अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

*क्या करें जब थकान और दर्द बढ़ाए वैरिकोज़ वेंस*

Share

     ~ डॉ. गीता शर्मा 

यह त्यौहारी सीजन है. ऐसे सीजन में आप नहीं चाहते हुए भी किचन में कुछ न कुछ रेसिपी ट्राई कर लेती हैं। हेल्दी होने के बावजूद इसे तैयार करना आपकी हेल्थ को प्रभावित कर जाता है। लंबे समय तक एक स्थान पर खड़े रहने पर आपकी वैरिकोज़ वेंस की समस्या अधिक प्रभावी होने लगती है। यह हेल्थ प्रॉब्लम महिलाओं को ज्यादा होती है.

   इसके कारण आपको पैरों में दर्द होने लगता है। यदि आप अपने खान-पान पर ध्यान दें, तो इस समस्या से राहत मिल सकती है.

*क्यों होता है वैरिकोज़ वेंस?* 

     वैरिकाज़ वेंस की समस्या आम है। यह कमजोर या क्षतिग्रस्त नसों की दीवारों और वाल्वों के कारण होती है। नसों के अंदर एक-तरफ़ा वाल्व होते हैं, जो हृदय की ओर रक्त के प्रवाह को बनाए रखने के लिए खुलते और बंद होते हैं। नसों में कमजोर या डैमेज वाल्व या वाल्स ब्लड को एक जगह जमा कर देती हैं।

    यहां तक कि पीछे की ओर भी यह फ्लो कर सकती हैं। इसका कोई इलाज आधुनिक चिकित्सा (एलोपैथी) में नहीं है। ब्लड फ्लो बढ़ाने और नसों में दबाव कम करने के लिए दिन भर में कई बार अपने पैरों को कमर से ऊपर उठाना चाहिए।

*वैरिकोज से कैसे जुड़ा है गट हेल्थ?*

     सौल्टी फ़ूड और अत्यधिक प्रोसेस्ड फ़ूड शरीर में तरल पदार्थों की मात्रा बढ़ाने का कारण बनते हैं। इससे वैरिकोज़ नसों पर अधिक दबाव पड़ता है और ब्लड फ्लो बाधित होता है।

      आहार में पर्याप्त फाइबर नहीं मिलने से पाचन तंत्र में कब्ज हो जाता है। इसके कारण वैरिकोज़ वेंस समस्या होती है।

     विटामिन K2 के लो लेवल के कारण इलास्टिन का कैल्सीफिकेशन होता है। इसके कारण डबल चिन, पाइल्स और वैरिकोज़ वेंस होते हैं। विटामिन K छोटे ब्लड वेसल्स की दीवारों को खिंचाव और टूटने से बचाने के लिए मजबूत कर सकता है।

यहां पेश हैं गट हेल्थ के जरिये वैरिकोज़ वेंस से आराम दिलाने के 05 टिप्स :

   *1. होमियोपैथी, मसाज और सिकाई :*

     आधुनिक चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज़ नहीं है, यह ऊपर स्पस्ट किया गया है. अक्षम नसों को काटकर निकाल दिया जाता है. आगे चलकर बाकी नसों में प्रॉब्लम होने लगती है. कितना निकलवाएंगी आप. और फिर शरीर से पार्ट निकलवाना कौन सा समाधान है. कैंसर की बात अलग है, प्रभावित पार्ट नहीं हटाए जाएं तो जानलेवा स्थिति बन जाती है.

होमियो ट्रीटमेंट लेना चाहिए. समय लगता है, लेकिन अगर डॉक्टर अनुभवी है, लक्षणो के आधार पर मेडिसिन सेलेक्ट कर पाता है तो आपको चमत्कारिक लाभ मिलना सुनिश्चित है. गरम सिकाई, तेल मालिस नसों को मज़बूती देती है. व्यायाम भी बहुत कारगर सावित होता है.

    *2. पेनिस्ट्रेशन और स्पर्म का बेनिफेशियल रोल :

     सेक्स से बेहतर योग कोई नहीं होता है. इसमें सभी अंगों का व्यायाम हो जाता है : अगर स्त्री ठीक से गरम हो, लम्बे समय तक पार्टनर की हीटनेश को ऑब्जेर्व करे तो करिश्माई रिजल्ट मिलता है. पार्टनर नामर्द या दूषित वीर्य वाला है तो उससे बचना चाहिए, वर्ना आपके क्षुब्ध मन की स्थति नसों में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध ही करेगी.

   वेरीकोज के संदर्भ में पेनिस को बहुत अंदर-बाहर, आगे-पीछे नहीं करवा कर, कम से कम आधे घंटे शांत रखवाएं. योनि में उसकी उपस्थिति को, सिहरन को, गर्मी को, ऊर्जा को फील करें जिससे आप बेहतर रूप से गरम, उत्तेजित हो सकें और पिघलने के स्टेज पर आ सकें. इसके बाद घर्सण का अनुभव लेकर डिस्चार्ज हो सकेंगी. शुद्ध वीर्य में जिंक, खनिजलवण, कार्बोहाइट्रेट, फ़ास्फोरस, विटामिन्स, केल्सियम जैसे कई तत्व होते हैं. इसे पीना आपको लाभ देगा. आप रात में एक से अधिक बार भी प्रयोग कर सकती हैं. डिस्चार्ज होने के बाद पेनिस शीथिल हो जाता है. मुँह में लेकर गर्मी देने, जीभ से सहलाने, चूसने से पुनः ऐक्टिव होने की सेचुएशन में आ जाता है.

पुनः दुहरा दूँ : पतले वीर्य वाले, प्रदूषित वीर्य वाले या नामर्द पुरुष से बचने में ही भलाई है.

*3. भोजन में बल्किंग एजेंट की प्रभावी भूमिका :* 

  सायलियम हस्क या सायलियम सीड और पेक्टिन बल्किंग एजेंट हैं। इन्हें अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ये फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पेट में फूलते हैं।

      ये बोवेल मूवमेंट के दौरान पानी जोड़ते हैं। ये स्टूल को नरम बनाते हैं। कुलमिलाकर ये माइल्ड लैक्सेटिव होते हैं। इससे शौच के दौरान तनाव कम हो जाता है।

*4. कुट्टू से भी प्रेम करें :*

   बकव्हीट यानी कुट्टू के आटे को आहार में शामिल किया जा सकता है। इसमें एक प्रकार का फ्लेवोनोइड रुटिन पाया जाता है, जिसे डॉक्टर वैरिकाज़ वेंस के रोगियों को लेने की सलाह देते हैं।

     यह एक प्रकार का फ्लेवोनोइड है जो वस्कुलर हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है। रुटिन से भरपूर कुट्टू वैरिकोज़ वेंस पर एंटी इन्फ्लामेट्री प्रभाव डालता है। यह ब्लड को क्लोट करने से रोकता है। रुटिन के कारण कुट्टू बोवेल मूवमेंट में भी मदद करता है।

*5. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जरूर लें :*

जिन लोगों को वैरिकाज़ वेंस की समस्या है, वे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खूब खाएं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि ओट्स, दाल, सेब आदि को अपने डेली डाइट में शामिल करें।

     इनके अलावा प्रूनस, रेजिन, सेम, दाल और मटर भी खाना चाहिए।

    सेब, नाशपाती, संतरा और बेरीज जैसे फाइबर युक्त फल भी वेरिकोज वेंस में नसों को रिपेयर करने में मदद करते हैं।

     ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और पालक भी बोवेल मूवमेंट कर वैरिकाज़ वेंस की समस्या से राहत पहुंचाते हैं।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें