मुनेश त्यागी
तुम मुझे दे दो चंदा
मैं ही तुम्हें दूंगा धंधा,
देश जाये चाहे भाड में
मैं तो करुंगा गोरखधंधा।
सुप्रीम कोर्ट कुछ भी कहले
मुझे चाहिए बस चंदा चंदा,
इज्जत शोहरत कुछ भी जाए
रुकने वाला नहीं है बंदा।
उन्हें चाहिए बस धंधा धंधा
मुझे चाहिए बस चंदा चंदा,
देश चाहे सारा बिक जाए
मुझे मिले बस चंदा चंदा।
देश दुनिया कुछ भी कहे
मिलता रहे धंधे से चंदा,
उपहास बनूं या हंसी उड़े
मिले बंदे को बस चंगा चंदा।
विश्वगुरु को नहीं है चिंता
मिलता रहे चंदे पे चंदा,
धर्म राम की कोई न चिंता
मिलता रहे बस धंधों से चंदा।