विधानसभा 2 में हुई फिल्म पुष्पा 2 की तरह जूनियर दयालु की लांचिंग …पार्षद (एमआईसी मेंबर ) जीतू यादव ने जन्मदिवस पर लगाएं अखबारों में लाखों के विज्ञापन ! होर्डिंग्स लगाए शहर भर में , देखकर ऐसा लगा कि निगम कमाई का अड्डा नहीं खदान है ,उसका सबसे मलाईदार विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग है !
जन्मदिवस पर विज्ञापन लगाना गुनाह नहीं है ।शहर के अधिकांश सत्ता पक्ष,विपक्ष के नेतागण के विज्ञापन हमें जन्मदिवस पर शहर के अखबारों में दिख जाते हैं और शहर के मार्ग संकेतकों एवं होर्डिंग्स में भी । पिछले कुछ दिनों से मैं जब शहर में घूम रहा था तो मुझे शहर के बड़े बड़े होर्डिंग्स में विधानसभा 2 के पार्षद और निगम इंदौर के एमआईसी सदस्य जीतू यादव के बड़े बड़े होर्डिंग्स नजर आ रहे थे ।आश्चर्य तो तब हुआ जब उनके जन्मदिवस के विज्ञापन शहर की 1,3,4,5 विधानसभा में लगे होर्डिंग और मार्ग संकेतकों पर भी नजर आए । कल शाम के और आज सुबह ,शाम के अखबार देखकर लगा कि विधानसभा 2 में आज जूनियर दयालु की लांचिंग की जाने वालीं है । वो भी फिल्म पुष्पा 2 की स्टाइल में । पुष्पा स्टाइल में इस कारण कह रहा हूं कि दो नंबर की राजनीति में जिस पर दादा दयालु( रमेश मेंदोला ) की कृपा होती है तो वो भी पुष्पा के अल्लू अर्जुन की तरह फायर बनकर अपना जलवा दिखाने की कोशिश करता है ,जैसा पार्षद जीतू यादव ने किया । जीतू यादव ने भी लाखों के विज्ञापनों का शहर में फायर कर यह दिखाया है कि उन्हें विधायक रमेश मेंदोला( दादा दयालु ) का आर्शीवाद मिल चुका है और वो अब अघोषित रूप से आने वाले समय के दो नंबर विधानसभा के जूनियर दयालु हो गए हैं ! सबसे खास बात जो मुझे नजर आई वो यह कि शहर के होर्डिंग ,मार्ग संकेतकों पर भी भाईजी के विज्ञापनों ने कब्जा कर लिया था जिसका विरोध हमारे शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी करते आए हैं और यह कहते आए है कि यह गलत है ।लेकिन जीतू यादव के विज्ञापनों पर अबकी बार उनकी खामोशी भी सवालों में है ।
विचारणीय बात तो यह है कि क्या जन्मदिवस पर शहर को होर्डिंग ,पोस्टर्स से पाटने से लोकप्रियता में वृद्धि होती है ।या अखबार में लाखों खर्च करने से ? तो इसका सीधा सीधा जवाब है लोकप्रियता में वृद्धि तो नहीं होती है, चर्चा जरूर होती है ।,विज्ञापनों की दुनिया में तो हर दिन नए विज्ञापन होते हैं,आज के विज्ञापन को लोग कल तक भूल जाते है लेकिन एक पाठक के तौर पर जब आपको अखबार भी गले गले तक विज्ञापनों से भरा दिखे तो साफ नजर आता है कि अखबार वाले भी आजकल खबरों से ज्यादा विज्ञापन फोकस करते हैं उन्हें पाठकों से ज्यादा विज्ञापन की चिंता होती है । सवाल यह भी है कि 12 हजार का वेतन या कहले सेवा शुल्क प्राप्त करने वाला पार्षद जब लाखों सिर्फ विज्ञापन पर खर्च कर देता है तो लगता है कि क्या निगम के पार्षद इतना कमाते है कि लाखों रुपए विज्ञापनों पर फूंक दिए जाए , विज्ञापन एक लिमिट में लगे तो अखबार भी अच्छे लगते है लेकिन जब वो गले तक विज्ञापन से भरे हो बहुत बेकार नजर आते है ।हमारे शहर में तो हमने यह भी देखा है कि पार्षद बनते ही पार्षद फॉर्च्यूनर , एसयूवी , इनोवा में घूमने नजर आते है । एक सवाल यह भी है कि यदि किसी पार्षद के जन्मदिवस पर मित्रों द्वारा भी विज्ञापन लगाए जाते है तो कितने रुपयों के ? पार्षद जीतू यादव ने जन्मदिवस पर लाखों रुपए के विज्ञापन लगवाकर एक बात तो साबित कर दी कि नगर निगम कमाई का अड्डा नहीं ,खदान है ।यदि कमाई की खदान नहीं होता तो लाखों के विज्ञापन एक पार्षद के कैसे लगते ? जो आज हमें अखबारों में विज्ञापन के रूप में दिख रहा है वो निगम की कमाई का लगान है । दादा दयालु तो अखबारों को सालों से लगान देते आ ही रहे हैं ।अब जूनियर दयालु बनते ही जीतू यादव भी देने लगे हैं ।वैसे सच कहूं सबसे ज्यादा लगान अखबारों को दो नंबर विधानसभा वाले ही चुकाते है। इंदौरी अयोध्या, विधानसभा 4 में तो धायक और उनकी टीम के लोग अखबारों को लगान क्या प्रसाद तक नहीं देते हैं ।
अंत में यहीं कहूंगा कि यदि निगम के विद्युत एवं यांत्रिक विभाग में कोई घपला ,घोटाला होगा तो क्या वो अखबारों में सामने आयेगा ,जवाब है नहीं आएगा क्योंकि लाखों का लगान जन्मदिवस पर अखबारों को दिया गया है । मित्रों हो सकता है आप लोगों में से कुछ को मेरा लिखा पसंद नहीं आए ,भाई जीतू यादव को तो कतई नहीं पसंद आएगा ये भी सत्य है । फिर भी उन्हें दिल से जन्मदिवस पर खूब बधाई एवं शुभकामनाएं। शुभकामनाएं इस बात के लिए भी कि आपने दिखाया कि अब आप दादा दयालु के फ्लावर नहीं ,फायर ब्रांड राइट हैंड हो ।वैसे जीतू भैया अपन तो यहीं कहेंगे कि आर के स्टूडियों की फिल्म में हीरो समय समय पर बदलते भी रहते हैं!
ये बात आप भी ध्यान रखना और हां ,उम्मीद करता हूं कि आप मेरे जैसे कलमकार से नाराज नहीं होंगे क्योंकि मैंने तो आपका जन्मदिवस का विज्ञापन मुफ्त में कर दिया है ,बिना शहर को बदरंग किए । जय रामजी की, जय रणजीत,
ब्रजेश जोशी
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