आज भोर सुबह नागेश हटकर जी का देहांत हो गया। मन भर दुख भरा हुआ रह गया।
नागेश भाई, जिन्होंने आदिवासियों के साथ काम किया, श्रमिकों के साथ श्रमिक संगठन में काम किया, जिन्होंने नर्मदा आंदोलन को और जन आंदोलन के राष्ट्रीय समन्वय को बहुत साथ और सहयोग दिया और विशेष बात यह भी है, कि नागेश हटकर जी अत्यंत संवेदनशील और सृजनशील कार्यकर्ता रहे। उनके पेंटिंग्स आज भी हमारे आंखों के सामने हैं… उनका न केवल प्रदर्शन हुआ लेकिन उन्होंने कई प्रकार का विचार दर्शन दिया।
नागेश जी ने अपना जीवन तो जी ही लिया था…. लेकिन आज वह पीछे छोड़ गए हैं कई सारी यादें; पीछे छोड़ गए हैं उनकी जिंदगी भर की सहयोगी ज्योति बहन को भी; और कई सारे नर्मदा और अन्य आंदोलनों के साथियों को भी …..उनकी पीछे रही प्रेरणा कायम हमारे साथ रहेगी, हमारे कार्यकाल तक!!!
नागेश भाई को मनस्वी श्रद्धांजलि देते हुए भी मन में थरार महसूस होता है…
सादर,सस्नेह अभिवादन।।।।
मेधा पाटकर ,विजयाताई चौहान,परवीन जहाँगीर, कमलुजीजी,योगिनी और सभी साथीगण की ओरसे।