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2047 का भारत

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राजकुमार जैन (स्वतंत्र विचारक)

एक सशक्त राष्ट्र के रूप मे भारत अपनी एक नई पहचान बना रहा है जो आत्मनिर्भर होने के साथ साथ विश्व स्तर पर सम्मानित भी है। विगत दशकों में की गई प्रगति के आधार पर 2047 में हम एक ऐसे भारत की परिकल्पना कर सकते है जो न्यायसंगत, समावेशी, टिकाऊ और समृद्ध हो। जहा सभी नागरिकों को भोजन, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, आवास और रोजगार के अवसरों जैसी बुनियादी जरूरते सुलभता से उपलब्ध  होंगी। आगामी वर्षों में एक अग्रणी देश के रूप मे हम पर्यावरण की रक्षा करते हुए गरीबी और असमानता को कम करना चाहेंगे। सेवाओं के डिजिटलीकरण, स्मार्ट शहरों और कौशल विकास कार्यक्रमों जैसी पहलों के माध्यम से, मिशन 2047 का उद्देश्य भारत को एक ऐसी अर्थव्यवस्था बनाना है जो अपने नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करते हुए विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो।

सदियों के औपनिवेशिक शासन से लंबे संघर्ष के बाद स्वतंत्रता प्राप्त कर, 1947 में भारत ने लोकतंत्र की यात्रा के पहले पड़ाव पर कदम रखा था। हमारे नेताओं के प्रबल आशावादी होने के बावजूद उस समय यह माना जा रहा था कि अपनी विविध जनसंख्या और जटिल सामाजिक संरचना के कारण भारत में लोकतंत्र सफल नहीं होगा। लेकिन पिछले 75 वर्षों में, भारत ने यह साबित कर दिया है कि कड़ी चुनौतियों के बावजूद हम भारतवासी एक सफल लोकतंत्र को बनाए रखने में सफल रहे है। इन 75 वर्षों मे लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और मौलिक मानवाधिकारों को बरकरार रखते हुए भारत ने जो उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है, वह विविध दृष्टिकोणों को अपनाने की हमारी समावेशी क्षमता का परिचायक है। इसके साथ ही यह स्वतंत्रता, सम्मान और न्याय के साथ जीने के लिए संकल्पित लोगों की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण भी है।

कहा जा सकता है कि भारतीय लोकतंत्र का विकास चार चरणों में हुआ है, पहले चरण में यानि जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक के दौर में लोगों को सिर्फ मतदान का अधिकार था, राजनीति में जनता की सक्रिय भागीदारी नहीं के बराबर थी। दूसरे चरण में राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आरक्षण और उदारीकरण जैसे नए विचारों के साथ राजनीतीक विकेंद्रीकरण की शुरुआत हुई थी। तीसरे चरण में मिली-जुली सरकारो का दौर आया तब हमने आशा की थी कि लोकतन्त्र मजबूत होगा और लोगों का जीवन स्तर सुधरेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि स्थिति और खराब हो गई। 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चौथे चरण की शुरुआत हुई और भारत एक शक्तिशाली लोकतन्त्र के रूप में विश्व पटल पर उंभरा। आज दुनिया में भारत की पहचान एक सशक्त राष्ट्र के रूप की जाती है। सारी दुनिया आज भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है। बीते 75 सालों में अपनी अंदरूनी समस्याओं और चुनौतियों के बीच इस देश ने ऐसा कुछ जरूर हासिल किया है, जिसे देखकर दुनिया की तमाम ताक़तें चमत्कृत है। 

उदारीकरण के दौर के बाद भारत तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ा है। आर्थिक, सैन्य एवं अंतरिक्ष क्षेत्र में हमने सफलता की बड़ी छलांग लगाई है। चुनौतियों के बावजूद हमारी आर्थिक विकास दर तेजी से बढ़ी है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है। भारतीय सेना परमाणु हथियारों से संपन्न दुनिया की चौथी सबसे शक्तिशाली सेना है। मिसाइल तकनीकी में दुनिया भारत का लोहा मान रही है। मंगल मिशन की सफलता एवं रॉकेट प्रक्षेपण की अपनी क्षमता के बदौलत अंतरिक्ष क्षेत्र में नए कीर्तमान स्थापित कर भारत इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हुआ है। सूचना प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में भी देश अग्रणी बना हुआ है। इन उपलब्धियों की बदौलत आज देश महाशक्ति बनने की कगार पर खड़ा है। दमदार नेतृत्व के तले भारत ने “सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन’ के मंत्र के साथ संरचनात्मक परिवर्तन लाने की असरदार शुरुआत की है

अब तक के इस कठिन सफर में एक देश के रूप में हम कहाँ से कहाँ पहुंचे है, 1947 में साक्षरता दर 12% थी जो अब 75% से आगे निकाल चुकी है, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओ के चलते लाईफ एक्सपेंटेसी (अनुमानित जीवन काल)  32 वर्ष से बढ़कर 70 से भी ज्यादा हो चला है, बेहतर आर्थिक प्रबंधन के चलते प्रति व्यक्ति आय रू. 250 से बढ़ कर रू 1.5 लाख  तक पहुँच चुकी है, पहले खाद्यान की कमी के चलते लोग भूखे मरते थे, लेकिन आज हम आत्मनिर्भर होकर निर्यातक भी बन चुके है, रेलवे नेटवर्क 55 हजार किलोमीटर से  बढ़कर 1 लाख 26 हजार किलोमीटर तक पहुँच चुका है, राष्ट्रीय राजमार्ग 21000 किलोमीटर से बढ़कर 136000 किलोमीटर हो चुका है, लोकसभा में महिला सदस्यों की भागीदारी 4.4 फीसदी से बढ़कर 11.8 फीसदी हुई है, ओलंपिक खेलों में अपनी भागीदारी के 121 वर्षों में सबसे अधिक मेडल जीतने का इतिहास रचा गया है, जल जीवन मिशन के तहत अब तक करीब 9 करोड़ ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचने लगा है, बजट 2022-23 में भारत की विकास दर 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया हैं।

