~ डॉ. प्रिया
शरीर में मौजूद ब्लड यानी की रक्त तमाम बॉडी फंक्शंस को एक दूसरे से जोड़ता है। यह मैसेंजर की तरह काम करता है और एक ऑर्गन से दूसरे ऑर्गन के बीच संपर्क बनाए रखता है। साथ ही ब्लड ऑक्सीजन, न्यूट्रिशन, हॉर्मोन्स सहित अन्य महत्वपूर्ण केमिकल्स को बॉडी में रेगुलेट करता है।
हमारी नियमित गतिविधियां जैसे कि गलत खान पान, रात को देर से सोने की आदत, तनाव आदि के माध्यम से ब्लड में काफी इंप्योरिटीज यानी कि टॉक्सिन जमा हो जाती हैं।
ब्लड में इंप्योरिटीज के बढ़ने से स्वास्थ्य संबंधी तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे की स्किन एनर्जी, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्या, हेयर फॉल, सिर दर्द, थकान आदि।
परेशानियों से बचने के लिए ब्लड में बढ़ती इंप्योरिटीज को रोकना बेहद महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह एक नेचुरल प्रोसेस है, हम जिस प्रदूषित वातावरण में रहते हैं, वहां सांस लेने से भी ब्लड में टॉक्सिंस बढ़ सकता है। इसलिए एक उचित समय पर या फिर नियमित रूप हम सभी को ब्लड डिटॉक्सिफिकेशन पर ध्यान देना चाहिए।
चेतना विकास मिशन के डायरेक्टर और मैडिटेशन ट्रेनर डॉ. विकास मानव ने ब्लड को प्यूरिफाई करने के कुछ प्राकृतिक तरीके सुझाए हैं. तो आइए यहां जानते हैं, इस विषय पर पर्याप्त विस्तार से।
*1. डाइट के लिए डिटॉक्स ड्रिंक :*
नीम, धनिया और पुदीने की पत्तियों से बना यह ड्रिंक आपके ब्लड को पूरी तरह से प्यूरिफाई करने में मदद करेगा। एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल प्रॉपर्टीज से युक्त नीम ब्लड से टॉक्सिंस को बाहर निकलने में कारगर होते हैं।
धनिया और पुदीना की पत्तियों में मौजूद क्लोरोफिल ब्लड को साफ करने में प्रभावी रूप से कार्य करते हैं। इसके अलावा इस ड्रिंक में इस्तेमाल हुई नींबू बॉडी में पीएच लेवल को सामान्य रखती है और टॉक्सिंस को रिमूव करते हुए डाइजेस्टिव ट्रैक को पूर्ण रूप से क्लीन करती है।
इसके साथ ही पानी एक बेस्ट ब्लड प्यूरीफायर के रूप में जाना जाता है। इसलिए आपको नियमित रूप से उचित मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है।
आधा कप नीम की पत्तियां, आधा कप धनिया की पत्तियां, आधा कप पुदीने की पत्तियों को एक कप पानी में डालें और इन्हें अच्छी तरह से ब्लेड कर लें। यदि आपके पास ताजी नीम की पत्तियां उपलब्ध नहीं हैं, तो आप नीम पाउडर को इसमें मिला सकती हैं। ब्लेड करने के बाद इसे छाने और रस को अलग निकाल लें। अब इसमें एक चुटकी रॉक साल्ट, जीरा पाउडर और एक चम्मच नींबू का रस मिलाएं और इसे एन्जॉय करें। उचित परिणाम के लिए इसे हर एक अल्टरनेट डे पर लें।
*2. हल्दी वाला दूध :*
हल्दी को सालों से इसकी चिकित्सीय गुणवत्ता के लिए जाना जा रहा है। यह एक बेहद खास मसाला है, जो शरीर में हीलिंग पॉवर को बूस्ट करता है। इसके साथ ही यह ब्लड को प्यूरिफाई करते हुए रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है।
हल्दी में करक्यूमिन नामक एक कंपाउंड मौजूद होते हैं, जो इन्फ्लेमेशन से लड़ते हैं और ब्लड संबंधी मस्याओं में बेहद कारगर माने जाते हैं।
एक गिलास गुनगुने दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाएं और इसे पियें। यह आपके ब्लड को डिटॉक्सिफाई करने के लिए एक बेहद प्रभावी ड्रिंक साबित हो सकता है।
*3. चुकंदर का जूस :*
बीटरूट को लीवर प्रोटेक्टिव फूड के रूप में जाना जाता है। वहीं ब्लड को प्यूरिफाई करने में लिवर का एक बेहद महत्वपूर्ण रोल होता है। चुकंदर बॉडी टॉक्सिंस को पूरी तरह से बाहर निकलने में मदद करता है साथ ही बीटरूट फैटी एसिड के एकम्यूलेशन को रोकता है और सेल्स को स्टिम्युलेट करता है।
इसके अलावा बीटरूट बेटालिन्स नामक एक प्रकार के फाइटोन्यूट्रिएंट्स का एक बेहतरीन स्रोत है।
बेटालिन्स बॉडी को पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करते हैं, साथ ही साथ इसकी डिटॉक्सिफाइंग प्रॉपर्टी ब्लड को प्यूरिफाई करने में मदद करती है। आप घर पर आसानी से बीटरूट को ब्लेंड कर इसका जूस तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा सलाद के तौर पर बीटरूट लेना भी बेहद फायदेमंद साबित होगा।
*4. लहसुन :*
लहसुन का इस्तेमाल केवल खाद्य पदार्थों में फ्लेवर और स्वाद जोड़ने के लिए ही नहीं किया जाता, बल्कि इसका इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के तौर पर भी किया जा सकता है। लहसुन की एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को सामान्य रखती हैं।
इसमें ब्लड डिटॉक्सिफाइंग प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं, इस प्रकार आप ब्लड टॉक्सिंस को रिमूव करने के लिए इसका सेवन कर सकती हैं। हाई ब्लड प्रेशर किडनी के ब्लड वेसल्स को प्रभावित करता है। ऐसे में लहसुन के सेवन से इन्हें नियंत्रित रखना बेहद आसान हो जाता है।
*5. पर्याप्त पानी :*
पानी केवल प्यास नहीं बुझाती, बल्कि यह समग्र सेहत के लिए किसी जादुई मेडिसिन से कम नहीं है। पानी एक सबसे बेहतरीन प्राकृतिक ब्लड प्यूरीफायर साबित हो सकती है। किडनी ब्लड में जमें टॉक्सिंस को यूरिन के माध्यम से बाहर निकालने में मदद करती है और पानी इन सभी केमिकल और टॉक्सिंस को ब्लड में कैरी करती है, ताकि किडनी इन्हें फिल्टर कर सके।
आयुर्वेद के अनुसार पानी को ब्लड प्यूरीफायर की तरह पीने के लिए इन्हें रात भर कॉपर के बर्तन में ढक कर छोड़ दें, उसके बाद सुबह खाली पेट कॉपर के बर्तन में रखा पानी पिएं। यह आपके लीवर और किडनी के फंक्शन को स्वस्थ रखने के साथ ही आपके ब्लड को भी डिटॉक्सिफाई करती हैं।