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राज” मार्ग राष्ट्रीय

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शशिकांत गुप्ते

प्रायः राष्ट्रीय राजमार्गों (Highway) पर यातायात को सुगम बनाने के लिए वाहन चालकों के लिए,विभन्न तरह की सूचना पट्टिकाएं लगाईं जातीं हैं।
एक सूचना होती है,सावधानी हटी दुर्घटना घटी। इस सूचना पर गम्भीरता से सोचने पर एक प्रश्न मन में उपस्थित होता है? सावधानी हटने का कारण क्या हो सकता है?
सावधानी हटने का कोई एक निश्चित कारण हो ही नहीं सकता है।
लापरवाही सबसे प्रमुख कारण हो सकता है? लेकिन लापरवाही से दुर्घटना होगी ही यह सम्भव नहीं है।
मैने स्वयं के दिमाग पर जोर देने के बजाए सीधे सीतारामजी से संपर्क किया।
सीतारामजी ने मुस्कुराते हुए बहुत ही सहजता से मेरी जिज्ञासा शांत की।
सीतारामजी ने सावधानी हटने का कारण मनोवैज्ञानिक है।
जो भी कोई व्यक्ति स्वयं को दूसरों से ज्यादा बुद्धिमान (Over smart) समझता है। वही व्यक्ति ऐसी गलती करता है। कारण वह भ्रमवश स्वयं को दूसरों से बुद्धिमान सिर्फ समझता है। समझने में और होने में बहुत अंतर है। ये अंदर की बात है।
स्वयं को ज्यादा बुद्धिमान समझने के कारण ऐसे व्यक्ति में Overconfidence जागता है, मतलब अतिआत्म विश्वास जागता है। कहा गया है न अतिसर्वत्र वर्जयेत।
इसी अति आत्म विश्वास के कारण व्यक्ति सावधानी बरतना भूल जाता है। अतिआत्मविश्वास के कारण व्यक्ति में अहंकार आ जाता है। यही अहंकार व्यक्ति को अपने सहयोगियों से दूर कर देता है।
अहंकारी व्यक्ति के इर्दगिर्द अयोग्य व्यक्तियों का ही जमावड़ा रहता है। ये अयोग्य लोग अहंकारी की हाँ में हाँ मिलाते रहतें हैं। अंहकारी स्वयं भी अपने आसपास अयोग्य व्यक्तियों को ही पसंद करता है।
अहंकार के कारण ही व्यक्ति लापरवाही कर बैठता है। लापरवाही के कारण दुर्घटना हो जाती है।
उपर्युक्त मनोविज्ञान सिर्फ वाहन चालक तक ही सीमित नहीं है,घर,परिवार के मुखिया,समाज के प्रमुख, प्रान्त के मुखिया और देश की बागडोर संभालने वाले हर एक व्यक्ति के लिए है जिसके कांधे पर जवाबदारी है।
जवाबदारी ओढ़ लेना पर्याप्त नहीं है,जवाबदारी का निर्वहन करने के साथ जवाबदेही भी होना चाहिए।
अहंकारी व्यक्ति जवाबदेही से मुँह मोड़ लेता है।
अहंकार एक अवगुण है। अहंकार एक आवरण है, अपने दुर्गुणों को छिपाने के लिए। अहंकार भ्रम है।
अहंकार झूठ का पर्यायवाची है।
इसीलिए अहंकारी व्यक्ति कभी सच बोलने की सोच ही नहीं सकता है।
इतना समझाकर सीतारामजी ने कहा समझ गए। यही तो मनोविज्ञान है। ऐसे व्यक्ति का इलाज मानस चिकित्सक ही कर सकता है।
इसीलिए वाहन चालक को सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
वाहन चालक पर स्वयं के साथ अपने वाहन में सवार यात्रियों के जान-माल की भी जवाबदारी होती है। सिर्फ वाहन खरीदने की क्षमता और वाहन चलाने का लाइसेंस होना पर्याप्त नहीं है।
महंगे से महंगा वाहन भी खरीदा जा सकता है। ख़रीदने के लिए बैंक से ऋण भी मिल जाता है।
लेकिन वाहन चलाने की अक्ल बाजार में उपलब्ध नहीं होती है।
हर एक वाहन चालक को यह याद रखना चाहिए, सूचना पट्टिकाओं पर लिखी सूचनाएं सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं लिखी जाती है, उन्हें पढ़कर समझकर सावधान होना चाहिए।
प्रायः लोगबाग सूचना पट्टिकाओं पर लिखी सूचना को भी होर्डिंग पर अंकित बड़े बड़े वादों जैसा ही समझती है। होर्डिंग पर अंकित वादें निभाए जाएंगे कि नहीं इसमें संदेह रहता है।
लेकिन सूचना आगाह करने के लिए होती हैं।
मानस विज्ञान के वैज्ञानिकों को इस मुद्दे पर लोगों की Counseling करना मतलब उन्हें परामर्श देना अनिवार्य हो गया है।
राजमार्ग पर एक बहुत संवेदनशील सूचना होती है। आगे खतरनाक मोड़ है, या अंधा मोड़ है।
सावधानी हटी की दुर्घटना घटी।

शशिकांत गुप्ते इंदौर

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