डॉ. प्रिया (पुडुचेरी)
1. आर्निका-30/200
कोई भी चोट, जिसमें ख़ून न निकला हो, बस मांसपेशियाँ कुचल गई हों, ख़ून जमकर काला पड़ रहा हो, तो ऐसी चोट पर यह ज़बर्दस्त काम करेगी।
कुचलन वाला दर्द किसी भी बीमारी में हो, यह काम करेगी। मसलन, ज़्यादा काम करके आप थक गए हों और शरीर में कुचलने जैसा दर्द महसूस हो, तो आपकी थकान भी यह थोड़ी ही देर में उतार देगी।
2. कैलेण्डूला-क्यू (मदर टिञ्चर)
कटने-फटने-चोट लगने से ख़ून बहने लगे तो थोड़े पानी में कैलेडूण्ला मिलाकर रुई भिगोकर लगाएँ।
थोड़ी देर में ख़ून बन्द हो जाएगा। घाव पर कुछ दिनों तक इसे नियमित दिन में दो-तीन बार लगाते रहें, कोई सङ्क्रमण नहीं होगा और घाव जल्दी ठीक हो जाएगा।
4. एकोनाइट-30
अचानक कोई बीमारी आक्रमण कर दे, कुछ वजह समझ में न आए, जैसे कि अचानक की छींके और तेज़ सर्दी-जुकाम, यकायक आने वाला बुख़ार…तो इस दवा की कुछ ख़ुराकें दीजिए।
एकोनाइट की बीमारी का आक्रमण अचानक होता है। बेचैनी, मौत का डर, पसीना न आना वग़ैरह इसके लक्षण हैं।
3. नक्स वोमिका-30 /200
ज़्यादा देर तक कुर्सी पर बैठकर काम करने वालों की बीमारियों के लिए यह काम की दवा है। आजकल की ऐसी जीवनशैली में पेट ख़राब होना आम बात है।
अगर दोपहर से पहले कई बार शौच जाने की आदत हो, देर तक शौचालय में जमे रहते हों, तो सोने से पहले कुछ दिन नक्स की एक ख़ुराक लीजिए।
30 पोटेंसी हो तो हर दिन, अन्यथा 200 पोटेंसी हो तो हर तीसरे दिन। सोने से पहले लेने पर यह दवा बढ़िया काम करती है। ज़्यादा पौष्टिक खाना खा लेने से पेट ख़राब हो जाए तो यह समझिए कि इस दवा में प्रभु का वास है। पक्का काम करेगी।
ज़्यादा तेल वाली चीज़ें खाने से पेट गड़बड़ हो तो पल्साटिल्ला बढ़िया काम करती है।
5. कालीफॉस-3 x/6x
यह घर में रखने की नहीं समय-समय पर नियमित इस्तेमाल में लाने की दवा है। जो लोग दिमाग़ी काम ज़्यादा करते हैं, वे कुछ दिन लगातार दिन में तीन-चार बार चार-चार घण्टे के अन्तराल पर चार-चार गोलियाँ खा लें तो दिमाग़ को थोड़ी ऊर्जा मिल जाएगी।
बिना किसी बीमारी के दिमाग़ी टॉनिक के तौर लेना हो तो महीने भर लगातार लें, फिर हफ़्ते-दस दिन के लिए बन्द कर दें। कालीफॉस वास्तव में एक तरह की नर्व टॉनिक है।
(चेतना विकास मिशन)