सनातन धर्म में गाय का बड़ा महत्व बताया गया है. वहीं कई पौरणिक कथाओं में कामधेनु गाय का उल्लेख मिलता है. इस गाय को प्रचुरता, समृद्धि और सफलता का एक पवित्र प्रतीक बताया गया है. जो आपकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करती है. वहीं वास्तु शास्तु शास्त्र में इस गाय की मूर्ति को लेकर कई बातें उल्लेखित हैं. ऐसा कहा जाता है कि यदि आप इस गाय की मूर्ति में अपने वर्कप्लेस या कारोबार के स्थान पर रखते हैं तो इससे आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
लेकिन, यदि आप कामधेनु गाय की मूर्ति को लाने वाले हैं तो आपको इसे रखने के लिए सही दिशा का पता होना चाहिए. साथ ही आपको इसे रखने संबंधी नियमों की जानकारी भी होना चाहिए.
क्या है कामधेनु गाय का महत्व
वास्तु शास्त्र में कामधेनु गाय को सभी भौतिक और आध्यात्मिक इच्छाओं को पूरी करने वाली गाय बताया गया है. कामधेनु गाय के शरीर पर कई सारे देवताओं के चित्र देखने को मिलते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस गाय की मूर्ति को घर या दफ्तर में रखने पर आपको कई सारे लाभ मिलते हैं.
ऑफिस में किस दिशा में रखें मूर्ति
यदि आप कामधेनु गाय की मूर्ति अपने दफ्तर में रखना चाहते हैं तो वास्तु के अनुसार इसके लिए सबसे उत्तम दिशा उत्तर-पूर्व ही मानी गई है. आपको बता दें कि, इस दिशा को धन के देवता कुबेर और ज्ञान के देवता बृहस्पति से जोड़कर देखा जाता है. इसके अलावा आप इस मूर्ति को उत्तर दिशा में भी रख सकते हैं.
कहां रखें और कहां ना रखें?
यदि आप कामधेनु गाय की मूर्ति अपने ऑफिस है या दुकान में रखने वाले हैं तो ध्यान रखें इसे काउंटर या लॉकर के पास रखें. यह स्थान सबसे शुभ माना गया है. इसके अलावा आप इसे ऑफिस के वर्कस्पेस या मीटिंग रूम में रख सकते हैं. इससे इस स्थान का माहौल सकारात्मक होता होता है और आपको शुभफलों की प्राप्ति भी होती है.
अब बात करें कामधेनु की मूर्ति को कहां रखने से बचना चाहिए तो आपको इसे कभी भी गंदे या अपवित्र स्थान पर नहीं रखना चाहिए. अपने ऑफिस के वॉशरूम के आसपास या ऐसे किसी स्थान पर रखने से आपको बचना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मकता बढ़ सकती है.
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