पृथ्वीराज चौहान और रानी पद्मिनी को लेकर उपजे विवाद के बाद एक बार फिर इतिहास से छेड़छाड़ के मामले ने तूल पकड़ लिया है। ताजा विवाद भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लेकर हैं। दरअसल आरोप है कि सोनी टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले शो अहिल्याबाई में 17 नवंबर महाराजा सूरजमल को लेकर गलत कहानी दिखाई गई। उनका चैनल ने गलत चित्रण किया गया। चैनल की ओर से महाराजा सूरजमल को कायर बताने की कोशिश की गई। इसके बाद हरियाणा से लेकर राजस्थान तक में टीवी सीरियल का विरोध शुरू हो गया है। अहिल्या बाई सीरियल के निर्माता जैक्सन सेठी के खिलाफ राजस्थान और हरियाणा में कई जगह पुलिस थानों में शिकायत दर्ज हो चुकी हैं ।
कौन थे महाराजा सूरजमल
महाराजा सूरजमल राजा बदन सिंह के पुत्र थे, जिन्होंने 17 वीं सदी में भरतपुर की स्थापना की थी । उन्होंने अपने छोटे से साम्राज्य का विस्तार कर उसे काफी ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया था । मथुरा, आगरा ,बागपत ,मेरठ और बरेली तक महाराजा सूरजमल के साम्राज्य का विस्तार था, इसके अलावा गंगा और यमुना नदी भी महाराजा सूरजमल के साम्राज्य में शामिल थी । महाराजा सूरजमल ने अपने जीवन काल में 80 युद्ध लड़े और सभी युद्ध उन्होंने जीते थे । अपने पूरे जीवन काल में महाराजा सूरजमल एकमात्र ऐसे राजा और योद्धा रहे जो कभी भी युद्ध नहीं हारे । कहने को तो भरतपुर रियासत के ये राजा महाराजा थे, मगर किसान का जीवन व्यतीत करते थे । महाराजा सूरजमल ने हमेशा दीन दुखियों दलितों शरणागत हो और स्त्रियों की रक्षा की थी ।
दिल्ली को किया था फतेह
जब मुगलों का आतंक बढ़ रहा था उस समय दिल्ली के बादशाह ने एक हिंदू लड़की को बंधक बना लिया था और उससे शादी करना चाहता था । हिंदू लड़की की मां ने सभी जगह पुत्री को बचाने की गुहार लगाई , लेकिन जब सभी जगह से उसे निराशा हाथ लगी। तब परेशान होकर उस लड़की की मां ने खून से लिखा एक पत्र महाराजा सूरजमल को भरतपुर भिजवाया था और पुत्री की लाज बचाने की गुहार लगाई थी ।
इसके बाद महाराजा सूरजमल ने अपना दूत बेचकर दिल्ली के बादशाह को यह समझाया था कि हिंदू लड़की को तुरंत प्रभाव से रिहा किया जाए । मगर दिल्ली के बादशाह ने राजा सूरजमल के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था । इसके बाद हिंदू लड़की की इज्जत बचाने के लिए महाराजा सूरजमल ने अपनी सेना के साथ दिल्ली पर आक्रमण कर दिया था । महाराजा सूरजमल दिल्ली के बादशाह को खत्म करना चाह रहे थे तभी उनकी तलवार के सामने बादशाह की पत्नी आ गई और महाराजा सूरजमल को गुहार लगानी लगी।
बादशाह की पत्नी ने महाराजा सूरजमल से कहा कि मेरा पति जो दिल्ली का बादशाह है, लेकिन आपके लिए तो काली गाय के समान है । आप हिंदू धर्म रक्षक हैं जहां गाय को काटना हिंदू धर्म के खिलाफ है । इसके बाद महाराजा सूरजमल ने दिल्ली के बादशाह की जान बख्श दी थी। मगर उसी दौरान साजिश के चलते बादशाह ने महाराजा सूरजमल को सोते समय मौत के घाट उतार दिया गया था । जिसका बदला लेने के लिए महाराजा सूरजमल के पुत्र जवाहर सिंह ने दिल्ली पर आक्रमण किया और दिल्ली को फतह कर लिया था ।
शरण लेने वाले लोगों की रक्षा करते थे महाराजा सूरजमल
इतिहास के मुताबिक महाराजा सूरजमल हिंदू धर्म की रक्षा और महिलाओं की इज्जत के लिए पहचान रखते थे। शरण में आए दुश्मनों के भी रक्षा करने के लिए विख्यात रहे हैं । पानीपत युद्ध मैं मराठा राजा हार चुके थे और उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी बच्चे और सेना घायल हालत में लहूलुहान होकर जान बचाकर भागी थी । मगर महाराजा सूरजमल और उनके धर्मपत्नी रानी किशोरी देवी ने उन सभी घायलों को अपने राज्य में शरण दी थी। बताया यह भी जाता है कि करीब 1 महीने तक उनका उपचार भी कराया गया । उनकी सुरक्षा की गई और ठीक होने के बाद अपनी सेना की सुरक्षा के बीच उन सभी को उनके साम्राज्य में धन दौलत देकर भेज दिया गया ।
