अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

हमने सजाई दुनिया, हमें क्या मिला ?

Share

एम.जेड.एफ कबीर

हमने बनाई इमारत, हमें क्या मिला ?
हमने सजाई दुनिया, हमें क्या मिला ?
मालिकों को मिली बेशुमार दौलत
भुखमरी के सिवा हमें क्या मिला ?

लेने अपना हक़ हमने युद्ध छेड़ दिया
मजदूर साथी उठ आ कदम मिला.

हमने बनाया मोटर कार, हमें क्या मिला ?
हमने चलाई रेल गाड़ी, हमें क्या मिला ?
मालिकों की बढ़ती रही पूंजी
इक ग़रीबी के सिवा हमें क्या मिला ?

लेने अपना हक़ हमने युद्ध छेड़ दिया
मजदूर साथी उठ आ कदम मिला.

हमेशा मालिकों ने हमें सताया
रोजी-रोटी के लिए हमें तरसाया
जब भी हमने मांगा अपना हक़
उसने पुलिस बुलाई, डंडा बरसाया

लेने अपना हक़ हमने युद्ध छेड़ दिया
मजदूर साथी उठ, आ कदम मिला.

सरकारों ने सदा पूंजी का गुण गाया
उसी के फायदे में श्रम कोड लाया
सारे अधिकारों को हमसे छीन कर
हमारे गले में मौत का फंदा लगाया.

काटने फंदे को हमने युद्ध छेड़ दिया
मजदूर साथी उठ आ कदम मिला.

मजदूरों का ऐलान, हम साथ चलें
नौजवानों का गान, हम साथ चलें
इंकलाबियों का आह्वान, हम साथ चलें
दिल्ली में फहराने लाल निशान, हम साथ चलें

कह दो लेने हक़ हमने युद्ध छेड़ दिया
मजदूर साथी उठ आ कदम मिला.

  • एम.जेड.एफ कबीर
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें