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जांघों में होने वाली खुजली के कारण और उपचार

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       डॉ. प्रिया 

 जांघों यानि थाइज़ पर होने वाली खुजली से स्किन पर खरोंच के निशान और दाने उभर आते हैं। अक्सर महिलाओ को इस समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे दिनभर खुजली, जलन और दर्द की समस्या बनी रहती है।

     इससे राहत पाने के लिए कई तरह के उपाय किए जाते है, मगर समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। हांलाकि थाइज़ पर होने वाली खुजली कई समस्याओं की ओर भी संकेत करती है। 

   शरीर के किसी भी हिस्से पर बढ़ने वाली खुजली से इंफ्लामेशन बढ़ने लगती है, जो रैशेज का कारण साबित होती है।  पसीना आना, त्वचा का रूखापन , दवाओं का सेवन, सिथेटिक कपड़े या मच्छर के काटने से जांघों की खुजली की समस्या बनी रहती है। 

     त्वचा में सीबम की कमी खुजली की समस्या का कारण बनने लगती है। इसके लिए स्किन को मॉइश्चराइज़  रखना आवश्यक है और हाइड्रेटेड रखें। साथ ही हवादार कपड़े पहनें और केमिकल युक्त प्रोडक्टस के इस्तेमाल से बचें।

इन कारणों से जांघों पर खुजली की समस्या बढ़ती है :

*1. सीबम सिक्रीशन की कमी :*

अमेरिकन अकेडमी ऑफ डर्माटोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार उम्र बढ़ने के साथ त्वचा पर सीबम की सिक्रीशन कम होने लगता है। इससे त्वचा में रूखापन बढ़ने लगता है, जो खुजली का कारण साबित होता है।

    इसके अलावा हॉव शावर स्किन में ड्राईनेस को बढ़ा देता है। इसके अलावा स्किन में खिंचाव महसूस होता है। देर तक खुजली करने से त्वचा पर दाने और लालिमा बढ़ जाती है।

*2. एलर्जी का जोखिम :*

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार पर्यावरण में मौजूद एलर्जन जांघों पर खुजली का कारण बनने लगते है। ये एलर्जन इनडोर और आउटडोर दोनों जगह पाए जाते है। इसके अलावा कुर्सी पर बैठकर घंटों काम करने से भी ये समस्या बढ़ने लगती है।

       इसके कॉन्टेक्ट डर्माटाइटिस भी इस समस्या को बढ़ा देता है। इसके चलते टांगों में खुजली बढ़ती है। नेल पेन्ट और परफ्यूम लगाने से भी ये समस्या बढ़ने लगती है।

*3. डायबिटीज़ का खतरा :*

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ऐंड प्रिवेंशन की रिसर्च के अनुसार डायबिटीज़ के चलते ब्लड सर्कुलेशन कम होने लगता है। इसके चलते खुजली, रेडनेस, इंफ्लामेशन और त्वचा संबधी समस्याएं बढ़ने लगती हैं। हाई ब्लड शुगर लेवल से टांगों की त्वचा रूखी लगने लगती है और इंफ्लामेशन का खतरा बना रहता है।

*4. सिथेंटिक कपड़े पहनना :*

गर्मी के मौसम में बार बार पसीना आने से त्वचा में मॉइश्चर एकत्रित होने लगता है, जिससे जांघों की खुजली बढ़ने लगती है। इसके चलते जॉक इच और थाइज़ में खुजली बनी रहती है। साथ ही जिम में होने वाली स्वैटिंग के बाद तुरंत कपड़े न बदलने से भी त्वचा पर रैशेज बढ़ने लगते है। ऐसे में ब्रीथएबल कॉटन के कपड़े पहनें और हाइजीन का भी ख्याल रखें।

*जानें जांघों की खुजली को दूर करने के उपाय :*

1. स्किन को मॉइश्चराइज़ करें :

त्वचा को रूखेपन से बचाने के लिए दिन में दो बार मॉइश्चराइज़न का इस्तेमाल करें। खासतौर से नहाने के बाद और सोने से पहले जांघों पर मॉइश्चराइज़न को अप्लाई करना न भूलें। इससे खुजली की समस्या से बचा जा सकता है। इससे स्किन की फ्लेकीनेस कम होती है और लचीलापन बढ़ने लगता है।

*2. ओटमील बाथ लें :*

खुजली से राहत पाने और त्वचा को स्मूदनेस प्रदान करने के लिए ओटमील बाथ अवश्य लें। इससे त्वचा पर बढ़ने वाली खुजली को कम किया जा सकता है। साथ ही स्किन का लचीलापन बढ़ने लगता है। इसके लिए नहाने से पहले बाथ टब में ओटमील पाउडर और एप्सम सॉल्ट को मिलाएं। इससे त्वचा की स्मूदनेस बरकरार रहती है।

*3. हॉट शावर लेने से बचें :*

स्किन में बढ़ने वाली शुष्कता को कम करने के लिए गर्म पानी से नहाने से बचें। गर्म पानी से नहाने के बाद त्वचा की नमी खो जाती है और फिर रूखापन बढ़ने लगता है। हल्के गुनगुने पानी से नहाने से त्वचा को सुकून की प्राप्ति होती है।

*4. कोल्ड क्रप्रैस की मदद लें :*

कोल्ड क्रप्रैंस या रूमाल में बर्फ को लपेटकर थाइज़ पर मसाज करने से खुजली को कम किया जा सकता है। साथ ही खुजली से बढ़ने वाली रैशेज की समस्या हल हो जाती है। बर्फ की मदद से त्वचा पर बढ़ने वाली इंफ्लामेशन से राहत मिल जाती है और त्वचा स्वस्थ रहती है।

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