पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी में पुलिस हड़ताल पर चली गई। इसके बाद शहर के हाल बेकाबू हो गए। लोगों ने लूटपाट मचाई, दंगे भी भड़क गए। इसमें 15 लोगों की मौत हो गई। वहीं, गंभीर हालात को देखते हुए सरकार ने आपातकाल लगा दिया है। पुलिस की गैरमौजूदगी में लोगों ने सुपरमार्केट और दुकानों में घुसकर तोड़फोड़ की और सामान उठाकर ले गए। इसके अलावा कुछ उपद्रिवयों ने सड़कों पर खड़ी गाड़ियों और छोटी दुकानों में आग लगा दी।
सैलरी को लेकर प्रदर्शन
पुलिस सैलरी को लेकर संसद के बाहर प्रदर्शन कर रही थी। इस बीच लोग भी वहां जमा हो गए। ये लोग संसद में घुसने की कोशिश करने लगे। लोगों ने प्रधानमंत्री ऑफिस के कंपाउंड में खड़ी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। पापुआ न्यू गिनी में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है। दूसरी तरफ वेतन बढ़ाने की जगह पुलिसकर्मियों को वेतन 50% तक कम दिया गया। इससे नाराज पुलिसकर्मी संसद के बाहर हड़ताल पर बैठे थे। इसके बाद शहर में हिंसा बढ़ गई। पोर्ट मोरेस्बी जनरल अस्पताल ने राजधानी में आठ मौतों की पुष्टि की। वहीं, पापुआ न्यू गिनी के दूसरे सबसे बड़े शहर- लाए में 7 अन्य लोगों की मौत की सूचना मिली। हिंसा में कुल 15 लोग मारे गए हैं।
प्रधानमंत्री ने माफी मांगी
पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेप ने देश के नाम संबोधन दिया। कहा कि इस तरह की हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा। लोगों ने पुलिस का गैरमौजूदगी का फायदा उठाया है। कानून को तोड़ना गलत है। इससे कुछ हासिल नहीं होगा। लोगों को इस घटना से काफी नुकसान हुआ है। मैं इस पूरी घटना के लिए माफी मांगता हूं। उन्होंने पुलिस के वेतन को लेकर कहा कि कंप्यूटर में आई तकनीकी खराबी के पुलिसकर्मियों का वेतन कम आया है। सरकार ने किसी का वेतन नहीं घटाया है। जल्द तकनीकी खराबी को ठीक किया जाएगा। अगले महीने सबका वेतन पिछले बकाए के साथ मिल जाएगा।
पोस्ट वायरल और हिंसा भड़की
प्रधानमंत्री मार्पे ने कहा कि सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैली और लोगों ने इसे सच मान लिया। यही हिंसा की वजह बन गई। दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया कि सरकार इनकम टैक्स बढ़ाने वाली है। लोग इससे भड़क गए। सरकार के खिलाफ बातें होने लगीं और लोग हिंसा और प्रदर्शन करने लगे। एक चश्मदीद ने कहा कि जिन लोगों ने हिंसा की वो शहर के बाहरी इलाकों से आए थे। इन लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर है।