कनक तिवारी मायाराम सुरजन अब नहीं हैं, लेकिन हर वक्त हैं। हमारी पीढ़ी ने उन्हें बाबूजी कहा था। उनका व्यक्तित्व उनकी बढ़ती उम्र के बावजूद तेज़ हवा के झोंके की तरह था। वे जहां जाते, खुशनुमा मौसम बुन देते। कोई सपाटबयानी का...
Category - व्यक्तित्व
शंकर साहू, जो कभी शराब के नशे में धुत रहता था; आज 11 किताबों के लेखक
एक दिहाड़ी मजदूर, जो कभी शराब के नशे में धुत रहा करता था; आज किताबों के नशे में डूबा रहता है। जिसे कभी प्रकाशकों ने ये कह कर वापस कर दिया था कि भला एक मजदूर कैसे किताब लिख सकता है? उन्होंने आज 11 किताबें लिख दी हैं।...