विजय दलाल
टीएमसी को छोड़कर कांग्रेस सहित सारे महत्वपूर्ण 15 विपक्षी दल संसद में मोदी जी के खास मित्र अडानी के समूह की कंपनियों की जाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी या सुप्रीम कोर्ट की कमेटी की मांग कर रही है।* *उसका मुख्य कारण यह है कि सरकार ने वित्त नियंत्रण करने वाली संस्थाओं का भी मन चाहे इस्तेमाल कर दुरूपयोग कर रही है। उसका सबसे बड़ा उदाहरण नोटबंदी के समय आरबीआई की भूमिका और बाद में सुप्रीम कोर्ट के सामने लिपापोती।* *इस सरकार के कार्यकाल में*
*सेबी तो कार्पोरेट्स की कठपुतली है।*
*दो दिन से संसद नहीं चल रही है
और हो सकता है पुरे सत्र न चले।
*क्योंकि यह सरकार और बीजेपी कार्पोरेट्स और उनके धन की बैसाखियों पर ही चल रही है।*
*सारे विपक्ष ने अपनी मांग को लेकर गांधी प्रतिमा पर प्रदर्शन किया।*
*हां इस मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी का LIC वह SBI कार्यालयों पर प्रदर्शन का निर्णय त्रुटिपूर्ण है।*
*इससे सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों की विश्वसनीयता पर जनता में अविश्वास पैदा होता है।*
*यद्धपि इन संस्थानों के उच्च प्रबंधन को सरकार के दबाव में न चाहते हुए भी निर्णय लेना होते हैं और बचाव भी।*
*मीडिया की यह खबर कि कांग्रेस इंदौर में प्रदर्शन नहीं कर पाई यह मीडिया का मोदी -अडानी बचाओ अभियान के हिस्से से ज्यादा कुछ नहीं।*
*आज कल मीडिया तो वैसे भी सरकार से “मिले सुर मेरा तुम्हारा” तर्ज पर चल रहा है इसलिए असली मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए गैर जरूरी पैंतरेबाजी से सरकारी एजैंडे को मदद करता है।*