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लोक अदालत के चलते नगर निगम में देर रात तक जमा होती रही राशि

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इन्दौर। कल लोक अदालत के चलते शहर के सभी झोनलों पर सुबह से लेकर रात तक करदाता राशि जमा करने पहुंचते रहे और यह सिलसिला रात 10 बजे तक चलता रहा। अब तक 40 करोड़ से ज्यादा की राशि खातों ें आई है और मिलान के बाद यहां आंकड़ा 43 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। कल लोक अदालत के चलते सभी झोनलों पर राजस्व विभाग की टीमें सक्रियता से जुटी थीं और दोपहर में मेयर पुष्यमित्र भार्गव और राजस्व समिति प्रभारी निरंजनसिंह चौहान भी अधिकारियों के साथ निरीक्षण करने पहुंचे थे और वहां कर जमा करने आए लोगो से बातचीत भी की थी। चौहान के मुताबिक कल रात 10 बजे तक 40 करोड़ से ज्यादा की राशि निगम में जमा हुई और यह आंकड़ा और बढऩे की उम्मीद है। मिलान के बाद यह आंकड़ा 43 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।

दो घंटे सर्वर बंद रहा, झोन 19 में सबसे ज्यादा राशि जमा
नगर निगम के कई झोनलों पर दोपहर में लोक अदालत के दौरान राशि जमा करने पहुंचे बकायादारों को सर्वर की दिक्कत के कारण परेशान होना पड़ा। कई झोनलों पर दो घंटे तक सर्वर बंद रहा, जिसके चलते कामकाज प्रभावित हुआ। कल सबसे बेहतर कार्य झोन 19 का रहा, जहां सर्वाधिक 6 करोड़़ से ज्यादा की राशि दिनभर में जमा हुई।

4900 बिजली उपभोक्ताओं ने डेढ़ करोड़ की छूट का लाभ उठाया, बिजली कंपनी ने सवा 7 करोड़ की वसूले
वर्ष 2024 की अंतिम नेशनल लोक अदालत में मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 4979 प्रकरण निराकृत हुए। पचास हजार तक के 4077 प्रकरणों पर 15 जिले में करीब 1 करोड़ 52 लाख रुपए की छूट उपभोक्ताओं, प्रकरणों के निराकरण पर दी गई है। लोक अदालत के दौरान बिजली कंपनी के 7.23 करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रकरणों का समाधान हुआ है।
इस लोक अदालत में बिजली कंपनी क्षेत्र के 425 जोन, वितरण केंद्रों, कार्यालयों के माध्यम से तैयारी की गई थी। मुख्य सतर्कता अधिकारी कामेश श्रीवास्तव ने बताया कि लोक अदालत में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत दर्ज बिजली चोरी एवं अनियमितताओं के प्रकरणों में समझौता किया गया। प्री लिटिगेशन के माध्यम से निराकरण के लिए निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट तक के गैर घरेलू एवं 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट प्रदान की गई। प्री लिटिगेशन स्तर सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट मिली, जबकि लिटिगेशन स्तर के प्रकरणों में आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत तैयारी की गई थी। हजारों नोटिस तामिल कराए थे।

समय पर पैसा जमा करने वाले लोगों में निराशा…जो पैसा नहीं चुका रहे वह उठा रहे हैं लाभ
नगर निगम राजस्व विभाग द्वारा बकायादारों के खिलाफ कार्रवाई के अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन इस पूरे मामले में समय पर पैसा जमा कराने और अग्रिम सम्पत्ति कर का भुगतान करने वालों को निगम ने उपहार देने की घोषणा भी की थी, लेकिन यह मामला पिछले साल से उलझन में है, वहीं समय पर कर देने वाले करदाता खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं, क्योंकि बकायादारों के लिए तमाम छूट के अलग-अलग प्रावधान हो जाते हैं। कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां से निगम को नियमित टैक्स नहीं मिलता है और वहां बकायादारों की संख्या लगातार बढ़ती गई, मगर उसके बावजूद उन क्षेत्रों में विकास कार्य भी तेजी से हुए। सडक़ों से लेकर बिजली, पानी के प्रबंध तो हुए, लेकिन टैक्स जमा नहीं हुआ।

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