अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

 भारत की भावी आदिवासी राष्ट्रपति बनाम आदिवासियों के हित ! 

Share

चेतन बैरवा

वर्तमान ओड़ीसा राज्य की आदिवासी मूल की श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जुलाई 2022 में निश्चित रूप से भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति तो बन जाएंगी,यह बहुत अच्छी बात है, लेकिन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की सूचना प्राप्त होने के बाद वे ओडिशा के एक मंदिर में झाड़ू लगाकर यह स्वयं को पूर्णतः सिद्ध कर दिया है कि उनका मानसिक स्तर हजारों सालों से पाखंड और अंधविश्वास के पर्याय एक मंदिर में झाड़ू लगाने वाली महिला के रूप वाले राष्ट्रपति का ही होगा ! जो कि उन्होंने स्वयं ही साबित कर दिया है !

            देशहित में होना तो यह चाहिए था कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ,जो भारत के आदिवासी समुदाय की प्रतिनिधि बनकर बीजेपी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की सूचना पाने के बाद सबसे पहले बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा रचित भारतीय संविधान को पढ़कर इस देश के प्रति,दलित महिलाओं के प्रति,हजारों सालों से कथित सवर्णों द्वारा दबे-कुचले,निहायत गरीब, असहाय,सामाजिक व आर्थिक रूप से  बेहद अपमानित जीवन व्यतीत कर रहे इस देश के 85प्रतिशत दलितों,जनजातियों,आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के जीवन को सुधारने हेतु सकारात्मक कदम उठाने हेतु भावी राष्ट्रपति की अपनी जिम्मेदारियों को समझतीं,लेकिन अत्यंत दु:खद रूप से उन्होंने सबसे पहले इस देश के 85 प्रतिशत की विशाल आबादी मसलन दलितों, जनजातियों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा अपमानित,प्रताड़ित और नारकीय जीने के कथित स्वर्ण जातियों द्वारा इन भगवान के कथित घर मतलब मंदिरों का जातिवादी वैमनस्यता और ऊंच-नीच, अश्यपृश्यता, भेदभाव आदि को पुनर्स्थापित करने के ही एक मंच के रूप में उपयोग किया है !

 जागरूकता के मामले में भावी राष्ट्रपति एक सामान्य महिला जैसे !   

            भारत की भावी दलित समुदाय की प्रथम महिला राष्ट्रपति ने मंदिर में झाड़ू लगाकर और वहां उपस्थित नंदी के कान में फुसफुसा कर कुछ कहकर यह सिद्ध कर दिया है कि वे भारत की अन्य करोड़ों धर्मभीरू और अंधविश्वासी महिलाओं से कतई भिन्न नहीं हैं ! और यह कृत्य करके वे भारत की अरबों जनता को यह संदेश दिया है कि मानो राष्ट्रपति का पद उन्हें कथित भगवान की बदौलत ही मिल रहा हो ! उन्हें यह ठीक से पता होना चाहिए कि उन्हें भावी राष्ट्रपति का पद कथित भगवान नहीं अपितु बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अम्बेडकर द्वारा प्रदत्त भारतीय संविधान की वजह से मिल रहा है !भगवान तो इस देश में पहले भी  33 करोड़ बताए जाते रहे हैं,लेकिन उनमें से किसी भगवान ने आज तक किसी आदिवासी महिला या पुरुष को राष्ट्रपति के पद का उम्मीदवार नहीं बनाया !

 मोदीजी द्वारा सिर्फ एक मोहरे के रूप में ही इस्तेमाल ! 

          वास्तविकता और कटु सच्चाई यह है कि मोदीजी जैसे अत्यंत असंवेदनशील,क्रूर, फासिस्ट, अमानवीय और पूंजीपतियों के रक्षक व्यक्ति को इस देश के आदिवासियों,दलितों, जनजातियों और पिछड़े,अल्पसंख्यकों, मजदूरों, किसानों, युवाओं, बेरोजगारों आदि लोगों पर अकथनीय शोषण और ज़ुल्म करने के लिए वर्तमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और द्रौपदी मुर्मू जैसे निष्क्रिय, नाकाबिल और नासमझ लोग एक मोहरे के रूप में चाहिए,जो मोदीजी के हर सही-गलत और जनविरोधी नीतियों वाले कानून पर बगैर सोचे समझे आंख बंद कर अपनी सहमति प्रदान करते हुए हस्ताक्षर कर दे !

            यक्षप्रश्न है कि क्या भारत की भावी राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को यह जानकारी नहीं है कि भारत केवर्तमान समय के दलित राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को तो राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए भी पूजा करने गए पुष्कर और पूरी के मंदिर में पूजा करने जाने पर वहां के एक नंबर के धूर्त,जातिवादी और गुंडे पंडों और पुजारियों ने उन्हें दलित होने के कारण उन मंदिरों में घुसने तक नहीं दिया और वहां से धक्के देकर बाहर कर दिया और वह निस्तेज और मानसिक रूप से अपंग भारत का राष्ट्रपति बना व्यक्ति बगैर एक शब्द तक का विरोध किए,वापस नई दिल्ली लौट आया ! फिर ऐसे नाकारा,नासमझ दलित व आदिवासियों के भारत का राष्ट्रपति बनने का कोई फायदा क्या है ? तब तो यही कहा जा सकता है कि अबकी बार पकौड़ा प्रधान मंत्री ने अपने फायदे के लिए झाड़ूवाली राष्ट्रपति को चुन लिया है !

 -चेतन बैरवा ,एडवोकेट,भारतीय सुप्रीम कोर्ट,नई दिल्ली संपर्क -8511316341

         संकलन -निर्मल कुमार शर्मा ‘गौरैया एवम् पर्यावरण संरक्षण, गाजियाबाद उप्र,

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें