अग्नि आलोक
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Category - समीक्षा

को बाभन को सूदा:दलित-ओबीसी समुदायों के संघर्ष को बयां करती आत्मकथा

ब्राह्मण या ऊंची जातियों के जैसे अपनी जाति को श्रेष्ठ बताने की अनावश्यक कोशिशों को छोड़ दें तो हरिनारायण ठाकुर की यह कृति स्वतंत्र भारत में दलित-ओबीसी समुदायों में बढ़ती शिक्षा और उसके कारण बढ़ती चेतना को बयां करती है...

बदनाम गली मेँ लाला-रुख़

प्रचण्ड प्रवीर की यह कहानी आयरिश लेखक टॉमस मूर के प्रसिद्ध काव्य ‘लाला रूख’ (1817) और उस पर बनी हिन्दी फिल्म ‘लाला-रुख़’ (1958) के संदर्भ में लिखी गई है. प्रसिद्ध गायक तलत महमूद और अभिनेत्री श्यामा की मुख्य भूमिकाओं में...

किताब:‘सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान’…सामाजिक न्याय आंदोलन के अतीत, वर्तमान और संभावनाओं को समेटे हुए है

 नई किताब ‘सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान’ पुस्तक मेले में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। यह किताब देश के कई राज्यों यथा– बिहार, उत्तर प्रदेश, असम, केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र, में सामाजिक न्याय आंदोलन के अतीत...

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