अग्नि आलोक
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 थोड़ा संयम और …

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मंजुल भारद्वाज

तानाशाह बहुत डरा हुआ है
इसलिए और हिंसक हुआ है !

तुतलाने,हकलाने के साथ
रोने की अदा दोहराने लगा है !

जहाँ गीता-कुरान एक साथ हैं
चाकू, छूरी तलवार की जद में हैं !

मनुष्य होने के अहसास पर वार
प्रेम,सौहार्द, भाईचारे पर प्रहार !

नफ़रत,हिंसा,फ़रेब का सैलाब
अमन,अहिंसा,प्रेम माकूल जवाब !

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