जालंधर/चंडीगढ़
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने बुधवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पार्टी के पंजाब चुनाव प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत, राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम सहित दूसरे नेताओं ने सिरसा को भाजपा में शामिल किया। इस मौके पर शेखावत ने कहा कि सिरसा के आने से पंजाब में 3 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ा फायदा होगा।
सिरसा के अलावा अकाली दल में रह चुके परमिंदर सिंह बराड़ भी भाजपा में शामिल हो गए। अकाली दल के स्टूडेंट विंग एसओआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके परमिंदर सिंह बराड़ कुछ दिन पहले ही अकाली दल छोड़कर कांग्रेस में चले गए थे मगर बुधवार को उन्होंने फिर पलटी मारते हुए भाजपा जॉइन कर ली।
इस्तीफे के पीछे बताया निजी कारण
मनजिंदर सिंह सिरसा ने अपने इस्तीफे में DSGMC के सभी सदस्यों और महासचिव को संबोधित करते हुए लिखा कि वह निजी कारणों से प्रधान पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। सिरसा ने इस्तीफे की कॉपी अपने ट्विटर हैंडल पर भी शेयर की।
सिरसा ने कहा कि वह अपने साथ काम करने वाले सभी सदस्यों, पदाधिकारियों और अन्य लोगों को बता देना चाहते हैं कि उन्होंने दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। वह भविष्य में दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी का चुनाव नहीं लड़ेंगे मगर अपने समुदाय, राष्ट्र और मानवता की सेवा पहले की तरह ही करते रहेंगे।
शिरोमणि अकाली दल में हड़कंप
मनजिंदर सिंह सिरसा के अचानक DSGMC प्रधान पद से इस्तीफा देने से शिरोमणि अकाली दल में हड़कंप सा मच गया। उनका भाजपा जॉइन कर लेना पंजाब में अकाली दल के लिए बड़ा झटका है क्योंकि सिरसा पार्टी के तेजतर्रार प्रवक्ता थे। अब उनके भाजपा में चले जाने से पंजाब में अकाली दल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
सिख कौम में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का (DSGMC) बहुत अहम संस्था है। पंजाब विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और ऐसे समय में अकाली दल के किसी वरिष्ठ नेता का यूं अचानक DSGMC जैसी संस्था के प्रधान पद से त्यागपत्र दे देना किसी के गले से नहीं उतर रहा।
बराड़ के जरिये यूथ पर नजर
बुधवार को मनजिंदर सिंह सिरसा के अलावा सुखबीर बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया के राइटहैंड रहे परमिंदर सिंह बराड़ ने भी भाजपा जॉइन कर ली। बराड़ शिरोमणि अकाली दल के स्टूडेंट विंग एसओआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। भाजपा बराड़ के जरिये सिखों के यूथ वोटरों को लुभाना चाहती है।
दिल्ली में सिरसा को अपनी सीट दे चुकी भाजपा
मनजिंदर सिरसा फरवरी 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान राजौरी गार्डन सीट से भाजपा-अकाली दल के संयुक्त प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे। राजौरी गार्डन सीट पर भाजपा का कब्जा हुआ करता था लेकिन पार्टी ने वह सीट सिरसा के लिए छोड़ दी। दिल्ली का वेस्टर्न इलाका सिख बाहुल्य है और वहां उनका बड़ा वोट बैंक है। इन सिखों का किसी ना किसी रूप में पंजाब से संबंध है और वह पंजाब के चुनाव में भी अहम भूमिका निभाते रहे हैं। भाजपा की रणनीति इसी भूमिका का लाभ लेने की है।
कोरोनाकाल में किया अच्छा काम
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कोरोना के दौरान दिल्ली में बहुत काम किया। उनकी अगुवाई में गुरुघरों से मरीजों को लंगर सप्लाई करने के अलावा सरायों को अस्पताल में बदल दिया गया। लोगों का फ्री इलाज किया गया। दिल्ली में जब आॅक्सीजन का संकट खड़ा हुआ तो सिरसा की अगुवाई में लोगों को घर-घर सिलेंडर उपलब्ध करवाए गए। किसान आंदोलन के दौरान भी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) ने लंगर पहुंचाया।
DSGMC चुनाव में भितरघात के कारण अकाली दल से नाराज
इन तमाम कार्यों के लिए सिरसा की खूब तारीफ हुई मगर भितरघात के चलते पिछले दिनों हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) चुनाव में अकाली दल को सत्ता तक पहुंचाने के बावजूद सिरसा खुद हार गए। सिरसा इस बात को लेकर भी अकाली दल नेतृत्व से खिन्न चल रहे थे कि उनके प्रचार के लिए पंजाब से पार्टी का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा।
शिरोमणि अकाली दल में सिरसा के कद का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि हार के बावजूद सुखबीर बादल ने मनजिंदर सिरसा को ही DSGMC का प्रधान बना दिया।