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बढ़ रही तकनीकी के   दुष्प्रभाव का कारण कही बेरोजगारी तो नही-

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भरत गहलोत

वर्तमान में आए दिन विभिन्न समाचार पत्रों में तकनीकी के दुष्प्रभावों की खबरे आती रहती है,
जैसे किसी के बैंक खाते से किसी ने पैसे निकाल दिए और खाताधारक को पता ही नही यह सब ऑनलाइन मोबाइल अब बैंकिंग के कारण अक्सर हो रहा है ,
कई लोगो के किसी और तरीके से भी समस्या खड़ी हो जाती है,
आजकल इस समस्या से बचने के लिए सतर्कता व सावधानी रखना जरूरी है क्योंकि सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी,
कई लोगो के लेपटॉप ,कम्प्यूटर ,मोबाइल हैक हो जाते,है ,
किसी की फेसबुक, इंस्टाग्राम ,व्हाट्सएप पर कोई अनाधिकृत तरीके से कब्जा कर लेता है,
जैसे किसी के कपंनी के निजी डाटा को कोई हैक करके उसका दुरुपयोग कर ले कम्प्यूटर व लेपटॉप के माध्यम से,
किसी के मोबाइल नम्बर को हैक करके उस मोबाइल धारक की निजी जानकारी व व्यक्तिगत डाटा उस मोबाइल से प्राप्त कर देते है,
कभी -कभी तो यह उस नम्बर से कोई अपराध भी कर लेते है जिसमें बेचारा निर्दोष होता है वो फस जाता है ,
उसे पता ही नही होता कि उसकी गलती क्या है ,
मतलब उसकी कोई गलती नही होती है उसकी बस इतनी सी गलती होती है कि वो मोबाइल व मोबाइल नम्बर उक्त व्यक्ति का होता है,
कभी -कभी तो कोई सीधा साधा व्यक्ति इस प्रकार सामाजिक माध्यम (सोशल मीडिया )के अन्तर्गत आने वाले माध्यम फेसबुक, इंस्टाग्राम , ट्विटर ,व्हाट्सएप आदि लोग किसी के उन सबको भी हैक करके कोई अपराध कर देते है फंसता वही है जो यूजर है जिसने कुछ नही किया है ,
उस पर दबाब बनाया जाता है मानसिक रूप से परेशान किया जाता है गुनाह कबूलने के लिए वो गुनाह जो उसने कभी किया ही नही होता है ,
अब यह बात तो है कि ऐसे कारनामे होते तो है पर विचारणीय बिंदु यह है कि ऐसे कारनामे होते क्यो है ,
इसका एक ही कारण है बढ़ती बेरोजगारी,
पढ़े -लिखे लोग जो तकनीकी में उच्च शिक्षित होते है व थोड़ा बहुत ज्ञान रखने वाले होते है वो ऐसा कार्य कर देते है ,
कभी निजी हित, आर्थिक हित के लिए व कभी तो ऐसे ही कर देते है ,
किन्तु इनके इस प्रकार के कृत्य से मासूम आदमी को परेशानी उठानी पड़ती है,
बेरोजगारी व कोई काम न होने के कारण ऐसा होता है तो इस प्रकार के कृत्य का कारण बेरोजगारी ही है, आय का कोई साधन न होना,

भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

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