महाराजा सूरजमल के साम्राज्य में था समानता का अधिकार
महाराजा सूरजमल के साम्राज्य में सभी को समानता का अधिकार था । हर जाति के लोगों को इज्जत और समानता का अधिकार दिया जाता था । महाराजा सूरजमल के खजांची भी अनुसूचित जाति के लोग हुआ करते थे । महाराजा सूरजमल के साम्राज्य में सभी की सुरक्षा और सभी का सम्मान का ख्याल रखा जाता था ।
एक किंवदंती है प्रचलित
दिल्ली पर आक्रमण करने और फतेह करने के पीछे एक किंवदंती भरतपुर में बेहद मशहूर है । कहा जाता है कि 1 दिन जवार ब्रिज पर खड़े होकर सुबह के वक्त महाराजा सूरजमल अपने मूछों में ताव दे रहे थे । तभी वहां से होकर गुजर रही एक वाल्मीकि महिला ने यह सब देख लिया था और उसने किसी को कहा था कि ऐसा लगता है कि महाराजा सूरजमल दिल्ली की तरफ देखकर मूछों में ताव दे रहे हैं, इसलिए हो सकता है कि महाराजा सूरजमल दिल्ली पर आक्रमण करने वाले हैं ।
यह किंवदंती पूरी प्रजा में फैल गई और जब इसका पता महाराजा सूरजमल को लगा तो उन्होंने उस व्यक्ति को तलाश करने के लिए कहा कि जिसने यह बात कही । पता लगने पर वाल्मीकि महिला को महाराजा सूरजमल के सामने पेश किया गया । तब महाराजा सूरजमल ने उस वाल्मीकि महिला से पूछा कि आपने कैसे जाना कि मैं दिल्ली पर आक्रमण करने वाला हूं । इसके बाद वाल्मीकि महिला ने महाराजा सूरजमल को कहा कि आप सुबह के वक्त दिल्ली की तरफ देखकर मूछों में ताव दे रहे थे इसलिए मुझे लगा कि आप दिल्ली पर आक्रमण करने वाले हैं । बताया जाता है कि महाराजा सूरजमल ने वाल्मीकि महिला को कहा कि जो काम हमें कल करना था क्यों ना आज यह काम कर दिया जाए क्योंकि यह आपके मुंह से निकली बात है । बताया जाता है कि महाराजा सूरजमल ने इसके बाद दिल्ली पर आक्रमण करने के ऐलान कर दिया था ।
जयपुर गद्दी दिलाने को लेकर किया था न्याय
बताया जाता है कि जयपुर रियासत में ईश्वर सिंह और माधव सिंह दो भाइयों में राजा बनने को लेकर युद्ध हो गया था । लेकिन महाराजा सूरजमल राजा बनने के हकदार बड़े भाई का साथ दिया और युद्ध जीता कर बड़े भाई को राजगद्दी पर बैठाया था ।
जानिए क्या है टीवी सीरियल पर विवाद
विगत 17 नवंबर को सोनी टीवी पर टीवी सीरियल अहिल्याबाई महाराजा सूरजमल पर किए गए चित्र पर विवाद शुरू हो गया है। टीवी सीरियल अहिल्याबाई में दिखाया गया है कि खंडेराव यह कहते हैं कि महाराजा सूरजमल की गलत निगाह दिल्ली पर है और क्योंकि हमारा दिल्ली बादशाह के साथ संधि है इसलिए हम नहीं चाहते कि दिल्ली पर महाराजा सूरजमल आक्रमण कर दे । महाराजा सूरजमल जो गलत रास्ता चुनते हैं उन से सावधान रहना होगा और दिल्ली बादशाह का साथ देना होगा । इसलिए अहिल्याबाई टीवी सीरियल के निर्माता के खिलाफ हरियाणा और राजस्थान में कई पुलिस थानों में शिकायत दर्ज कराई गई है ।
हनुमान बेनीवाल ने की कठोर कार्रवाई की मांग
सीरियल अहिल्याबाई में महाराजा सूरजमल के चित्रण के बाद राजस्थान के जाट नेताओं ने भी इसका खुलकर विरोध कर दिया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने इसे लेकर प्रधानमंत्री और केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री को पत्र लिखकर अहिल्याबाई टीवी सीरियल के निर्माता के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है । वहीं राजस्थान की कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह, जो महाराजा सूरजमल के वंशज हैं और उनकी 14 वी पीढ़ी है। उन्होंने कहा कि टीवी सीरियल में महाराजा का गलत चित्रण प्रदर्शित किया जाना बेहद निंदनीय है । मैं फिल्म निर्माता के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं ।
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल ने ऐसी युद्ध लड़े और सभी में जीत हासिल की । उन्होंने सभी युद्ध जीते और वह दोनों हाथों से तलवार चलाने में निपुण थे । महाराजा सूरजमल की बहादुरी उनका कुशल नेतृत्व सभी छात्रों को पढ़ना चाहिए ।