अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

उत्तराखंड सरकार का बड़ा एक्शन :बाबा रामदेव की कंपनी के 14 प्रोडक्ट्स बैन

Share

बाबा रामदेव की पतंजलि की दिव्य फार्मेसी पर उत्तराखंड सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार के औषधि नियंत्रण विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण ने कंपनी के 14 प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है। उत्तराखंड सरकार ने इस सभी प्रोडक्ट्स पर भ्रामक विज्ञापन फैलाने के मामले पर बैन लगाया है। इन प्रोडक्ट्स मेंमुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट शामिल हैं।

इन 14 प्रोडक्ट्स पर लगा बैन

  1. श्वासारि गोल्ड – दिव्य फार्मेसी
  2. श्वासारि वटी – दिव्य फार्मेसी
  3. ब्रोंकोम- दिव्य फार्मेसी
  4. श्वासारि प्रवाही- दिव्य फार्मेसी
  5. श्वासारि अवलेह- दिव्य फार्मेसी
  6. मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर- दिव्य फार्मेसी
  7. लिपिडोम- दिव्य फार्मेसी
  8. बीपी ग्रिट- दिव्य फार्मेसी
  9. मधुग्रिट- दिव्य फार्मेसी
  10. मधुनाशिनी वटी- दिव्य फार्मेसी
  11. लिवामृत एडवांस- दिव्य फार्मेसी
  12. लिवोग्रिट- दिव्य फार्मेसी
  13. पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप- पतंजलि आयुर्वेद
  14. आईग्रिट गोल्ड- दिव्य फार्मेसी
  15. भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ही उच्चतम न्यायालय ने बाबा रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को खूब फटकार लगाई थी। अब इस मामले में 30 अप्रैल यानी कि कल सुनवाई होनी है। बता दें कि भ्रामक विज्ञापन को लेकर पतंजलि आयुर्वेद ने एक राष्ट्रीय दैनिक में भी सार्वजनिक तौर पर माफीनामा भी छपवाया है। जिसमें कहा गया कि वो सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पतंजलि ने कहा कि वो ये गलती दोबारा नहीं दोहराएगा। बाबा रामदेव की कंपनी ये माफीनामा 22 अप्रैल को छपवाया था।

IMA ने बाबा रामदेव को सुनाई खरी खोटी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. आर वी अशोकन ने सोमवार को कहा कि बाबा रामदेव ने उस समय हद पार कर दी जब उन्होंने दावा किया कि उनके पास कोविड-19 का उपचार है और उन्होंने आधुनिक चिकित्सा पद्धति को मूर्खतापूर्ण एवं दिवालिया विज्ञान कहकर बदनाम किया। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर पिछले महीने उच्चतम न्यायालय द्वारा रामदेव और उनकी औषधि कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को फटकार लगाए जाने के बाद आईएमए की यह पहली टिप्पणी है। उच्चतम न्यायालय में 30 अप्रैल को मामले की सुनवाई होने वाली है।

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें