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AAP के आम चेहरे जो खास हो गए:CM चन्नी को हराने वाले लाभ सिंह मोबाइल रिपेयर करते थे; नरिंदर भराज आम स्टूडेंट

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चंडीगढ़

किसी के पिता खेतों में मजदूरी करते हैं… कोई जेब से कमजोर पर हौसलों का शहंशाह… तो किसी ने समाज सेवा के लिए सियासत की राह पकड़ी। ये वो किरदार हैं, जिन्होंने पंजाब के 56 साल के चुनावी इतिहास में सबसे बड़ी जीत की कहानी लिखी।

आम आदमी पार्टी (AAP) के ये आम कैंडिडेट्स 10 मार्च के बाद बेहद खास हो गए हैं। भगवंत मान सरकार में इन्हें मान-सम्मान मिलना तय है, क्योंकि सियासत के हैवीवेट्स को पटखनी देने वाले यही हैं। जानिए AAP के इन जॉयंट किलर्स को…

1. लाभ सिंह उगोके- भदौड़ सीट से CM चरणजीत चन्नी को 37,558 वोटों से हराया​​​​​

प्रचार के दौरान लाभ सिंह की यह तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है। कभी पोलिंग एजेंट रहे लाभ सिंह अब विधायक हैं।

प्रचार के दौरान लाभ सिंह की यह तस्वीर सोशल मीडिया से ली गई है। कभी पोलिंग एजेंट रहे लाभ सिंह अब विधायक हैं।

“चन्नी भदौड़ से चुनाव लड़ने आए तो मुझे जरा भी फिक्र नहीं थी। अपनी जीत का पूरा भरोसा था। हां, ये सवाल जरूर था मन में कि इस जीत का मार्जिन कितना होगा। जीत के बाद भी भी ज्यादा कुछ नहीं बदला। आम आदमी जैसा ही रहूंगा।” साधारण से शब्दों में ये बड़ी बात कहने वाले हैं लाभ सिंह उगोके, जिन्होंने भदौड़ सीट पर कांग्रेस के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को 37,558 वोटों से हराया है।

लाभ सिंह उगोके गांव के स्कूल से 12वीं तक पढ़े। प्लंबर का डिप्लोमा किया। हर पंजाबी की तरह सपना विदेश जाकर नौकरी करने का था। स्कूल में सफाई करने वाली मां बलदेव और खेतों में मजदूरी करने वाले पिता दर्शन के घर जन्मे लाभ सिंह ने सोचा था कि घर के हालात संभल जाएंगे, पर सपना पूरा न हो सका। पत्नी सिलाई से घर का खर्च चलाती थीं तो लाभ सिंह ने गांव में ही मोबाइल रिपेयर की दुकान खोल ली। 3 साल बाद दुकान बंद करनी पड़ी।

2014 में जब मोदी लहर चल रही थी, तब लाभ सिंह ने संगरूर लोकसभा से AAP कैंडिडेट भगवंत मान के पोलिंग एजेंट की जिम्मेदारी संभाली। भगवंत जीते तो लाभ सिंह उनकी गुड बुक में थे। फिर उन्हीं के लिए काम करने लगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में लाभ सिंह भगवंत मान के ही साथ थे। इस बार AAP ने बरनाला की भदौड़ सीट से लाभ सिंह को उतारा। चन्नी ने यहां से लड़ने का फैसला किया तो भदौड़ हॉट सीट बन गई। चन्नी हार गए। अब लाभ सिंह कहते हैं कि भदौड़ के लोगों ने इतिहास रच दिया है।

चेतन सिंह- 2 गोली खाकर भी लड़की को बचाया, हिम्मत देखकर केजरी प्रभावित हुए

समाना सीट से विधायक बने चेतन सिंह जौड़ामाजरा जब 3 साल के थे, तब पिता गुजर गए। उनके भाई प्रीतपाल और मां सुरजीत कौर ने उन्हें संभाला। 1999 में चेतन साउथ कोरिया चले गए। वहां करीब 6-7 साल काम किया। फिर वहां से लौटकर परिवार को संभालने के लिए कंस्ट्रक्शन का काम किया।

चेतन कहते हैं कि एक समय था कि हम स्कूटर लेने तक के काबिल नहीं थे। मेरे पास सिर्फ एक वैगनॉर है। उसका भी टायर फटा हुआ था। टिकट मिला तो मेरे दोस्त ने अपनी स्कॉर्पियो दे दी। तेल भी वही डलवाते थे। उसी से प्रचार किया।

चेतन 2019 में तब चर्चा में आए, जब हरमंदिर साहिब दर्शन के लिए गए थे। रास्ते में एक लड़की को कुछ लड़के किडनैप कर रहे थे। काफी लोग खड़े थे, पर सिर्फ तमाशबीन। कोई भी लड़कों का विरोध नहीं कर रहा था। चेतन ने हिम्मत की और लड़कों का विरोध किया। लड़की को छुड़ा लिया, पर दो गोलियां भी खाईं। जान बच गई थी। केजरीवाल को चेतन की इस हिम्मत की जानकारी मिली और उन्होंने विधानसभा चुनाव में उतार दिया।

नरिंदर कौर भराज- मंत्री को हराया, घर के काम के बाद प्रचार किया वो भी स्कूटी पर

नरिंदर संगरूर से जीती हैं, मंत्री के खिलाफ जब प्रचार करने निकलती थीं तो चेहरे पर शिकन नहीं मुस्कुराहट होती थी।

नरिंदर संगरूर से जीती हैं, मंत्री के खिलाफ जब प्रचार करने निकलती थीं तो चेहरे पर शिकन नहीं मुस्कुराहट होती थी।

नरिंदर कौर भराज के पास लॉ की डिग्री है। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने आम आदमी पार्टी जॉइन की। उस समय भगवंत मान संगरूर लोकसभा सीट से AAP के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। अकाली दल का इतना दबदबा था कि नरिंदर कौर के गांव भराज में AAP का बूथ तक नहीं लगने दिया। तब नरिंदर कौर महज 19 साल की थीं। अकालियों के सामने वह बूथ लगाने पर अड़ गई और अपने गांव में अकेले बूथ लगाया। चुनाव के बाद भगवंत मान नरिंदर कौर से मिलने पहुंचे। 2022 में संगरूर विधानसभा सीट से टिकट दे दिया। मुकाबला कांग्रेस के मंत्री विजयइंदर सिंगला से था। 24 हजार की प्रॉपर्टी और एक स्कूटी की मालकिन नरिंदर वह घर के काम निपटाकर प्रचार करने निकलती थीं। स्कूटी से ही जनसंपर्क करती रहीं। सिंगला को 36,430 वोटों से शिकस्त दी।

जीवनजोत कौर- पैड वुमन के नाम से मशहूर, महिलाओं के लिए सियासत में आईं

महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूक करतीं जीवनजोत।

महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूक करतीं जीवनजोत।

गैर-राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली जीवनजोत कौर सोशल वर्क में हमेशा आगे रहीं। उनकी राजनीतिक यात्रा 2015 में शुरू हुई, जब सोशल सर्विस को आगे बढ़ाते हुए वह वॉलंटियर के तौर पर आम आदमी पार्टी से जुड़ीं। 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जीवनजोत कौर को मजीठा विधानसभा हलके का अभियान प्रभारी बनाया गया। इसके बाद उन्हें पार्टी की अमृतसर जिला इकाई का अध्यक्ष बनाया गया। वह महिला विंग की सह-अध्यक्ष भी रहीं। AAP ने उन्हें इस बार अमृतसर ईस्ट से कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिद्धू और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के सामने टिकट दिया। जीवनजोत ने सिद्धू को 6,750 और मजीठिया को 16, 408 वोटों से हराया।

जीवनजोत स्लम एरिया में रहने वाली लड़कियों और महिलाओं को पीरियड्स के बारे में जागरूक करती हैं। पूरे अमृतसर और आसपास के इलाकों में उनका नाम इसी काम की वजह से है। उन्हें ‘पैड वुमन’ भी कहा जाता है। महिला कैदियों को सैनिटरी पैड मुहैया करवाने के लिए जीवनजोत कौर पंजाबभर की जेलों का दौरा कर चुकी हैं। उनकी एक स्विस कंपनी के साथ डील भी है, जो ग्रामीण महिलाओं को दोबारा इस्तेमाल होने वाले सैनेटरी पैड मुहैया कराती है। जीवनजोत स्कूलों, झुग्गियों, स्लम बस्तियों और ग्रामीण एरिया में एन्वार्यनमेंट फ्रेंडली सैनिटरी पैड बांटने के प्रोग्राम में हिस्सा लेती रही हैं।

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