~ नग़्मा कुमारी अंसारी
यात्रीगण कृपया ध्यान दें! करुणा सागर से चलकर, एक ही समय में विभिन्न मार्गों से होकर, आनंद सागर की तरफ जाने वाली संसार सागर एक्सप्रेस ट्रेन अपनी निर्धारित रफ़्तार से चल रही है|
जिन यात्रियों को अपनी यात्रा करुणा सागर की तरफ से प्रारंभ करके ग्यान मार्ग, प्रेम मार्ग, व्यवसाय मार्ग, राजनीति मार्ग या अन्य किसी भी मार्ग से होते हुए, आनंद सागर की तरफ जाना हों वह अपना-अपना टिकट संभाल लें|
जिन यात्रियों को सर्वश्रेष्ठ या आइडीयल क्लास मे सफ़र करना हो वह कल्याण नाम का लें, यह केवल अपनी ज़रूरत की पूर्ति या समस्या के निदान के लिए दूसरों की ज़रूरत की पूर्ति या समस्या के निदान की सेवा करके ही सबसे आसानी से पाया जा सकता है. जो सभी व्यक्ति वस्तु व्यवस्था में सभी समय स्थान परिस्थितियों मे प्रत्येक दशा में उपलब्ध रहता ही हैं|
द्वितीय श्रेणी में श्री कृष्ण को समझना लाभप्रद रहेगा जो आकर्षण या लगाव हैं जिसे किसी भी उपयोगी व्यवहारिक संबंधों के स्वरूप मे सर्वत्र सदैव देखा सुना समझा और उपयोग किया जा सकता है|
त्रितीय श्रेणी में लेटेस्ट सिंडिकेट हैं जो सभी जगह कमजोर लोगों को निश्चित रूप से आनंद नियंत्रण सर्वत्रता और सदैवता देते ही रहते हैं| किसी गोपनीय या दुर्व्यवस्थित टिकट बेंचने वालों से सावधान रहने की ज़रूरत है रास्ते मे पकड़े जाने पर आपको करुणा सागर का अनावश्यक चक्कर लगाना पड़ सकता है जिससे आपकी यात्रा में असुविधा हो सकती है|
कोई काल्पनिक या वैचारिक टिकट आपको आनंद सागर की केवल काल्पनिक या वैचारिक सैर ही करा सकता है या आनंद जैसे दिखाने वाले आस्थाई सागरों में जीवन भर भटकाते रख सकता है जिसका अंत आपको फिर से करुणा सागर मे पहुँचाकर हो सकता है|
अपने टिकट का दुरुपयोग करने वाले लोगों को चेतावनी दी जाती है इससे उन्हे अपने पूर्वजों द्वारा की गयी लापरवाहियों के लिए वर्तमान के सन्यासियों की भाँति जीवन भर किसी सर्वत्र प्रत्याच्छ को अग्यात कहकर उसकी खोज में भटकते रहना पड़ सकता है|
उपरोक्त नामों के सहारे हठयोग से आनंद सागर मे प्रवेश लेने वाले यात्रियों को सूचित किया जाता है कि पूर्व में लगातार किए जा रहे दुरुपयोग के चलते अब इसका केवल नाम लेने से काम नही चलेगा, यह आपको या आपके वंशजों को करुणा सागर में ही लाटकाए रख सकता है|
अपने टिकट और यात्रा के मार्ग को सार्वजनिक व्यवस्थित और विरोधियों के अभाव में प्रमाणित तरीकों के जाँचकर ही अपनी यात्रा प्रारंभ करें| अभिनव अभिषद सदैव सभी को आनंद सागर मे गोते लगवाने के लिए तत्पर है जो कमजोर लोगों द्वारा खुद ही योग व अपडेट हो जाता है और समर्थ लोग जिसे कभी भी नही समझ पाते, जिसे केवल विरोध का प्रयास करने मात्र से ही समझा जा सकता है|
आप सभी की यात्रा मंगलमय हो.
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