शशिकांत गुप्ते इंदौर
वादा निभाने का अजब तरीका है।वादा निभाने के लिए वादी में सन्नाटा पसार दिया।शांति बहाल करने के लिए शस्त्र के साये में मौन धारण करवाया गया।गुलशन को गुलजार करने के लिए अनोख तरीका अपनाया गया।गुलों की खुशबू ही छीन ली गई।खुशियां लौटने के नाम पर मातम फैलाना भी एक नई संस्कृति का अविष्कार है।अब यह पश्चाताप है,या विलायती दबाव है,यह तो रामजी ही जाने।
नजरबंदियो को नजर के सामने बिठा कर गुफ्तगू की जा रही है।वादियों के बाशिंदे भलेही अपनो से दूरभाष पर भी गुफ्तगू नहीं कर पाए हो अब गुपकारों से गुफ्तगू होगी।वादा पूरा करना है।इसीतरह यह वादा पूरा होगा।कसम खाई थी, राम भगवानजी का मंदिर वहीँ बनाएंगे।वादा निभाया जा रहा है।
*सिया राम मय सब जग जानी* *करहु प्रणाम जोड़ी जुग पानी*
सम्पूर्ण जग का तो मालूम नहीं लेकिन,अब सम्पूर्ण भारत राम मय हो जाएगा।कल्पना लोक में लीन होकर काल्पनिक दृष्टि से देखने पर आश्चर्यजनक दृश्य दृष्टिगोचर होता है।सर्वत्र राम नाम की महिमा गाई जा रही है।सभी रामनामी शाल ओढ़कर धोती कुर्ता पहन कर रामचरित पढ़ रहें हैं।बकरी और शेर एक ही घाट पर पानी पी रहें हैं।मौसरे भाइयों की कहावत झुठलाई जा रही है।सर्वत्र भाई चारा दिखाई दे रहा है।त्रेतायुग के रामजी पंचवटी नामक कुटिया से स्थानातरित होकर कलयुग में भव्य मंदिर में मूर्ति के स्वरूप में विराजित होंगे।त्रेतायुग में भगवान ने दानवों के संहार करने के लिए मनुष्य रूप में जन्म लिया था।कलयुग में मनुष्यों द्वारा भगवान की मूर्ति की बाकयदा मंत्रोचार कर प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।लक्ष्ममणो द्वारा शुर्पनखाओ की नाक काटी जाएगी।महंगाई को सुरसा निशाचरी की उपमा देना बंद हो जाएगा।कपियों के प्रति सभी का प्रेम जागृत होगा।भालुओं की प्रजाति को बचाने के लिए पुर्नवास योजना शुरू होगी।दानवों का संहार होगा।एक व्यावहारिक कठिनाई आ सकती है यह सम्भवना मात्र है।त्रेतायुग की तरह कलयुग में भी दानवों को पहचान जा सकता है? सम्भवतः रामजी की कृपा से यह भी सम्भव हो जाएगा?एक अहम प्रश्न जहन में उपस्थित हो रहा है? जब सभी राममय होंगे तो पुलिस प्रशासन और कोर्ट कचहरी की जरूरत ही नहीं होगी?यदि कोई भूलें भटकें दुःखी भी हो जाए तो वह इस चौपाई का स्मरण कर मानसिक शांति प्राप्त कर लेगा।
*हो इहि सोइ जो राम रचि राखा।* *को करि तर्क बढ़ावै साखा
*इस चौपाई में शाखा शब्द अर्थ विस्तार है।शाखा से कोई अन्य मतलब न निकाल ले।नहीं तो सर्वत्र अविवाहित ही नजर आने लगेंगे?राम जी प्रसन्न होंगे तब संत मलुकदास जी का यह दोहा चरितार्थ होगा।*अजगर करें न चाकरी पंछी करें न काम* *दास मलूक कह गए, सब के दाता राम*इस दोहे में अजगर का मतलब सर्प प्रजाति से है।यह अपने उदरनिर्वाह के लिए अपने भोजन को लील लेता है।चबाकर खाता नहीं है।मुख्य मुद्दा है राम भगवान प्रसन्न होंगे।सर्वत्र पवित्र रंग के परिधान का प्रचलन होगा।रामराज्य की कल्पना साकार रूप लेगी।रफाल विमान का बदला जाएगा।नाम बदलने की परंपरा का निर्वाह करते हुए, रफाल का नाम पुष्पक रखा जा सकता है।यह विमान सिर्फ नुमाइश के लिए सुशोभित होंगे।पत्थरो पर राम नाम लिखकर जल पर तैरा कर ही सेतु निर्मित होंगे। फ्लाईओवर की रामजी जाने?रामजी की स्तुति में भजन गाये जाएंगे।*दाता एक राम भिखारी सारी दुनिया।**बिना हरि नाम के दुःख यारी सारी दुनिया**दाने दाने पे लिखा खाने वाले का नाम**खाने वाले करोड़ देने वाला एक राम*मानसिक रूप से राममय होकर राम नाम का उच्चारण करतें हुए मन की शांति प्राप्त करने के प्रयास में अचानक विघ्न पैदा हुआ।हृदयेश्वरी ने आवाज दी चलो उठो।सुबह हो गई है।चाय नाश्ता कर लो और बाजार से सामान ले आओ। बाजार जातें समय रास्ते में महंगाई पर किसी बहस नहीं करना।आप व्यंग्यकार हो आप की आदत व्यंग्य करने की है।आप व्यंग्य सिर्फ लिखतें नहीं हो।प्रत्येक व्यक्ति को अपनी औकात रहना चाहिए।रामजी की जय जय कार।जय जय सियाराम।
शशिकांत गुप्ते इंदौर