ऐलान किया वैसे ही बंगाल की राजनीति में कोहराम मच गया। क्योंकि उनके जाने से ममता बनर्जी घुटनों पर आ गई है। जवाहर सरकार ने इस्तीफ़ा देते हुए या कुछ लिखा है पहले ये बताते हैं। दरअसल
मैंने पिछले एक महीने से आरजी कर अस्पताल में हुई घृणित घटना के खिलाफ हर किसी की प्रतिक्रिया को धैर्यपूर्वक देखा है और सोच रहा हूं कि आप पुरानी ममता बनर्जी की तरह क्यों नहीं कूदतीं और सीधे जूनियर डॉक्टर से बात क्यों नहीं करती हैं। सरकार अब जो दंडात्मक कदम उठा रही है वह बहुत कम और बहुत देर से उठाए गए कदम हैं। राज्य सरकार से मोहभंग हो गया है क्योंकि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और नेताओं के एक वर्ग के बल प्रयोग की रणनीति के प्रति बिलकुल भी चिंतित नहीं है।
जवाहर सरकार ने ममता बनर्जी की सरकार में पनप रहे भ्रष्टाचारियों पर भी तंज कसा। दरिंदगी की बढ़ती घटनाओं पर ममता बनर्जी के ढीले रवैये पर भी सवाल उठाए। और सरकार के अंदर क्या चल रहा है कि इसकी भी पोल खोलकर रख दी है। जैसे ही जवाहर सरकार ने बोलना शुरू किया। वैसे ही ममता बनर्जी घुटनों पर आ गई। जवाहर सरकार के आगे गिड़गिड़ा शुरू कर दिया है। उनका मुंह बंद रहे इसके लिए ममता बनर्जी ने उनसे इस्तीफ़ा वापस लेने की बात कही है। लेकिन जवाहर सरकार मानने को तैयार नहीं हुआ है।
खैर ये पहली बार नहीं है जब ममता की नाकामियों के ख़िलाफ़ जवाहर सरकार खुलकर बोले हों। इससे पहले टीएमसी पर कई मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे तो उस समय भी जवाहर सरकार ने अपना मुंह खोला था। बता दें कि सिर्फ़ जवाहर सरकार ही नहीं। बल्कि उनसे पहले राज्यसभा के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय भी कोलकाता रेप केस पर आवाज़ उठा चुके हैं। अब जैसे ही जवाहर ने इस्तीफ़ा दिया। तुरंत सुखेंदु का ममता को घेरते हुए बयान सामने आया। और उन्होंने कहा कि
“मुझे लगता है कि जवाहर सरकार ने एक जागरूक व्यक्ति के तौर पर यह कदम उठाया है हममें से कोई भी समाज से बाहर नहीं है हम कार्रवाई कर रहे हैं या मुद्दे उठा रहे हैं क्योंकि हम समाज में हैं”
इससे पहले टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भी अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी। और तो और पीड़िता के पिता से बात करते हुए ये स्वीकार किया था कि हमसे कुछ ग़लतियां हुई हैं। यानी की सीएम ममता बनर्जी और उनकी पार्टी शायद हालात की गंभीरता को समझने में चूक कर गई और यही वजह है कि विपक्षी पार्टियों की कौन कहे।अब टीएमसी के नेता ही अपनी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं..यानी की अब ममता बनर्जी के नेता उनके ख़िलाफ़ खुलकर मैदान में आ गए हैं। जिससे ममता बनर्जी की घबराहट बढ़ती जा रही है। हालात तो ये हो गए हैं कि ख़ुद ममता बनर्जी के नेता उनके लिए काल बन गए हैं। कब ममता के साथ से कुर्सी चली जाए ये कहा नहीं जा सकता।