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मेनोपॉज का प्रभाव : ऐसे करें स्किन को प्रोटेक्ट

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      ~ सोनी कुमारी, वाराणसी 

मेनोपॉज के नज़दीक आते ही शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन नज़र आने लगते हैं। हार्मोनल इंबैलेंस के चलते आने वाले उतार चढ़वों के बीच चेहरे की त्वचा में लचीलापन कम हो जाता है। स्किन पतली और लटकी हुई नज़र आने लगती है।

     इसके अलावा त्वचा पर पिगमेंटेशन, डाक सर्कल और झुर्रियां नज़र आने लगती है। इसके चलते महिलाओं का मनोबल कम होने लगता है और वे खुद को अन्य लोगों से कम आंकने लगती हैं। त्वचा को ड्राईनेस और एजिंग सांइस से बचाने के लिए कुछ खास टिप्स को फॉलो करना बेहद आवश्यक है।

*मेनोपॉज के बाद त्वचा में क्यों आता है बदलाव?*

 मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में मूड स्विंग और तनाव की स्थिति बनी रहती है। इसके अलावा स्किन संबधी समस्याएं महिलाओं की चिंता का कारण साबित होने लगती है।

    ऐसे में स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए स्किन केयर रूटीन को फालो करें। साथ ही अपने रूटीन में रेटिनॉल और विटामिन सी को अवश्य शामिल करें। इससे त्वचा की इलास्टिसिटी बरकरार रहती है। इसके अलावा स्किन को यूवी रेज़ से बचाने के लिए एक्सफोलिएट करना भी ज़रूरी है।

*1. स्किन को क्लीन और हाइड्रेटेड रखें :*

    त्वचा को हेल्दी बनाए रखने के लिए दिनभर में चेहरे को दो बार क्लींजर से धोएं। वे लोग जो सनस्क्रीन और मेकअप का इस्तेमाल करने हैं, उन्हें ऑयल क्ली़जर से चेहरे को क्लीन करना चाहिए।

     बाद में चेहरे को अच्छी तरह से वॉश करें। हार्श केमिकल का प्रयोग करने से बचें। इसके अलावा त्वचा को हाइड्रेट रखने के लिए अपने स्किनटाइप के हिसाब से जेल बेस्ड या क्रीम बेस्ड मॉइश्चराइज़र का इस्तेमाल करें।

*2. माइश्चराइज़र अप्लाई करें :*

स्किन को हेल्दी बनाए रखने के लिए उसका मॉइश्चराइज़ होना ज़रूरी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार मेनोपॉज के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर गिरने लगता है।

    हार्मोनल इंबैलेंस के चलते त्वचा में कई परिवर्तन नज़र आने लगते हैं। ऐसे में त्वचा को मॉइश्चराइज़ रखना ज़रूरी है ताकि त्वचा डलनेस और रूखेपन से बच सके।

*3. सनस्क्रीम लगाएं :*

त्वचा का हेल्दी बनाए रखने और सन डैमेज से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल आवश्यक है। इसे दिन में दो से तीन बार अप्लाई करें। इससे त्वचा पर बनने वाले दाग धब्बों और झुर्रियों से राहत मिलती है।

    इससे स्किन सेल्स रिपेयर होते हैं और त्वचा पर दिखने वाले रिंकल्स कम होने लगते हैं।

*4. एंटी एजिंग प्रोडक्टस का प्रयोग :*

 40 की उम्र के बाद त्वचा में कोलेजन की कमी बढ़ने लगती है। इससे त्वचा पर झुर्रियां और फाइन लाइंस नज़र आने लगती है। दरअसल, त्वचा का लचीलापन कम होने के चलते ग्लो कम होने लगता है और त्वचा पर छोटे छोटे दाग धब्बे और स्किन डिसकलरेशन की समस्या का सामना करना पड़ता है।

     इसके लिए चेहरे पर विटामिन सी सीरम का प्रयोग करें और रेटिनॉल की मदद से त्वचा की लोच को बरकरार रखें।

*5. भरपूर नींद लें :*

डार्क सर्कल्स की समस्या से बचने के लिए दिन में 7 से 9 घंण्टे सोएं। इससे आंखों के नीचे काले घेरों और नींद पूरी न होने की समस्या से बचा जा सकता है।

    एनआईएच की एक रिसर्च में पाया गया है कि मेनोपॉज के बाद महिलाएं केवल 4 से 5 घण्टे की सो पाती है। नींद पूरी न हो पाने के कारण कोलेजन के अलावा ट्रांसएपिडर्मल वॉटर लॉस बढ़ने लगता है, जो त्वचा के रूखेपन को बढ़ाता है। साथ ही डसर्क सर्कल्स से जूझना पड़ता है।

*स्किन केयर रूटीन के लिए स्टेप्स :* 

      हथेली पर सेरामाइड्स, हाइलूरोनिक एसिड, और ग्लिसरीन से भरपूर माइल्ड क्लींजर लेकर चेहरे पर लगाएं और हल्के गुनगुने पानी से चेहरे को धोएं।

    हल्के गीले चेहरे पर मॉइश्चराइज़र अप्लाई करें। इससे चेहरे की नमी बरकरार रहती है। मॉइश्चराइज़ में सेरामाइड्स, हाइलूरोनिक एसिड और ग्लिसरीन की क्वालिटीज़ पाई जाती हैं।

    सन बर्न और टैनिंग से चेहरे को प्रोटेक्ट करने के लिए एसपीएफ30 या उससे ज्यादा वाली सनस्क्रीन को चेहरे पर लगाएं। दो से तीन बार इसे चेहरे पर लगाएं।

   रात को सोने से पहले क्लींजर से चेहरे को वॉश करें। इसके बाद एंटीएजिंग प्रोडक्ट को चेहरे पर अप्लाई करें।

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