देश की प्रगति की चर्चा देश की बेटीयों के बारे में बात किए बिना अधूरी है। आज हाई स्कूल से लेकर मिलिट्री तक, लैब से लेकर खेल के मैदान तक हमारी लड़कियां अपनी अलग पहचान बना रही हैं। उनकी इस सफलता में विकसित भारत के भविष्य की झलक स्पष्ट दिखाई दे रही है। इन होनहार बालिकाओ के परिवारों से हर माता-पिता को सीख लेनी चाहिए और अपनी बेटियों को आगे बढ़ने का बराबर मौका देना चाहिए।

ग्रामीण भारत की बात की जाय तो आज हम अपने गांवों को तेजी से परिवर्तित होते देख रहे हैं। बीते कुछ वर्ष, गांवों तक सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाने के रहे हैं। अब गांवों तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क एवं इन्टरनेट के रास्ते डेटा की ताकत पहुंच रही है। ग्रामीण परिवेश में भी डिजिटल एंटरप्रेन्योर तैयार हो रहे हैं। वोकल फॉर लोकल के मंत्र के साथ सरकार ई-कॉमर्स प्लेटफार्म तैयार कर रही है। इस डिजिटल प्लेटफॉर्म का विस्तृत फ़लक स्वयं सहायता समूहों के उत्‍पादों को देश के दूर-दराज के क्षेत्रों और विदेशों के उपभोक्ताओं से जोड़ेगा। कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिकों की क्षमता को महत्व दिया जा रहा है और हमारे वैज्ञानिक बहुत सूझ-बूझ से काम कर रहे हैं। उनकी क्षमताओं और उनके सुझावों को राष्ट्र निर्माण की नीतीयों में शामिल किया जा रहा है। इससे देश को खाद्यान सुरक्षा देने के साथ ही फल और सब्जियों का उत्‍पादन बढ़ाने में बहुत बड़ी मदद मिलेगी।

हालांकि तेजी से बदलती तकनीक के दौर में यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि आजादी के 100 साल बाद 2047 में हमारा लोकतंत्र कैसा होगा। लेकिन यह निश्चित है कि वह समय आने तक भारत लोगों की कल्पना से कहीं आगे निकल चुका होगा। देश में हर स्तर पर तीव्र गति से विकास हो रहा है और यह तय है कि आने वाले समय में हम दुनिया की एक बड़ी तकनीकी और आर्थिक महाशक्ति होंगें। हम एक ऐसे देश की कल्पना कर सकते हैं जहां सभी समान हों और बेरोजगारी जैसी गंभीर समस्या का नामोनिशान तक ना हो। हर किसी के पास खुशहाल जीवन जीने के समुचित साधन हों। मानव तस्करी, बाल श्रम आदि समाप्त होंगे और महिलाओं को आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त होंगे, लैंगिक भेदभाव से परे जाकर कार्यस्थल और समाज में उनके सम्मान की सुरक्षा की गारंटी होगी। जाति, समुदाय, संप्रदाय आदि के आधार पर भेदभाव के बिना देश भर में मुफ्त आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाएगी।

आम जनता के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने हेतु निर्णय लेने की ब्लॉक चेन आधारित प्रक्रिया में सुधार हेतु कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग का उपयोग आम बात हो जाएगी, जेनेरेटिव आर्टिफिशीयल इंटेलिजेंस के विकास के साथ ही प्रशासनिक सेवाए पूर्णत: फेसलेस हो जाएंगी।   

गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य पर आज हमें यह विचार करना चाहिए  कि हम कैसा देश गढ़ना चाहते है।  व्यापक सोच रखने वाले, मजबूत इरादे वाले, सुशिक्षित, चरित्रवान, बुद्धिमान, योग्य, सकारात्मक सोच वाले ईमानदार नागरिकों से बना एक सशक्त भारत या अयोग्य, बेईमान, कमजोर, लालची, धूर्त, अशिक्षित, आपराधिक सोच वाले भ्रष्ट नागरिकों से बना एक कमजोर राष्ट्र। आईये इस गणतन्त्र दिवस पर हम सब यह शपथ ले कि हम अपने कर्तव्य का पालन देशभक्ति की भावना से करेंगे और एक मजबूत और गौरवशाली भारत का निर्माण करेंगे, अपने बच्चो को एक अच्छा मनुष्य  और उत्कृष्ठ नागरिक बनाएँगे जो आगे चलकर सशक्त भारत की नींव रखेंगे और भारत को उसका खोया हुआ गौरव पुनः लौटाकर विश्व का अग्रणी और सिरमौर देश बनाएँगे।   

राजकुमार जैन (स्वतंत्र विचारक)

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