~ डॉ. प्रिया
डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है। यह रोग जीवनभर रह सकता है और इसका शरीर के कई अंगों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह आंखों को भी प्रभावित कर देता है। इसके कारण विजन लॉस और ब्लाइंडनेस भी हो सकती है।
डायबिटीज रेटिना के ब्लड वेसल्स को प्रभावित कर देता है। यदि किसी व्यक्ति को मधुमेह की समस्या है, तो वर्ष में कम से कम एक बार आंखों की विस्तृत जांच कराना जरूरी होता है।
हाई ब्लड शुगर के कारण आंखों को हो सकती हैं ये समस्याएं :
*1. डायबिटिक रेटिनोपैथी :*
डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई लक्षण सामने नहीं होते हैं। कुछ लोग अपनी दृष्टि में बदलाव देखते हैं, जैसे- पढ़ने में परेशानी या दूर की वस्तुओं को देखने में परेशानी।
बीमारी के बाद के चरणों में रेटिना में ब्लड वेसल्स विट्रीस (जेल जैसा तरल पदार्थ, जो आंख में भर जाती हैं) में ब्लड बहने लगता है। यदि ऐसा होता है, तो काले, तैरते हुए धब्बे या मकड़ी के जाले जैसी दिखने वाली धारियां दिखाई दे सकती हैं।
कभी-कभी धब्बे अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन तुरंत उपचार कराना महत्वपूर्ण है। उपचार नहीं होने पर रक्तस्राव के कारण ब्लाइंडनेस हो सकती है।
*2. मोतियाबिंद :*
मधुमेह होने से मोतियाबिंद होने की संभावना 2 से 5 गुना अधिक हो जाती है।
इससे कम उम्र में भी कैटरेक्ट होने की संभावना अधिक हो जाती है।
*3 ओपन-एंगल ग्लूकोमा :*
मधुमेह होने पर ओपन-एंगल ग्लूकोमा विकसित होने का जोखिम लगभग दोगुना हो जाता है। यह एक प्रकार का ग्लूकोमा है।
*4. रेटीना की क्षति :*
मधुमेह पूरे शरीर के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है। आंखों को नुकसान तब शुरू होता है जब शुगर रेटिना तक जाने वाली छोटे ब्लड वेसल्स को अवरुद्ध कर देती है। इससे उनमें तरल पदार्थ का रिसाव होता है या रक्तस्राव होता है।
इन अवरुद्ध ब्लड वेसल्स की भरपाई के लिए आंखों में नए ब्लड वेसल्स विकसित होते हैं, जो अच्छी तरह से काम नहीं करती हैं। ये नए ब्लड वेसल्स आसानी से लीक या रक्तस्राव कर सकती हैं।
*डायबिटिक विजन लॉस को रोकने के उपाय :*
सबसे अधिक जरूरी है हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करना। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने, स्वस्थ भोजन करने और अपनी दवा लेने से दृष्टि हानि को रोकने या डेरी लाने में मदद मिल सकती है।
डायबिटीज का प्रबंधन करना डायबिटिक विजन लॉस के जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है। इसका मतलब है कि ब्लड शुगर लेवल का सही रूप में होना।
डायबिटिक विजन लॉस से बचने के लिए इंसुलिन या अन्य डायबिटिक दवाओं के लिए डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना सबसे अधिक जरूरी है।
*क्या हैं ट्रीटमेंट :*
यदि डायबिटीज के कारण आंखों में समस्या हो गई है, तो कई उपचार इसमें मदद कर सकते हैं।
*1. इंजेक्शन :*
एंटी-वीईजीएफ दवाएं कहलाने वाली दवाएं डायबिटिक विजन लॉस को धीमा या खत्म कर सकती हैं। कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स दवाएं भी मदद कर सकती हैं।
*2 लेजर उपचार :*
रेटिना में सूजन को कम करने के लिए ऑपथेल्मोलोजिस्ट ब्लड वेसल्स को सिकोड़ने और रिसाव को रोकने के लिए लेजर का उपयोग कर सकते हैं।
*3. आई सर्जरी :*
यदि रेटिना से बहुत अधिक रक्तस्राव हो रहा है या आंख में बहुत सारे घाव हैं, तो नेत्र चिकित्सक एक प्रकार की सर्जरी की सिफारिश कर सकते हैं, जिसे विट्रोक्टोमी कहा जाता है।