अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

ब्लैकलिस्टेड की गयी गुजरात की कंपनी एडुटेस्ट का काला है इतिहास

Share

नई दिल्ली। पुलिस भर्ती परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के बाद यूपी में ब्लैक लिस्टेड की जा चुकी अहमदाबाद की कंपनी एडुटेस्ट के खिलाफ कुछ साल पहले गुजरात में भी इसी तरह की कार्रवाई हुई थी।

2017 में बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन परीक्षा में प्रश्न पत्र के लीक हो जाने के बाद एडुटेस्ट सोल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और निदेशक विनीत आर्या को 2020 में न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था। कंपनी द्वारा बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड की ली गयी शिक्षकों की भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक हो जाने के बाद बोर्ड ने उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया था। इसके बावजूद इस कंपनी को 17-18 फरवरी को होने वाली यूपी पुलिस कांस्टेबल की परीक्षा को संचालित करने की जिम्मेदारी दी गयी। इसमें 60244 पदों के लिए कम से कम 48 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। इसके लिए 75 जिलों में 2370 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे।

जैसे ही पूरे राज्य में परीक्षा के लीक हो जाने की खबर फैली 24 फरवरी को सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी। और इसके साथ ही बोर्ड ने कंपनी के खिलाफ ब्लैक लिस्ट का आदेश जारी कर दिया।

यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) मामले की जांच करते हुए कंपनी के मालिक के खिलाफ विनीत आर्या के खिलाफ नोटिस जारी किया था लेकिन वह पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। एसटीएफ ने इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।

पेपर लीक में किसी भूमिका के लिए पुलिस ने कंपनी के किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में यह बात सामने आयी है कि कंपनी के स्तर पर लापरवाही बरती गयी है। यह पूछे जाने पर कि एक पहले से ही ब्लैक लिस्ट की गयी कंपनी को परीक्षा लेने की जिम्मेदारी क्यों सौंपी गयी, अफसर ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

अहमदाबाद के सिंधु भवन रोड पर जेबीआर कारपोरेट हाउस के नाम से स्थित तीन मंजिला कंपनी की बेवसाइट पर 1130 मिलियन सरकारी और उससे जुड़ी संस्थाओं की परीक्षाओं को संचालित करने का दावा किया गया है। सूत्रों की मानें तो एडुटेस्ट को भी इसी 7 जुलाई को सीएसआईआर की एक परीक्षा को संपन्न कराना है।

सीएसआईआर के एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि यह पहली बार है जब सीएसआईआर ने अपनी किसी परीक्षा को संपादित करने के लिए एडुटेस्ट को हायर किया है। सूत्रों का कहना है कि सीएसआईआर को नहीं पता था कि यह कंपनी ब्लैकलिस्ट की जा चुकी है और उसके किसी दस्तावेज में भी ऐसा नहीं था जिससे पता चल सके कि उसको किसी अनियमितता के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है। 450 कर्मचारियों वाली यह कंपनी नोएडा, लखनऊ, पटना, अहमदाबाद और गांधीनगर तक फैली हुई है। और इस तरह से इसके कुल 26 स्थानों पर कर्मचारी कार्यरत हैं।

एक परीक्षा को संचालित करने में जितने पक्षों की जरूरत होती है कंपनी उन सभी को शामिल करती है। मसलन आवेदन फार्म, भुगतान, प्रवेश पत्र, प्रश्नपत्रों की छपाई, उत्तर पुस्तिका की स्कैनिंग, परीक्षा केंद्रों का मैनेजमेंट, और परीक्षा नतीजों की तैयारी और फिर उन्हें कंपन्यूटर में अपलोड करने जैसे काम हैं।

1981-82 प्रश्न पत्र प्रिंटिंग के काम से शुरू हुई कंपनी ने लंबी यात्रा की है। टीसीएस के बाद वह आय के टर्म में देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी होने का दावा करती है।

मालिक विनीत आर्या सुरेश चंद्र आर्या के बेटे हैं जो मूलत: यूपी के मथुरा के रहने वाले थे। और वह सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष हैं जो अंतरराष्ट्रीय आर्य सभा की एक इकाई है। 2017 में बिहार पेपर लीक में गिरफ्तारी होने से पहले विनीत आर्या कंपनी के निदेशक थे। लेकिन अब उनकी पत्नी जया और बेटा सक्षम कंपनी के निदेशक हैं।

यूपी में पेपर लीक घोटाले के सामने आने के बाद विनीत आर्या के विदेश भाग जाने की अफवाहों का खंडन करते हुए कंपनी के एक कर्मचारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनके पिता सुरेश चंद्र आर्या को 19 जून को ब्रेन स्ट्रोक आया था और उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। परिवार इस समय बेहद तनाव के दौर से गुजर रहा है। यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पर अधिकारी का कहना था कि कंपनी को केवल 20 लाख अभ्यर्थियों के लिए ही वर्क आर्डर दिया गया था लेकिन संख्या बढ़कर 50 लाख हो गयी। उसने बताया कि हमें नवंबर के आखिरी औऱ दिसंबर के पहले सप्ताह में आर्डर दिया गया था। हमें तैयारी के लिए कम से कम 90 दिनों की जरूरत होती है। लेकिन उन्होंने 40 दिनों के भीतर ही काम करने के लिए कहा था।

यूपी पुलिस ने बाद में एक बयान जारी कर कहा कि केस हल हो गया है। और पेपर नोएडा स्थित टीसीआई के गोडाउन से लीक हुआ था। यह एक लाजिस्टिक फर्म है जिसे एडुटेस्ट ने सब कांट्रैक्ट के तौर पर दिया था।

कंपनी ने 2017 में बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की तरफ से सरकारी क्लर्क और असिस्टेंट की भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा के पेपर की छपाई का काम लिया। पेपर लीक होने के बाद पटना पुलिस ने 40 लोगों को हिरासत में लिया जिसमें विनीत आर्या, बीएसएससी चीफ सुधीर कुमार और बीएसएससी सचिव परमेश्वर राम शामिल थे।        

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें